इनकम टैक्स स्लैब : स्टैंडर्ड डिडक्शन, हाउसिंग लोन के ब्याज पर अहम ऐलान संभव

इनकम टैक्स स्लैब : स्टैंडर्ड डिडक्शन, हाउसिंग लोन के ब्याज पर अहम ऐलान संभव


हाइलाइट्स


न्यू
टैक्स
रिजीम
को
अधिक
आकर्षक
बनाने
के
लिए
इसमें
बदलाव
हो
सकते
हैं.


बजट
में
स्टैंडर्ड
डिडक्शन
लिमिट
और
सेक्शन
80c
में
बढ़ोतरी
संभव
है.


इनकम
टैक्स
में
बेसिक
एक्सम्पशन
लिमिट
5
लाख
रुपये
तक
की
जा
सकती
है.


Budget
2024:

आम
बजट
का
काउंटडाउन
शुरू
हो
गया
है.
अब
से
थोड़ी
देर
बाद
ठीक
11
बजे
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
संसद
में
बजट
भाषण
शुरू
करेंगी.
हर
बार
की
तरह
इस
बजट
में
भी
टैक्सपेयर्स
और
नौकरीपेशा
लोगों
की
नजर,
इनकम
टैक्स
स्लैब
में
बदलाव,
स्टैंडर्ड
डिडक्शन
में
बढ़ोतरी
और
हाउसिंग
लोन
के
ब्याज
और
सेक्शन
80C
में
और
राहत
मिलने
पर
रहेगी.
हालांकि,
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
कहां,
कितनी
राहत
देंगी.
यह
11
बजे
के
बाद
साफ
हो
जाएगा.
उम्मीद
जताई
जा
रही
है
कि
सरकार
इनकम
टैक्स
स्लैब
में
बदलाव
करके
टैक्सपेयर्स
को
खुश
कर
सकती
है,
साथ
ही
स्टैंडर्ड
डिडक्शन
में
भी
बढ़ोतरी
कर
सकती
है.



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वाली
उज्जवला
योजना
में
क्या
होगा?


इनकम
टैक्स
लिमिट
में
बढ़ोतरी
संभव:

इस
बात
की
संभावना
है
कि
नई
कर
व्यवस्था
के
तहत
बेसिक
एक्सम्पशन
लिमिट
(मूल
छूट
सीमा)
को
3
लाख
से
बढ़ाकर
5
लाख
रुपये
किया
जा
सकता
है.
इस
फैसले
से
कम
आय
वर्ग
वाले
करदाताओं
को
बड़ी
राहत
मिलेगी.


न्यू
टैक्स
रिजीम
में
बदलाव:

सरकार
नई
कर
व्यवस्था
को
अधिक
आकर्षक
बनाने
के
लिए
इसमें
और
बदलाव
कर
सकती
है.
इसमें
टैक्स
स्लैब
में
समायोजन
या
अतिरिक्त
कटौती
की
सौगात
मिल
सकती
है.


स्टैंडर्ड
डिडक्शन
में
बढ़ोतरी:

नौकरीपेशा
वर्ग
को
बड़ी
राहत
देने
के
मकसद
से
सरकार
स्टैंडर्ड
डिडक्शन
लिमिट
को
बढ़ा
सकती
है.
फिलहाल,
यह
लिमिट
50,000
रुपये
है,
जिसे
1
लाख
रुपये
किए
जाने
की
उम्मीद
है.


सेक्शन
80c
की
लिमिट
बढ़ेगी:

ओल्ड
टैक्स
रिजीम
में
टैक्सपेयर्स
को
सेक्शन
80c
के
तहत
1.50
लाख
रुपये
तक
की
छूट
मिलती
है.
माना
जा
रहा
है
कि
बजट
में
इस
टैक्स
छूट
को
डेढ़
लाख
से
बढ़ाकर
2
लाख
रुपये
की
जा
सकती
है.


होम
लोन
के
ब्याज
पर
ज्यादा
टैक्स
छूट:

आयकर
अधिनियम
की
धारा
24(b)
के
तहत
होम
लोन
पर
2
लाख
रुपये
तक
के
ब्याज
पर
टैक्स
छूट
का
दावा
किया
जा
सकता
है.
हालांकि,
इस
कटौती
को
बढ़ाकर
4
लाख
रुपये
किए
जाने
की
मांग
की
जा
रही
है.
वहीं,
रियल
एस्टेट
से
जुड़े
कुछ
जानकारों
ने
इस
सीमा
को
5
लाख
रुपये
तक
किए
जाने
की
मांग
की
है.
इससे
आम
आदमी
के
साथ-साथ
प्रॉपर्टी
मार्केट
में
सुधार
होगा.

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