सरकार मांसाहार के बढ़ावा दे रही है? जयराम ने आर्थिक सर्वे को लेकर पूछे सवाल

सरकार मांसाहार के बढ़ावा दे रही है? जयराम ने आर्थिक सर्वे को लेकर पूछे सवाल


नई
दिल्ली:

सोमवार
को
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
संसद
में
आर्थिक
सर्वेक्षण
2023-24
पेश
किया.
वहीं
आज
वह
संसद
में
बजट
पेश
करेंगे.
बता
दें
कि
बजट
से
ठीक
एक
दिन
पहले
आर्थिक
सर्वेक्षण
जारी
होता
है.
यह
एक
तरह
का
रिपोर्ट
कार्ड
होता
है.इसमें
सरकार
पिछले
कारोबारी
साल
के
खर्चों,
महंगाई
दर,
बेरोजगारी
दर
आदि
आंकड़ें
जारी
करते
हैं.
आर्थिक
सर्वेक्षण
को
लेकर
कांग्रेस
ने
सरकार
पर
सवाल
उठाया
है.

कांग्रेस
नेता
जयराम
रमेश
ने
X
पर
पोस्ट
कर
आर्थिक
सर्वेक्षण
को
लेकर
सवाल
उठाया
है.
उन्होंने
X
पर
अपने
पोस्ट
में
कहा
‘क्या
आर्थिक
सर्वेक्षण
सावन
के
पहले
दिन
मांसाहार
को
बढ़ावा
दे
रहा
है?
छोटे
किसानों
की
आय
चावल,
गेहूं
या
यहां
तक
​​कि
बाजरा,
दालें
और
तिलहन
पैदा
करके
नहीं
बढ़ाई
जा
सकती.
उन्हें
उच्च
मूल्य
वाली
कृषि

फल
और
सब्जियां,
मत्स्य
पालन,
मुर्गी
पालन,
डेयरी
और
भैंस
के
मांस
की
ओर
रुख
करना
होगा.’



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मिडिल
क्लास
का
कौन
सा
सपना
होगा
पूरा


क्या
कहा
गया
था
आर्थिक
सर्वेक्षण?

आर्थिक
सर्वेक्षण
में
कहा
गया
है
कि
किसान
क्रेडिट
कार्ड
(केसीसी)
ने
कृषि
ऋण
की
सुलभता
को
सुव्यवस्थित
किया
है
और
31
जनवरी,
2024
तक
बैंकों
ने
9.4
लाख
करोड़
रुपये
की
सीमा
के
साथ
7.5
करोड़
केसीसी
जारी
किए
हैं.
एक
और
उपाय
के
रूप
में,
2018-19
में
मत्स्य
पालन
और
पशुपालन
गतिविधियों
की
कार्यशील
पूंजी
की
जरूरतों
को
पूरा
करने
के
लिए
केसीसी
को
बढ़ाया
गया,
साथ
ही
बिना
गारंटी
के
ऋण
की
सीमा
को
बढ़ाकर
1.6
लाख
रुपये
कर
दिया
गया.

उधारकर्ताओं,
दूध
संघों
और
बैंकों
के
बीच
त्रिपक्षीय
समझौते
(TPA)
के
मामले
में,
बिना
गारंटी
के
ऋण
3
लाख
रुपये
तक
दिया
जा
सकता
है.
31
मार्च,
2024
तक,
मत्स्य
पालन
और
पशुपालन
गतिविधियों
के
लिए
क्रमशः
3.49
लाख
केसीसी
और
34.5
लाख
केसीसी
जारी
किए
गए.
आर्थिक
सर्वेक्षण
में
कहा
गया
है
कि
संयुक्त
देयता
समूह
(जेएलजी)
पट्टे
पर
खेती
करने
वाले
किसानों
के
लिए
ऋण
के
एक
आवश्यक
स्रोत
के
रूप
में
उभरे
हैं.
पिछले
पांच
वर्षों
में
जेएलजी
खातों
में
43.76
प्रतिशत
की
चक्रवृद्धि
वार्षिक
वृद्धि
दर
(सीएजीआर)
से
वृद्धि
हुई
है,
जो
पट्टे
पर
खेती
करने
वाले
किसानों
और
हाशिए
के
वर्गों
की
ऋण
आवश्यकताओं
को
पूरा
करने
में
एक
महत्वपूर्ण
स्रोत
के
रूप
में
उभर
कर
आया
है.

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