
गंभीर
डेम
इतना
भर
गया
कि
खोलने
पड़े
दो
गेट….
विस्तार
पिछले
एक
हफ्ते
में
इंदौर-देवास
और
उज्जैन
के
आसपास
क्षेत्रों
में
बारिश
से
उज्जैन
का
गंभीर
डैम
पूरा
भर
चुका
है।
देशभर
में
हुई
बारिश
के
बाद
भी
अगस्त
महीना
आधा
निकल
जाने
के
तक
गंभीर
डैम
आधा
भी
नहीं
बाहर
पाया
था,
लेकिन
यशवंत
सागर
डैम
इंदौर
से
लगातार
हो
रही
पानी
के
आवक
से
गंभीर
डैम
अपनी
क्षमता
2250
एमसीएफटी
तक
फुल
हो
चुका
है।
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शहर
की
जलापूर्ति
केंद्र
का
मुख्य
स्त्रोत
गंभीर
बांध
अपनी
पूर्ण
क्षमता
के
साथ
लबालब
हुआ।
रविवार
शाम
तक
दो
गेट
एक
मीटर
तक
खोले
गए।
गंभीर
बांध
पर
2100
एमसीएफटी
की
क्षमता
मेंटेन
करते
हुए
पानी
का
आकलन
किया
गया।
जिसके
बाद
भी
गंभीर
नदी
में
भी
पानी
आगे
की
ओर
तेजी
से
बढऩे
लगा
है।
गंभीर
डैम
प्रभारी
राजीव
शुक्ला
ने
बताया
कि
बीती
रात
यशवंत
सागर
के
दो
गेट
खोलकर
पानी
बहाया
जा
रहा
था,
वहीं
पानी
तेजी
से
गंभीर
डैम
की
तरफ
आया
और
डैम
अपनी
क्षमता
2250
एमसीएफटी
तक
भर
गया।
पानी
की
आवक
जारी
थी।
ऐसी
स्थिति
में
गंभीर
डैम
के
गेट
खोलकर
पानी
आगे
बहाया
जा
रहा
है।
वर्तमान
में
डैम
के
लेवल
को
2206
एमसीएफटी
पर
मेंटेन
कर
रहे
हैं,
क्योंकि
यशवंत
सागर
की
ओर
से
छोड़ा
गया
पानी
धीमी
गति
से
गंभीर
की
ओर
बढ़
रहा
है।
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गेट
खोलने
के
पहले
बजाया
सायरन
डैम
का
गेट
खोलने
से
पहले
सायरन
बजाया
गया।
जिससे
डैम
के
नीचे
कोई
भी
व्यक्ति
या
चरवाहा
हो
तो
वह
अपने
को
सुरक्षित
कर
ले।
इसके
बाद
गेट
खोलने
के
लिए
बटन
दबाया
जाता
है।
बटन
दबाते
ही
100
एचपी
के
पंप
चालू
हो
जाते
हैं।
1900
एमसीएफटी
स्टोर
था
पिछले
दिनों
इंदौर,
उज्जैन
संभाग
में
हुई
तेज
बारिश
के
बाद
यशवंत
सागर
के
गेट
खोले
गए
थे,
वहीं
गंभीर
बांध
के
कैचमेंट
एरिया
का
पानी
भी
डेम
में
स्टोर
हुआ
तब
कहीं
जाकर
डैम
में
1900
एमसीएफटी
पानी
स्टोर
हो
पाया
था।
डैम
को
पूरी
क्षमता
से
भरने
के
लिए
बारिश
की
एक
और
झड़ी
का
इंतजार
था
और
बीती
रात
फिर
से
इंदौर-उज्जैन
संभाग
में
बारिश
का
दौर
शुरू
होने
के
बाद
डेम
अपनी
पूरी
क्षमता
से
भर
गया।
एक
दिन
छोड़कर
हो
रहा
जलप्रदाय
शहर
में
फिलहाल
एक
दिन
छोड़कर
जलप्रदाय
हो
रहा
है।
इसके
लिए
डैम
के
फिल्टर
प्लांट
पर
किराए
का
ट्रांसफर
लगाया
गया
है
और
इसी
से
काम
चल
रहा।
इस
कारण
पीएचई
पर
किराए
का
भार
भी
बढ़
रहा।
पिछले
दिनों
महापौर
और
निगम
व
पीएचई
अफसरों
ने
गंभीर
डैम
का
निरीक्षण
भी
किया
था।
हालांकि
डैम
पूरी
क्षमता
से
नहीं
भरने
के
कारण
शहर
में
प्रतिदिन
जलप्रदाय
पर
विचार
नहीं
हो
पाया।
अब
जबकि
डैम
अपनी
पूरी
क्षमता
से
भर
चुका
है
ऐसी
स्थिति
में
जनप्रतिनिधि
व
निगम
के
अफसर
शहर
में
प्रतिदिन
जलप्रदाय
पर
विचार
कर
सकते
हैं।