लोकसभा
के
मानसून
सत्र
के
दूसरे
दिन
आज
मंगलवार
को
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
आम
बजट
पेश
किया.
निर्मला
सीतारमण
ने
केंद्रीय
बजट
पेश
करते
हुए
कहा
कि
सरकार
का
लक्ष्य
वर्ष
2025-26
में
राजकोषीय
घाटे
को
4.5
प्रतिशत
तक
लाने
का
है.
इसके
अलावा
वित्त
मंत्री
ने
अलग-अलग
क्षेत्रों
के
लिए
तमाम
योजनाओं
की
घोषणा
की.
बजट
को
लेकर
तमाम
दल
अलग-अलग
तरह
की
प्रतिक्रिया
दे
रहे
हैं.
विपक्षी
दलों
ने
मोदी
3.0
के
इस
बजट
को
‘कुर्सी
बचाओ
बजट’,
‘कॉपी
पेस्ट
बजट’,
‘प्रधानमंत्री
सरकार
बचाओ
योजना’
और
‘नकलची
बजट’
जैसी
उपमाएं
दी
है.
लोकसभा
में
नेता
प्रतिपक्ष
राहुल
गांधी
ने
आरोप
लगाया
कि
सरकार
ने
‘कुर्सी
बचाओ’
बजट
पेश
किया
है
जिसमें
भारतीय
जनता
पार्टी
को
खुश
करने
के
लिए
दूसरे
राज्यों
की
कीमत
पर
खोखले
वादे
किए
गए
हैं.
उन्होंने
यह
दावा
भी
किया
कि
यह
बजट
कांग्रेस
के
चुनावी
घोषणापत्र
और
पिछले
कुछ
बजट
की
नकल
है.
राहुल
गांधी
ने
‘एक्स’
पर
पोस्ट
किया,
‘सहयोगियों
को
खुश
करने
के
लिए
अन्य
राज्यों
की
कीमत
पर
उनसे
खोखले
वादे
किए
गए.
अपने
मित्रों
को
खुश
किया
गया,
‘एए’
को
लाभ
दिया
गया,
लेकिन
आम
भारतीय
को
कोई
राहत
नहीं
दी
गई.’
उन्होंने
आरोप
लगाया,
कांग्रेस
का
घोषणापत्र
और
पिछले
कुछ
बजट
का
‘कॉपी
पेस्ट’
किया
गया
है.’
वित्त
मंत्री
सीतारमण
ने
बजट
में
‘प्रधानमंत्री
इंटर्नशिप
योजना’
की
घोषणा
की
है
जिसके
तहत
युवाओं
को
इंटर्नशिप
के
साथ
5,000
रुपये
का
मासिक
भत्ता
मिलेगा.
कांग्रेस
ने
हाल
में
संपन्न
हुए
लोकसभा
चुनाव
के
लिए
जारी
अपने
घोषणापत्र
(न्याय
पत्र)
में
प्रशिक्षुता
के
अधिकार
का
वादा
किया
था
जिसके
तहत
उसने
डिप्लोमा
एवं
डिग्रीधारक
बेरोजगार
युवाओं
को
प्रशिक्षण
के
साथ
एक
साल
तक
हर
महीने
8500
रुपये
देने
का
वादा
किया
था.
कांग्रेस
ने
इस
कार्यक्रम
को
‘पहली
नौकरी
पक्की’
नाम
भी
दिया
था.
कांग्रेस
ने
कटाक्ष
करते
कहा
कि
सरकार
को
मुख्य
विपक्षी
दल
का
धन्यवाद
करना
चाहिए
क्योंकि
उसने
जिस
इंटर्नशिप
योजना
की
घोषणा
की
है
वह
इस
लोकसभा
चुनाव
के
विपक्षी
पार्टी
के
घोषणापत्र
में
किए
गए
प्रशिक्षुता
के
अधिकार
के
वादे
पर
आधारित
है.
कांग्रेस
अध्यक्ष
मल्लिकार्जुन
खरगे
ने
मंगलवार
को
आरोप
लगाया
कि
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
देश
की
तरक्की
वाला
नहीं,
बल्कि
‘मोदी
सरकार
बचाओ’
बजट
पेश
किया
है.
उन्होंने
यह
दावा
भी
किया
कि
यह
‘नकलची
बजट’
है
जिसमें
सरकार
कांग्रेस
के
‘न्याय’
के
एजेंडे
की
ठीक
तरह
से
नकल
नहीं
कर
पाई
है.
मल्लिकार्जुन
खरगे
ने
‘एक्स’
पर
पोस्ट
किया,
‘कांग्रेस
के
न्याय
के
एजेंडे
को
ठीक
तरह
से
कॉपी
भी
नहीं
कर
पाया
मोदी
सरकार
का
‘नकलची
बजट’!
मोदी
सरकार
का
बजट
अपने
गठबंधन
के
साथियों
को
ठगने
के
लिए
आधी-अधूरी
‘रेवड़ियां’
बांट
रहा
है,
ताकि
राजग
बची
रहे.
यह
‘देश
की
तरक्की’
का
बजट
नहीं,
‘मोदी
सरकार
बचाओ’
बजट
है.’
