का
सबसे
बड़ा
औद्योगिक
निवेश
होल्ड
पर
आ
गया
है।
सीहोर
के
पास
आष्टा
गांव
में
देश
का
सबसे
बड़े
एथेन
क्रैकर
(पेट्रोकेमिकल)
प्लांट
(Ethane
Cracker
Plant)
लगने
वाला
है।
इस
प्लांट
को
गेल
इंडिया
(Gail
India)
लगा
रही
है।
मप्र
सरकार
से
इसकी
मंजूरी
मिलने
के
बाद
सीहोर
के
स्थानीय
प्रशासन
ने
जून
में
ही
कंपनी
के
लिए
जमीन
आवंटन
की
प्रक्रिया
शुरू
कर
दी
थी।
किसानों
के
भारी
विरोध
के
बाद
अब
जमीनों
की
नपती
और
सीमांकन
का
काम
रुक
गया
है।
किसानों
के
विरोध
के
बाद
प्रशासन
प्रोजेक्ट
के
लिए
पूरी
तरह
से
सरकारी
भूमि
की
तलाश
कर
रहा
है।
किसानों
से
बातचीत
और
गांवों
में
सर्वे
का
दौर
चल
रहा
है।
इसकी
विस्तृत
रिपोर्ट
बनाकर
मप्र
सरकार
को
भेजी
जाएगी।
इसके
बाद
आगे
के
निर्णय
लिए
जाएंगे।
इस
प्रोजेक्ट
में
कुल
60,000
करोड़
रुपए
का
निवेश
होगा।
फूंक
फूंककर
कदम
रख
रही
सरकार
उद्योग
विभाग
के
मुताबिक
ये
मप्र
का
अब
तक
का
सबसे
बड़ा
सिंगल
प्रोजेक्ट
इन्वेस्टमेंट
है।
किसानों
के
भारी
विरोध
के
बाद
अब
सरकार
इस
मामले
में
फूंक
फूंककर
कदम
रख
रही
है।
प्लांट
के
लिए
सरकारी
भूमि
के
अलावा
किसानों
की
खेती
की
भूमि
का
अधिग्रहण
किया
जाना
है।
किसान
किसी
भी
कीमत
पर
अपनी
ऊपजाऊ
जमीन
को
उद्योगों
के
लिए
नहीं
देना
चाहते।
कलेक्टर
बोले
किसानों
की
जमीन
नहीं
लेंगे
अमर
उजाला
से
बातचीत
में
सीहोर
कलेक्टर
प्रवीण
सिंह
ने
कहा
कि
प्रोजेक्ट
के
लिए
सरकारी
जमीन
का
उपयोग
ही
किया
जाएगा।
हमारा
पहला
प्रयास
यही
है
कि
हम
पूरी
तरह
से
सरकारी
भूमि
का
उपयोग
करें।
इसके
लिए
सर्वे
किया
जा
रहा
है।
खेती
की
जमीन
देने
से
किसानों
का
इनकार
जून
में
मप्र
सरकार
ने
गेल
इंडिया
को
एथेन
क्रेकर
प्लांट
सीहोर
में
लगाने
की
अनुमति
दी।
अनुमति
के
बाद
एमपीआईडीसी
को
गेल
इंडिया
के
लिए
जमीन
तलाशने
के
लिए
कहा
गया।
स्थानीय
अधिकारी
जमीन
आवंटन
के
लिए
सर्वे
करने
पहुंचे।
प्लांट
के
लिए
सरकारी
के
साथ
निजी
जमीनों
की
भी
आवश्यकता
है।
इसके
चलते
अधिकारी
किसानों
के
खेतों
में
गए
जहां
पर
विवाद
हो
गया।
किसानों
ने
निजी
जमीनें
देने
के
लिए
साफ
इनकार
कर
दिया।
इसके
बाद
अधिकारियों
और
किसानों
के
बीच
झड़प
हुई
और
फिर
किसानों
ने
आष्टा
में
रैली
निकाली
और
ज्ञापन
भी
दिया।
किसानों
से
बातचीत
का
प्रयास
जारी
आष्टा
एसडीएम
स्वाति
उपाध्याय
और
तहसीलदार
मुकेश
सांवले
किसानों
से
बातचीत
कर
रहे
हैं।
जिन
गांवों
की
कृषि
भूमि
प्रोजेक्ट
के
लिए
अधिग्रहित
की
जाएगी
वहां
पर
सर्वे
चल
रहा
है।
अमर
उजाला
से
बातचीत
में
दोनों
अधिकारियों
ने
बताया
कि
किसानों
की
बात
सरकार
तक
पहुंचाई
जाएगी।
दो
गांवों
में
सर्वे
हो
चुका
है
और
किसानों
से
बातचीत
हो
गई
है।
दो
गांव
में
सर्वे
और
किसानों
के
साथ
बैठक
करना
है।
पूरी
विस्तृत
रिपोर्ट
बनाकर
सरकार
को
दी
जाएगी।
आगे
का
निर्णय
सरकार
के
स्तर
पर
होगा।
फिलहाल
में
सिर्फ
सर्वे
और
किसानों
से
बातचीत
करने
के
लिए
कहा
है।