कौन थे आजाद भारत के पहले वित्तमंत्री, जिन्होंने नवंबर में पेश किया पहला बजट

कौन थे आजाद भारत के पहले वित्तमंत्री, जिन्होंने नवंबर में पेश किया पहला बजट


हाइलाइट्स


ये
बजट
देश
की
आजादी
के
दो
महीने
बाद
पेश
हुआ
पहले
वित्त
मंत्री
थे
आर्थिक
विशे्षज्ञ
आर
के
षण्मुखम
चेट्टी
पहला
बजट
भी
करीब
26
करोड़
के
घाटे
का
बजट
था

वित्त
मंत्री
निर्माला
सीतारमण
आज
आम
बजट
2024
संसद
में
पेश
करने
जा
रही
हैं.
चुनाव
से
पहले
अंतरिम
बजट
पेश
किया
गया
था.
ये
उसके
बाद
पूरा
बजट
है.
मगर
क्या
आप
जानते
हैं
कि
आजाद
भारत
का
पहला
बजट
किसने
पेश
किया
था?
ये
बजट
देश
की
आजादी
के
महज
दो
महीने
के
बाद
ही
पेश
किया
गया
था.

स्वतंत्र
भारत
का
पहला
केंद्रीय
बजट
भारत
के
पहले
वित्त
मंत्री
आर
के
षण्मुखम
चेट्टी
(R.
K.
Shanmukham
Chetty)
ने
26
नवंबर
1947
को
पेश
किया
था.
चेट्टी
का
जन्म
1892
में
हुआ
था.
वे
एक
वकील,
राजनेता,
और
अर्थशास्त्री
थे.

भारत
के
वित्त
मंत्री
का
पदभार
संभालने
से
पहले
चेट्टी
1933
से
1935
तक
भारत
में
केन्द्रीय
विधान
सभा
(India’s
Central
Legislative
Assembly)
के
अध्यक्ष
थे.
1935-1941
तक
षण्मुखम
चेट्टी
भारत
में
चेट्टी
कोच्चि
राज्य
के
दीवान
भी
थे.
उन्होंने
1947
से
1949
तक
भारत
के
वित्त
मंत्री
के
तौर
पर
सेवाएं
दी
थीं.


ये
हैं
पहले
बजट
की
मुख्य
बातें

नवंबर
1947
में
भारत
का
जो
पहला
बजट
पेश
किया
गया
था
वो
बिना
किसी
टैक्स
प्रपोजल
के
था.
बजट
के
कुल
राजस्व
का
अनुमान
171.15
करोड़
रुपये
था.
जबकि
उस
वक्त
राजकोषीय
घाटा
करीब
26.24
करोड़
रुपये
था.
वर्ष
के
लिए
कुल
खर्च
का
अनुमान
197.29
करोड़
रुपये
था.

पूरे
खर्च
में
से
92.74
करोड़
रुपये
सुरक्षा
मामलें
के
चलते
अनुमान
लगाया
था.
डिपार्टमेंट
ऑफ
इकोनॉमिक
अफेयर्स
की
वेबसाइट
के
मुताबिक,
षणमुखम
चेट्टी
द्वारा
पेश
किए
गए
बजट
स्टेटमेंट
में
15
अगस्त,
1947
से
31
मार्च,
1948
तक
के
साढ़े
सात
महीने
की
अवधि
को
ही
कवर
किया
गया
था.

आर
के
षण्मुखम
चेट्टी
ने
बजट
भाषण
इन
शब्दों
के
साथ
शुरू
किया
था-
मैं
आजाद
और
स्वतंत्र
भारत
का
पहला
बजट
पेश
करने
के
लिए
खड़ा
हुआ
हूं.
इस
अवसर
को
ऐतिहासिक
माना
जाएगा,
और
ये
मेरे
लिए
गर्व
की
बात
है
कि
एक
वित्त
मंत्री
के
रूप
में
मुझे
ये
जिम्मेदारी
मिली
है
कि
मैं
इस
बजट
को
पेश
करूं.
हालांकि
बाद
में
उन्हें
इस्तीफा
देना
पड़ा.

3
मई
1953
को

के
षण्मुखम
चेट्टी
को
दिल
का
दौरा
पड़ा
जिससे
उनकी
हालत
अस्थिर
हो
गई
और
फिर
5
मई
1953
को
दूसरा
दिल
का
दौरा
पड़ने
से
उनका
निधन
हो
गया.

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