मोदी
सरकार
ने
युवाओं
के
लिए
कांग्रेस
की
योजना
कॉपी-पेस्ट
की
और
नाम
बदल
दिया।सारा
देश
महंगाई
से
जूझ
रहा
है,
लेकिन
बजट
में
महंगाई
के
खिलाफ
कदम
उठाने
की
बात
नहीं
की
गई।इस
बजट
में
सिर्फ
कुर्सी
बचाने
के
लिए
कुछ
लोगों
को
खुश
किया
गया
है।:
कांग्रेस
अध्यक्ष
व
राज्य
सभा
में
नेता…
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Congress
(@INCIndia)
July
23,
2024
कांग्रेस
अध्यक्ष
ने
कटाक्ष
करते
हुए
कहा
कि
20
मई
2024,
यानी
चुनाव
के
दौरन
ही
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
एक
साक्षात्कार
में
दावा
किया
था
कि
‘100
दिनों
की
कार्य
योजना
हमारे
पास
पहले
से
ही
है.
जब
कार्य
योजना
दो
महीने
पहले
थी
तो
कम
से
कम
बजट
में
ही
बता
देते.
पार्टी
महासचिव
जयराम
रमेश
ने
यह
दावा
भी
किया
कि
सीतारमण
का
बजट
भाषण
दिखावे
पर
ज्यादा
केंद्रित
रहा
है
तथा
केंद्र
सरकार
ने
10
साल
तक
इनकार
करने
के
बाद
स्वीकार
किया
है
कि
बेरोजगारी
राष्ट्रीय
संकट
है
जिस
पर
तत्काल
ध्यान
देने
की
जरूरत
है.
जयराम
रमेश
ने
‘एक्स’
पर
पोस्ट
किया,
‘वित्त
मंत्री
ने
कांग्रेस
के
न्याय
पत्र-2024
से
सीख
ली
है
और
इसका
इंटर्नशिप
कार्यक्रम
स्पष्ट
रूप
से
कांग्रेस
के
प्रस्तावित
प्रशिक्षुता
कार्यक्रम
पर
आधारित
है,
जिसे
‘पहली
नौकरी
पक्की’
कहा
गया
था.
उन्होंने
दावा
किया
कि
10
साल
के
इनकार
के
बाद
ऐसा
लगता
है
कि
केंद्र
सरकार
अंततः
चुपचाप
स्वीकार
करने
के
लिए
आगे
आई
है
कि
बड़े
पैमाने
पर
बेरोजगारी
एक
राष्ट्रीय
संकट
है
जिस
पर
तत्काल
ध्यान
देने
की
आवश्यकता
है.
कांग्रेस
के
वरिष्ठ
नेता
पी.
चिदंबरम
ने
कटाक्ष
करते
हुए
कहा
कि
उन्हें
इस
बात
की
खुशी
हुई
है
कि
लोकसभा
चुनाव
के
बाद
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
मुख्य
विपक्षी
दल
का
घोषणापत्र
पढ़ा,
कांग्रेस
के
मीडिया
विभाग
के
प्रमुख
पवन
खेड़ा
ने
सोशल
मीडिया
पर
पोस्ट
किया,
‘कॉपी-पेस्ट
सरकार.
2024-25
के
बजट
में
कांग्रेस
के
घोषणा
पत्र
का
असर.
निर्मला
सीतारमण
को
कांग्रेस
के
‘न्याय
पत्र
2024’
का
सहारा
लेना
पड़ा.
कांग्रेस
के
5
‘न्याय’
में
सबसे
पहला
युवा
न्याय.
पहली
नौकरी
पक्की:
युवा
न्याय
के
तहत
हर
डिग्री/
डिप्लोमा
धारक
को
एक
लाख
रुपये
मानदेय
देने
का
वादा
किया
गया
था.’
सपा
ने
कहा
सरकार
बचाने
का
प्रयास
समाजवादी
पार्टी
के
अध्यक्ष
अखिलेश
यादव
ने
केंद्रीय
बजट
में
आंध्र
प्रदेश
और
बिहार
के
लिए
की
गई
घोषणाओं
को
‘सरकार
बचाने’
का
प्रयास
करार
दिया
और
आरोप
लगाया
कि
सरकार
ने
किसानों
और
नौजवानों
के
साथ
पूरे
देश
की
अनदेखी
की
है.
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
देश
का
नौजवान
आधी-अधूरी
नहीं,
बल्कि
पक्की
नौकरी
चाहता
है.
झारखंड
मुक्ति
मोर्चा
की
सांसद
महुआ
मांझी
ने
आरोप
लगाया
कि
यह
निराशाजनक
बजट
है.
उन्होंने
कहा
कि
इस
बजट
में
आदिवासियों
के
रोजगार
के
लिए,
उनका
पलायन
रोकने
के
लिए
और
आदिवासी
महिलाओं
की
तस्करी
को
रोकने
के
लिए
कुछ
नहीं
किया
गया.
शिवसेना
ने
कहा-
सरकार
बचाओ
बजट
शिवसेना
(यूबीटी)
की
सांसद
प्रियंका
चतुर्वेदी
ने
कहा
कि
इस
बजट
को
‘प्रधानमंत्री
सरकार
बचाओ
योजना’
कहा
जाना
चाहिए
.
उन्होंने
यह
दावा
भी
किया
कि
बजट
में
महाराष्ट्र
के
लिए
कुछ
भी
नहीं
था.
यह
राज्य
केंद्र
को
पैसा
देने
के
लिए
दुधारू
गाय
बना
रहेगा,
लेकिन
राज्य
के
विकास
के
लिए
पैसा
नहीं
दिया
जाएगा.
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FIRST
PUBLISHED
:
July
23,
2024,
16:12
IST