हिमांशु
मित्तल.
कोटा.
राजस्थान
की
भजनलाल
सरकार
ने
अपनी
बजट
घोषणाओं
को
जमीन
पर
उतारना
शुरू
कर
दिया
है.
इसके
तहत
प्रदेश
में
किसानों
को
राहत
देते
हुए
कृषि
विद्युत
कनेक्शन
के
बढ़े
हुए
लोड
को
नियमित
करवाने
के
लिए
‘स्वैच्छिक
भार
वृद्धि
योजना’
लागू
कर
दी
गई
है.
इसकी
हाल
ही
में
राजस्थान
के
बजट
में
घोषणा
की
गई
थी.
उसके
बाद
ऊर्जा
मंत्री
हीरालाल
नागर
के
निर्देश
पर
इस
बजट
घोषणा
को
लागू
कर
दिया
गया
है.
योजना
के
अनुसार
किसान
अब
कृषि
कनेक्शन
के
अनधिकृत
बढ़े
हुए
लोड
को
आगामी
31
दिसंबर
2024
तक
नियमित
करवा
सकेगा.
ये
योजना
31
दिसंबर
2023
तक
जारी
कृषि
कनेक्शनों
पर
ही
लागू
होगी.
योजना
के
अनुसार
यदि
किसी
कृषि
उपभोक्ता
का
विद्युत
कनेक्शन
भार
बढ़ा
हुआ
मिला
तो
उस
पर
कोई
जुर्माना
नहीं
लगाया
जाएगा.
उपभोक्ता
केवल
धरोहर
राशि
के
रूप
में
60
रुपये
प्रति
एचपी
की
दर
से
जमा
करवाकर
इस
भार
को
नियमित
करवा
सकेगा.
योजना
की
समाप्ति
के
बाद
जुर्माना
वसूला
जाएगा
यदि
उपभोक्ता
इस
योजना
का
लाभ
नहीं
उठाते
हैं
तो
योजना
की
अवधि
समाप्ति
पर
चैकिंग
के
दौरान
उनका
भार
स्वीकृत
भार
से
अधिक
मिला
तो
बढ़े
हुए
भार
पर
कृषि
नीति
आरईओ
267
के
अनुसार
राशि
वसूली
जाएगी.
इसके
अलावा
दो
वर्ष
पूर्व
तक
कटे
हुए
कनेक्शनों
को
यदि
उपभोक्ता
भार
वृद्धि
के
साथ
जुड़वाना
चाहता
है
तो
वह
भी
इस
योजना
का
लाभ
ले
सकता
है.
योजना
अवधि
में
लाभ
उठाने
वाले
कृषि
उपभोक्ताओं
के
लिए
आवश्यक
होने
पर
ट्रांसफार्मर
क्षमता
वृद्धि
और
नई
11
केवी
लाइन
तथा
सब-स्टेशन
का
खर्चा
निगम
की
ओर
से
वहन
किया
जाएगा.
वीसीआर
को
भी
नियमित
कराया
जा
सकेगा
ऐसे
कृषक
जो
उसी
कुंए
पर
दूसरी
मोटर
लगाकर
भार
वृद्धि
करते
हैं
अथवा
दूसरे
कुंए
पर
जो
उसी
खसरा,
खेत,
परिसर
या
मुरब्बे
में
हो
लेकिन
दूसरी
मोटर
चलाने
के
लिए
भार
बढ़ाते
हैं
उन्हें
इस
योजना
का
लाभ
नहीं
दिया
जाएगा.
यदि
उपभोक्ता
को
पहले
से
ही
दो
मोटरें
स्वीकृत
है
और
वह
उनके
भार
में
वृद्धि
करना
चाहता
है
तो
वह
इस
योजना
का
लाभ
ले
सकता
है.
योजना
लागू
होने
के
दौरान
यदि
किसी
उपभोक्ता
की
बढ़े
हुए
भार
की
वीसीआर
भरी
जा
चुकी
है
तो
वह
भी
योजना
के
प्रावधानों
के
अनुसार
नियमित
की
जाएगी.
स्वैच्छिक
भार
वृद्धि
घोषणा
योजना
की
समाप्ति
के
बाद
भार
सत्यापन
के
लिए
विशेष
अभियान
चलाया
जाएगा.
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FIRST
PUBLISHED
:
July
23,
2024,
13:49
IST