बजट
के
दौरान
हंगामा।
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
इंदौर
के
वोटरों
ने
अपने
गली
मोहल्लों
के
विकास
के
लिए
जिन्हें
पार्षद
बनाकर
नगर
निगम
भेजा।
वे
शहर
के
विकास
पर
गंभीर
चर्चा
के
बजाए
बुधवार
को
हंगामा
और
शोर
शराबा
करते
नजर
आए।
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आठ
हजार
करोड़
के
बजट,
बढाए
गए
टैक्स,100
करोड़
के
ड्रेनेज
घोटाले
पर
एक
लाइन
की
चर्चा
नहीं
हुई।
सत्तापक्ष
को
डर
था
कि
100
करोड़
के
घोटाले
के
मुद्देे
पर
उनकी
घेराबंदी
न
हो
जाए
इसलिए
कांग्रेस
के
पार्षदों
को
बोलने
नहीं
दिया।
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विपक्ष
की
इतनी
तैयारी
नहीं
थी
कि
वे
तार्किक
बात
कर
भाजपा
परिषद
को
कटघरे
में
खड़ा
कर
सके।
बस
दोनो
तरफ
से
हंगामा
बरपाया
गया
और
आठ
करोड़
के
बजट
को
मंजूर
करने
में
आठ
मिनिट
भी
नहीं
लगे।
इसके
लिए
भी
चार
बार
सदन
की
कार्यवाही
स्थगित
करना
पड़ी।
मेयर
पुष्य
मित्र
द्वारा
पेश
किए
गए
बजट
पर
बुधवार
को
बहस
होना
थी।
कांग्रेस
पार्षद
वाटर
टैक्स,
प्रॉपर्टी
टैक्स
में
की
गई
बढ़ोतरी
का
पुरजोर
विरोध
की
तैयारी
से
आए
थे।
राष्ट्रगीत
के
बाद
प्रश्नोत्तर
काल
के
लिए
विपक्ष
के
पार्षदों
को
बोलना
था।
पार्षद
फौजिया
शेख
अलीम
ने
बोलना
शुरू
किया
तो
भाजपा
पार्षदों
ने
यह
कहकर
हंगामा
शुरू
कर
दिया
कि
मंगलवार
को
कांग्रेस
पार्षद
सदन
छोड़कर
गए
थे,
इसलिए
उन्हें
बोलने
का
मौका
न
दिया
जाए।
हंगामे
के
कारण
सभापति
मुुन्नालाल
यादन
ने
सदन
की
कार्यवाही
दस
मिनट
के
लिए
स्थगित
कर
दी।
इसके
बाद
मेयर
पुष्य
मित्र
भार्गव
ने
कहा
कि
दिवंगत
लोगों
को
श्रद्धांजलि
देते
समय
कांग्रेस
पार्षदों
ने
हंगामा
किया
था।
यदि
वे
खेद
व्यक्त
करते
है
तो
सार्थक
बहस
हो
सकती
है।
नेता
प्रतिपक्ष
चिंटू
चौकसे
ने
कहा
कि
मेयर
गलत
आरोप
लगा
रहे
है।
वे
भ्रष्टाचार
के
मुद्दे
पर
बोलनेे
से
बच
रहे
है।
इसलिए
विपक्ष
को
बोलने
से
रोका
जा
रहा
है।
इसे
बाद
फिर
हंगामा
होने
पर
सभापति
मुन्ना
लाल
यादव
ने
पांच
मिनिट
के
लिए
सदन
की
कार्यावाही
स्थगित
कर
दी।
बाद
में
प्रश्नकाल
के
बजाए
सीधे
एजेंडे
पर
चर्चा
के
लिए
सभापति
ने
घोषणा
की
तो
कांग्रेस
पार्षद
आसंदी
के
पास
जाकर
विरोध
करने
लगे।
करीब
20
मिनट
तक
हंगामा
होता
रहा
और
सभापति
ने
बहुमत
के
आधार
पर
बजट
पास
करा
दिया।
घोटाले
पर
जवाब
नहीं
था
मेयर
के
पास
नेता
प्रतिपक्ष
चिंटू
चौकसे
ने
कहा
कि
नगर
निगम
में
100
करोड़
का
घोटाला
हो
गया।
घोटाला
करने
वालों
की
मेयर
और
एमआईसी
मेेंबर
मदद
कर
रहे
है।
वे
घोटाले
पर
बोलने
से
बचना
चाहते
थे,
इसलिए
सदन
में
बहस
नहीं
होने
दी।
घोटाले
का
बोझ
टैक्स
बढ़ाकर
जनता
पर
लादा
जा
रहा
है।
भाजपा
परिषद
कांग्रेस
की
नहीं
जनता
की
आवाज
दबाना
चाहती
है।
कांग्रेस
की
विकास
विरोधी
सोच
मेयर
पुष्य
मित्र
भार्गव
ने
कहा
कि
कांग्रेस
की
सोच
विकास
विरोधी
है।
जब
सदन
में
बजट
पेश
हो
रहा
था
तो
कांग्रेस
पार्षद
सदन
से
बाहर
चले
गए।
उनका
शहर
के
विकास
से
कोई
सरोकार
नहीं
है।
वेे
सिर्फ
हंगामा
करना
चाहते
है।
श्रद्धाजंलि
के
दौरान
उन्होंने
हंगामा
किया।
उस
पर
भी
उन्हें
खेद
प्रकट
नहीं
किया।