ऑल
इंडिया
इंस्टीट्यूट
ऑफ
मेडिकल
साइंसेज
में
इलाज
के
लिए
आने
वाले
मरीजों
और
परिजनों
को
अब
अस्पताल
के
बाहर
सड़क
या
अंडरपास
में
जमीन
पर
लेटकर
रातें
नहीं
गुजारनी
होंगी.
मरीजों
और
उनके
साथ
आए
परिजनों
की
सुविधा
के
लिए
एम्स
नई
दिल्ली
और
एयरपोर्ट
अथॉरिटी
ऑफ
इंडिया
मिलकर
शानदार
पार्किंग
कम
वेटिंग
लाउंज
बनाने
जा
रही
है.
इन
लाउंज
को
बनाने
के
लिए
एम्स
प्रबंधन
और
एयरपोर्ट
अथॉरिटी
ऑफ
इंडिया
के
बीच
में
आज
एमओयू
साइन
हुआ
है.
एम्स
में
मरीजों
के
लिए
शुरू
की
जा
रही
इस
सुविधा
को
लेकर
मीडिया
डिविजन
इंचार्ज
प्रो.
रीमा
दादा
ने
बताया
कि
एम्स
में
कई
सारे
वेटिंग
लाउंज
बनाए
जाने
की
तैयारी
चल
रही
है.
से
सभी
लाउंज
एम्स
के
अलग-अलग
हिस्सों,
विभागों
और
आइसीयू
के
सामने
बनेंगे.
जिसमें
एक
कमेटी
हॉल
के
पास
बनकर
तैयार
भी
हो
चुका
है
और
दूसरा
राजकुमारी
अमृत
कौर
ओपीडी
के
पास
बन
रहा
है.
वहीं
अब
एयरपोर्ट
अथॉरिटी
के
साथ
मिलकर
ये
लाउंज
बनाए
जाएंगे.
ये
काफी
बड़े
वेटिंग
हॉल
होंगे,
यहां
एक
बार
में
कम
से
कम
500
से
600
लोगों
के
ठहरने
की
सुविधा
होगी.
हालांकि
मरीजों
का
आना-जाना
लगा
रहता
है,
ऐसे
में
यहां
24
घंटे
में
करीब
2
से
3
हजार
लोगों
को
आराम
मिल
सकेगा.
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डॉ.
दादा
ने
बताया
कि
इन
लाउंज
में
मरीजों
और
तीमारदारों
के
लिए
सभी
जरूरी
सुविधाएं
होंगी.
बहुत
दूर-दूर
से
मरीज
आते
हैं
तो
उन्हें
किसी
प्रकार
की
दिक्कत
न
हो,
इसके
लिए
ये
सभी
सुविधाएं
की
जा
रही
हैं,
ताकि
मरीज
का
इलाज
ज्यादा
दिन
चले
तो
उसके
परिजन
यहां
आराम
से
रह
सकें.
इन
लाउंज
में
पीने
के
पानी
की
वेंडिंग
मशीनें,
पंखे,
शौचालय,
बैठने
और
सोने
के
लिए
व्यवस्था
आदि
होगी.
डॉ.
दादा
कहती
हैं
कि
अभी
बहुत
सारे
मरीज
और
उनके
परिवारीजन
अस्पताल
परिसर
में
या
अस्पताल
के
बाहर
धूप
या
रात
में
इंतजार
के
लिए
ठिकाना
तलाशते
हैं,
लेकिन
एम्स
में
इन
वेटिंग
हॉल्स
के
बनने
के
बाद
मरीजों
को
काफी
राहत
मिलेगी.
इतना
ही
नहीं
एम्स
में
विश्राम
सदन
भी
हैं,
जहां
डॉक्टरों
के
लिखने
के
बाद
मरीज
और
उनके
तीमारदारों
को
रहने
और
खाने
की
व्यवस्था
मिलती
है.
बहुत
से
लोगों
को
इन
सुविधाओं
के
बारे
में
पता
ही
नहीं
है.
बता
दें
कि
आज
एयरपोर्ट
अथॉरिटी
ऑफ
इंडिया
के
चेयरमैन
आईएएस
संजीव
कुमार
और
दिल्ली
एम्स
के
निदेशक
डॉ.
एम
श्रीनिवास
ने
मिलकर
एमओयू
पर
हस्ताक्षर
किए
और
आने
वाले
दिनों
में
एम्स
के
अंदर
वेटिंग
लाउंज
बनाने
की
रूपरेखा
को
आगे
बढ़ाया.
इससे
एम्स
में
इन्फ्रास्ट्रक्चर
बढ़ने
के
साथ
ही
मरीजों
को
बड़ी
राहत
मिलेगी.
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FIRST
PUBLISHED
:
July
23,
2024,
19:16
IST