

कमलनाथ
का
गढ़
है
छिंदवाड़ा
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
मध्य
प्रदेश
की
छिंदवाड़ा
लोकसभा
सीट,
एक
उपचुनाव
को
छोड़
कर
पिछले
73
वर्षों
से
कांग्रेस
के
कब्जे
में
है।
इसमें
से
भी
करीब
44
सालों
से
यह
सीट
कमलनाथ
व
उनके
परिवार
के
कब्जे
में
है।
इस
पर
जीत
हासिल
करने
के
लिए
भाजपा
का
शीर्ष
नेतृत्व
इस
बार
ऐड़ी-चोटी
का
जोर
लगा
रहा
है।
प्रदेश
में
ऐसा
प्रतीत
हो
रहा
है
कि
चुनाव
सिर्फ
छिंदवाड़ा
में
ही
हो
रहा
है।
भाजपा
के
अध्यक्ष
जे.पी.
नडडा
भी
छिंदवाड़ा
दौरे
पर
जाने
वाले
हैं।
भाजपा
के
वरिष्ठ
नेता
व
मंत्री
कैलाश
विजयवर्गीय
लगातार
छिंदवाड़ा
के
दौरे
पर
कार्यकर्ताओं
से
मिलकर
चुनावी
रणनीति
में
व्यस्त
रहते
हैं।
छिंदवाड़ा
से
कांग्रेस
के
उम्मीदवार
पूर्व
केंद्रीय
मंत्री
और
कांग्रेस
के
कद्दावर
नेता
कमलनाथ
के
वर्तमान
सांसद
पुत्र
नकुल
नाथ
हैं
तो
भाजपा
से
विवेक
बंटी
साहू
चुनाव
मैदान
में
हैं।
छिंदवाड़ा
लोकसभा
क्षेत्र
में
सात
विधानसभा
क्षेत्र
आते
हैं।
हाल
ही
में
संपन्न
विधानसभा
चुनाव
2023
में
छिंदवाड़ा
संसदीय
क्षेत्र
की
सातों
सीटों
पर
कांग्रेस
ने
कब्जा
किया
था।
यदि
इन
सातों
सीटों
पर
कांग्रेस
उम्मीदवारों
के
जीत
के
अंतर
को
देखें
तो
सभी
सीटों
पर
कांग्रेस
ने
97
हजार
646
मतों
की
बढ़त
प्राप्त
की
थी।
ऐसे
में
लोकसभा
चुनाव
में
भाजपा
के
लिए
पहला
काम
इस
लीड
को
पूर्ण
करना
और
विजय
की
राह
बनाना
है।
छिंदवाड़ा
कांग्रेस
का
अभेद
किला
है,
जो
पिछले
73
वर्षों
से
कांग्रेस
की
झोली
में
है।
मात्र
एक
वर्ष
1997
में
यह
संसदीय
सीट
भाजपा
के
पास
रही।
छिंदवाड़ा
सीट
पर
कांग्रेस
का
कुल
73
वर्षों
से
और
पिछले
26
वर्षों
से
तो
लगातार
कब्जा
है।
1997
में
पटवा
ने
कमलनाथ
को
हराया
था
1997
में
प्रदेश
भाजपा
के
वरिष्ठ
नेता
व
पूर्व
मुख्यमंत्री
स्व.
सुंदरलाल
पटवा
ने
कमलनाथ
को
उपचुनाव
में
पराजित
कर
कांग्रेस
का
यह
किला
भेदा
था।
पटवा
की
छिंदवाड़ा
से
विजय
प्रदेश
में
कांग्रेस
की
सत्ता
के
रहते
हुई
थी,
उस
वक्त
प्रदेश
में
मुख्यमंत्री
दिग्विजय
सिंह
थे।
इंदिरा
गांधी
ने
कमलनाथ
को
तीसरा
बेटा
बताया
था
कमलनाथ
कांग्रेस
के
ऐसे
नेता
हैं,
जिन्होंने
कांग्रेस
की
तीन
पीढ़ियों
के
साथ
यानि
इंदिरा
गांधी,
राजीव
गांधी
और
अब
राहुल
गांधी
के
साथ
कार्य
किया
है।
राजीव
गांधी
के
करीबी
कमलनाथ
के
लिए
दिसंबर
1980
में
छिंदवाड़ा
की
एक
आमसभा
में
इंदिरा
गांधी
ने
उन्हें
विजयी
बनाने
की
अपील
करने
के
साथ
ही
कहा
था
कि
कमलनाथ
मेरे
तीसरे
पुत्र
हैं।
केंद्र
में
महत्वपूर्ण
भूमिकाओं
में
रहे
कमलनाथ
छिंदवाड़ा
में
जमीन
से
जुड़े
हैं।
भाजपा
लोकसभा
चुनाव
2024
में
प्रदेश
की
28
सीटों
पर
विजय
के
प्रति
तो
आश्वस्त
है
ही,
मगर
वह
छिंदवाड़ा
सीट
पर
खासतौर
से
विजय
हासिल
कर
अबकी
बार
29
पार
के
आंकड़े
को
छूना
चाहती
है।
घर
में
घिर
गए
कमलनाथ
नकुल
नाथ
के
साथ
पिता
कमलनाथ
को
उनके
घर
में
घेरने
की
भाजपा
की
कोशिश
से
उन्हें
प्रदेश
में
अपनी
पार्टी
के
प्रचार
के
लिए
निकलना
आसान
नहीं
होगा।
छिंदवाड़ा
में
कमलनाथ
के
सहयोगियों
ने
उनका
