इस
तरह
युवक
ने
किया
अभिषेक।
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
धार्मिक
नगरी
उज्जैन
में
एक
वीडियो
सोशल
मीडिया
पर
जमकर
वायरल
हो
रहा
है,
जिसमें
एक
व्यक्ति
अपने
खून
से
भगवान
शिव
का
अभिषेक
करते
हुए
दिखाई
दे
रहा
है।
शिव
मंदिर
पर
चल
रहे
इस
अभिषेक
पूजन
में
कई
पंडित
और
पुजारी
मौजूद
हैं,
जो
शिव
तांडव
और
मंत्रोच्चार
के
साथ
रक्त
अभिषेक
करवा
रहे
हैं।
भगवान
शिव
के
खून
से
किए
जा
रहे
हैं
अभिषेक
के
वायरल
वीडियो
की
पड़ताल
की
गई
तो
पता
चला
कि
यह
उज्जैन
के
ढांचा
भवन
क्षेत्र
में
रहने
वाले
रौनक
गुर्जर
का
है,
जिनके
द्वारा
क्षेत्र
में
स्थित
बिलकेश्वर
महादेव
मंदिर
पर
21
पंडितों
की
उपस्थिति
में
रक्त
अभिषेक
किया
गया।
इस
अभिषेक
में
लगभग
4:30
मिनट
तक
मंत्रोच्चार
के
बीच
भगवान
शिव
को
खून
चढ़ाया
गया।
Trending
Videos
रावण
ने
शीश
चढ़ाया,
मैंने
रक्त
से
किया
अभिषेक
भगवान
शिव
का
खून
से
अभिषेक
करने
वाले
रौनक
गुर्जर
का
कहना
है
कि
मैं
कई
वर्षों
से
रामायण
का
निरंतर
पाठ
करता
हूं,
जिसमें
रावण
की
भक्ति
के
बारे
में
भी
बताया
गया
है।
रावण
ने
अपने
सिर
काटकर
भगवान
शिव
को
अर्पित
किए
थे।
ऐसे में
मेरे
मन
में
यह
बात
आई
कि
भले
ही
मेरा
शरीर
रावण
की
तरह
बड़ा
न
हो,
लेकिन
मुझे
भगवान
शिव
की
भक्ति
कुछ
इसी
प्रकार
करनी
चाहिए।
इस
कारण
मैंने
अपने
खून
से
भगवान
शिव
का
अभिषेक
किया
है,
मैं
रावण
की
तरह
ही
भगवान
शिव
से
बहुत
प्यार
करता
हूं।
विज्ञापन
विज्ञापन
क्या
जरूरी
है
ऐसी
भक्ति?
इस
तरह
के
अभिषेक
को
लेकर
श्री
महाकालेश्वर
मंदिर
के
पुजारी
पंडित
महेश
शर्मा
से
बात
की
गई।
उन्होंने
कहा
कि
शास्त्रों
में
सभी
प्रकार
की
पूजा
का
उल्लेख
है।
तामस
पूजा,
ओघड़
पूजा,
सात्विक
पूजा
के
बारे
में
बताया
गया
है।
अगर,
कोई
औघड़
पूजा
या
तामस
पूजा
करता
है
तो
इसे
सार्वजनिक
स्थानों
पर
नहीं
करना
चाहिए।
ऐसी
पूजा
का
प्रदर्शन
करने
से
लोगों
के
बीच
गलत
संदेश
पहुंचता
है।
कुछ
लोग
लोग
इससे
प्रभावित
होते
हैं
तो
इसके
दुष्परिणाम
भी
सामने
आते
हैं।
मेरे
हिसाब
से
अगर
किसी
को
भगवान
शिव
को
प्रसन्न
करना
है
तो
उसे
एक
लोटा
जल
और
बेलपत्र
अर्पित
कर
सात्विक
रूप
करनी
चाहिए।
भगवान
भोलेनाथ
भोले
हैं,
उनकी
कृपा
सभी
पर
होती
है।
मेडिकल
टीम
भी
रही
मौजूद
वायरल
वीडियो
में
दिखाई
दे
रहा
है
कि
भगवान
शिव
का
खून
से
अभिषेक
करने
के
पहले
एक
प्रशिक्षित
व्यक्ति
आता
है
और
रौनक
गुर्जर
के
सीधे
हाथ
में
खून
डोनेट
करने
वाली
नली
लगाई
जाती
है।
इसके
बाद
इसी
के
जरिए
भगवान
शिव
का
अभिषेक
करवाता
है,
अभिषेक
पूर्ण
नहीं
होने
पर
वह
व्यक्ति
रौनक
गुर्जर
को
पकड़कर
वहीं
खड़ा
रहता
है।
अभिषेक
होने
के
बाद
हाथ
में
लगी
नली
को
निकाल
दिया
जाता
है।