नई
दिल्ली.
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
मंगलवार
को
वित्त
वर्ष
2024-25
के
लिए
बजट
पेश
किया.
यह
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
के
नेतृत्व
वाली
तीसरी
सरकार
का
पहला
बजट
है.
सरकार
ने
अल्पसंख्यक
कार्य
मंत्रालय
के
बजट
में
20
फीसदी
से
अधिक
की
बढ़ोतरी
की
है.
केंद्रीय
बजट
में
इस
बार
अल्पसंख्यक
कार्य
मंत्रालय
के
लिए
कुल
3183.24
करोड़
रुपये
के
आवंटन
का
प्रावधान
किया
गया
है.
यह
पिछले
वित्त
वर्ष
के
संशोधित
बजट
की
तुलना
में
574.31
करोड़
रुपये
अधिक
है.
वित्त
वर्ष
2023-24
के
बजट
में
मंत्रालय
के
लिए
3097.60
करोड़
रुपये
के
आवंटन
का
प्रस्ताव
किया
गया
था.
हालांकि
संशोधित
बजट
में
यह
राशि
2608.93
करोड़
रुपये
हो
गई
थी.
सरकार
ने
वित्त
वर्ष
2024-25
के
बजट
में
अल्पसंख्यक
कार्य
मंत्रालय
को
3183.24
करोड़
रुपये
को
आवंटित
करने
का
प्रस्ताव
किया
है.
अल्पसंख्यक
बच्चों
के
लिए
प्री-मैट्रिक
छात्रवृत्ति
के
लिए
इस
बार
326.16
करोड़
रुपये
तथा
पोस्ट-मैट्रिक
छात्रवृत्ति
के
लिए
1145.38
करोड़
रुपये
का
प्रावधान
किया
गया
है.
अल्पसंख्यकों
के
शैक्षणिक
सशक्तीकरण
के
लिए
सरकार
ने
बजट
में
कुल
1575.72
करोड़
रुपये
की
व्यवस्था
की
है.
मंत्रालय
की
प्रमुख
स्कीम
के
लिए
कुल
2120.72
करोड़
रुपये
का
प्रावधान
किया
गया
है.
मंत्रालय
के
प्रमुख
कार्यक्रमों
में
से
एक
‘प्रधानमंत्री
जन
विकास
कार्यक्रम’
के
लिए
इस
बार
910.90
करोड़
रुपये
के
आवंटन
का
प्रावधान
किया
गया
है.
बजट
में
टैक्स
से
जुड़े
विवादों
को
कम
करने
का
प्रस्ताव
सरकार
ने
टैक्स
से
जुड़े
विवादों
को
कम
करने
के
लिए
‘विवाद
से
विश्वास’
योजना-दो
लाने
का
प्रस्ताव
किया.
साथ
ही
दोबारा
आकलन
की
कार्रवाई
शुरू
करने
की
समय-सीमा
में
कमी
लाने
और
कानूनी
मंचों
पर
कर
अधिकारियों
के
लिए
अपील
दायर
करने
के
लिए
मौद्रिक
सीमा
बढ़ाने
की
भी
घोषणा
की
गई.
बजट
घोषणा
के
अनुसार,
आकलन
वर्ष
समाप्ति
के
बाद
तीन
साल
से
लेकर
पांच
साल
तक
की
अवधि
वाले
आयकर
मामलों
को
फिर
खोला
जा
सकेगा.
हालांकि
इसके
लिए
शर्त
है
कि
मामला
50
लाख
रुपये
या
उससे
अधिक
का
हो.
तलाशी
के
मामलों
में
भी
तलाशी
के
वर्ष
से
पहले
छह
साल
की
समयसीमा
का
प्रस्ताव
किया
गया
है,
जबकि
वर्तमान
में
यह
10
साल
की
समयसीमा
है.
FIRST
PUBLISHED
:
July
23,
2024,
20:56
IST