साथ
छोड़
दिया
है
उसमें
महापौर
विक्रम
अहाके,
विधायक
कमलेश
शाह,
सैयद
जफर,
अजय
सक्सेना
और
कई
अन्य
प्रमुख
नेता
हैं,
जिनके
सहयोग
के
बगैर
इस
बार
कांग्रेस
को
चुनाव
लड़ना
है।
भाजपा
की
प्रदेश
के
साथ
केंद्र
में
सरकार
है।
इसलिए
भाजपा
छिंदवाड़ा
सीट
पर
पूरी
शक्ति
झोंक
कर
विजय
प्राप्त
करना
चाहेगी।
यदि
भाजपा
छिंदवाड़ा
से
विजयी
होती
है
तो
एक
रिकॉर्ड
होगा
और
यदि
नकुलनाथ
अपना
वर्चस्व
कायम
रख
पाते
हैं
तो
प्रदेश
भाजपा
के
लिए
यह
मुश्किल
होगा।
विज्ञापन
छिंदवाड़ा
संसदीय
क्षेत्र
की
रोचक
जानकारी
-
1980
से
2024
तक
44
वर्ष
से
कमलनाथ
परिवार
का
सीट
पर
कब्जा
है। -
1997
के
उपचुनाव
में
एक
वर्ष
यह
सीट
भाजपा
के
पास
रही
थी। -
छिंदवाड़ा
से
सर्वाधिक
उम्मीदवार
1996
में
28
और
सबसे
कम
3
प्रत्याशी
1962
में
खड़े
हुए
थे। -
सर्वाधिक
मतदान
वर्ष
2019
में
82.39
प्रतिशत
और
सबसे
कम
वर्ष
1957
में
33.36
प्रतिशत
हुआ
था। -
कमलनाथ
यहां
से
9
बार
और
उनकी
पत्नी
और
बेटा
एक-एक
बार
विजयी
हो
चुके
हैं। -
गार्गीशंकर
रामकृष्ण
मिश्रा
यहां
से
कांग्रेस
से
तीन
बार
विजयी
रहे। -
1957
में
यह
सीट
आरक्षित
रही
थी,
इसलिए
यहां
से
दो
उम्मीदवार
विजयी
हुए
थे। -
जब
1977
में
देश
में
इंदिराजी
के
विरुद्ध
और
जनता
पार्टी
के
पक्ष
में
लहर
थी
तब
भी
यहां
से
कांग्रेस
विजयी
रही
थी। -
सबसे
बड़ी
विजय
छिंदवाड़ा
से
कमलनाथ
की
और
सबसे
छोटी
विजय
गार्गीशंकर
रामकृष्ण
मिश्रा
की
है।
दोनों
रिकॉर्ड
धारी
कांग्रेस
के
हैं।
छिंदवाड़ा
लोकसभा
परिणाम
और
अन्य
विवरण
चुनाव वर्ष |
विजयी उम्मीदवार |
पार्टी |
मतों से जीत |
निकटतम प्रत्याशी |
पार्टी |
1951 |
रायचंद भाई शाह |
कांग्रेस | 34255 |
पन्नालाल भार्गव |
निर्द |
1957 |
भीकुलाल लक्ष्मीचंद |
कांग्रेस | 70886 | गौरीशंकर | प्रसोपा |
नारायणराव वाडिया (आ ) |
कांग्रेस | 69923 |
संग्राम शाह |
प्रसोपा | |
1962 |
भीकुलाल लक्ष्मीचंद |
कांग्रेस | 29715 |
संत कुमार मुखर्जी |
जनसंघ |
1967 |
जी आर मिश्रा |
कांग्रेस | 47983 |
एच एस अग्रवाल |
जनसंघ |
1971 |
गार्गीशंकर रामकृष्ण मिश्रा |
कांग्रेस | 18234 |
पुरषोतमदास गुप्ता |
जनसंघ |
1977 |
गार्गीशंकर रामकृष्ण मिश्रा |
कांग्रेस | 2396 |
प्रतुलचंद द्विवेदी |
भालोद |
1980 | कमलनाथ | कांग्रेस | 70131 |
प्रतुलचंद द्विवेदी |
जपा |
1984 | कमलनाथ | कांग्रेस | 153825 |
रामकिशन बत्रा |
भाजपा |
1989 | कमलनाथ | कांग्रेस | 40104 |
माधवलाल दुबे |
जद |
1991 | कमलनाथ | कांग्रेस | 79623 |
चौधरी चंद्रभान सिंह |
भाजपा |
1996 |
अलका कमलनाथ |
कांग्रेस | 21382 |
चौधरी चंद्रभान सिंह |
भाजपा |
1998 | कमलनाथ | कांग्रेस | 153398 |
सुंदरलाल पटवा |
भाजपा |
1999 | कमलनाथ | कांग्रेस | 188928 |
संतोष जैन |
भाजपा |
2004 | कमलनाथ | कांग्रेस | 63708 |
प्रह्लाद पटेल |
भाजपा |
2009 | कमलनाथ | कांग्रेस | 121220 |
एम राव खवासे |
भाजपा |
2014 | कमलनाथ | कांग्रेस | 116537 |
चौधरी चंद्रभान |
भाजपा |
2019 |
नकुल कमलनाथ |
कांग्रेस | 37536 |
नाथनशाह कवरेती |
भाजपा |