
राजस्थान
विधानसभा
उपचुनाव।
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
राजस्थान
में
विधानसभा
उपचुनावों
को
लेकर
तैयारियां
तेज
हो
चुकी
हैं।
दौसा,
देवली
उनियारा,
झुंझुनू,
खींवसर,
चौरासी
और
सलूंबर
विधानसभा
सीटों
पर
इसी
साल
उपचुनाव
संभावित
हैं।
इनमें
से
दौसा,
देवली-उनियारा,
झुंझुनू
कांग्रेस
के
पास
थी।
वहीं
चौरासी
बीएपी
तथा
खींवसर
आएलपी
के
खाते
में
थी।
बीएपी
और
आरएलपी
का
लोकसभा
में
कांग्रेस
से
गठबंध
था।
हालांकि
उपचुनाव
के
लिए
किसी
गठबंधन
का
एलान
नहीं
हुआ
है
और
दोनों
ही
पार्टियां
उपचुनाव
में
अपने
प्रत्याशी
उतारने
का
एलान
कर
चुकी
हैं।
भाजपा
के
खाते
में
सिर्फ
सलूंबर
सीट
थी।
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सीएम
भजनलाल
के
चेहरे
पर
चुनाव
ये
उपचुनाव
मुख्यमंत्री
भजनलाल
शर्मा
के
चेहरे
पर
लड़े
जाने
हैं।
हालांकि
उनके
मुख्यमंत्री
रहते
लोकसभा
चुनाव
भी
हुए
थे,
जिसमें
भाजपा
को
11
सीटों
का
भारी
नुकसान
हुआ
था।
हालांकि
वो
चुनाव
राष्ट्रीय
मुद्दों
पर
और
पीएम
मोदी
के
चहरे
पर
केंद्रित
थे।
वहीं,
उपचुनाव
की
बात
की
जाए
तो
ये
पूरी
तरह
लोकल
फैक्टर
और
सरकार
के
कामकाज
को
बताने
वाले
होते
हैं।
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सियासत
का
रुख
तय
करने
वाले
उपचुनाव
उपचुनावों
जीत-हार
से
भले
ही
सरकार
के
बहुमत
पर
बहुत
पर
फर्क
नहीं
पड़ने
वाला
है,
लेकिन
ये
नतीजे
निश्चित
रूप
से
मरुधरा
का
सियासी
भविष्य
तय
करेंगे।
ये
नतीजे
सरकार
के
लिए
जनता
का
फीडबैक
होंगे।
यदि
नतीजे
पक्ष
में
आए
तो
भजनलाल
छवि
और
कद
दोनों
बढ़ेंगे,
लेकिन
ऐसा
नहीं
हुआ
तो
विपक्ष
से
ज्यादा
सत्ता
पक्ष
भजनलाल
के
लिए
चुनौती
साबित
होगा।
सिर्फ
लो
प्रोफाइल
नेता
की
छवि
फिलहाल
भजनलाल
शर्मा
की
छवि
एक
कठोर
प्रशासक
के
तौर
पर
नहीं
बन
पाई
है।
ब्यूरोक्रेसी
को
लेकर
भी
नई
सरकार
के
रुख
से
पार्टी
में
कुछ
असंतोष
है।
विपक्ष
ने
लॉ
एंड
ऑर्डर
के
साथ
ब्यूरोक्रेसी
पर
सरकार
की
कमजोर
पकड़
को
भी
मुद्दा
बना
लिया
है।
हालांकि
सरकार
की
तरफ
से
लगातार
सीएम
को
लो
प्रोफाइल
नेता
के
तौर
पर
ही
पेश
किया
जाता
रहा
है।
राजस्थान
की
सियासत
में
यह
पैंतरा
ज्यादा
समय
तक
काम
करेगा
इस
पर
संदेह
है,
क्योंकि
इसे
विपक्ष
उनकी
अनुभवहीनता
से
जोड़कर
पेश
कर
रहा
है।
यहां
तक
की
इस
छवि
को
तोड़ने
के
लिए
कांग्रेस
लगातार
उन्हें
पर्ची
सरकार
बता
रही
है।
नई
सड़कों
से
उपचुनाव
साधने
की
तैयारी
उपचुनावों
को
देखते
हुए
भाजपा
ने
यहां
सड़कों
की
मरम्मत
का
सियासी
दांव
भी
खेल
दिया।
शनिवार
को
पीडब्ल्यूड
मंत्री
ने
उपचुनाव
वाले
क्षेत्रों
में
नई
सड़कें
बनाने
का
एलान
भी
कर
दिया।
इनमें
नागौर
ज़िले
की
खींवसर
विधानसभा
क्षेत्र
में
27.81
करोड़
रुपये
की
लागत
से
89.7
किमी
लंबाई
की
सड़क
बनेगी।
उनियारा
विधानसभा
क्षेत्र
में
40.37
करोड़
रुपये
की
लागत
से
86.1
किमी
लंबाई,
झुंझुनूं
विधानसभा
क्षेत्र
में
26.32
करोड़
रुपये
की
लागत
से
93.15
किमी
लंबाई,
चौरासी
विधानसभा
क्षेत्र
में
24
करोड़
रुपये
की
लागत
से
40.3
किमी
लंबाई,
मालपुरा
विधानसभा
क्षेत्र
में
18.93
करोड़
रुपये
की
लागत
से
29.73
किमी
लंबाई
और
टोंक
विधानसभा
क्षेत्र
में
2.2
करोड़
रुपये
की
लागत
से
4.45
किमी
लंबाई
की
ग्रामीण
सड़कों
का
निर्माण
करवाया
जाएगा।