आजादी के बाद पहले चुनाव में कांग्रेस हुई थी 360 पार…जानिए इस ऐतिहासिक इलेक्शन की दिलचस्प बातें

आजादी के बाद पहले चुनाव में कांग्रेस हुई थी 360 पार…जानिए इस ऐतिहासिक इलेक्शन की दिलचस्प बातें
आजादी के बाद पहले चुनाव में कांग्रेस हुई थी 360 पार…जानिए इस ऐतिहासिक इलेक्शन की दिलचस्प बातें


लोकसभा
चुनाव
2024

लोकसभा
चुनाव
2024
के
लिए
राजनीतिक
पार्टियां
चुनावी
मैदान
में
जमकर
पसीना
बहा
रही
हैं.
बीजेपी
ने
सत्ता
पर
काबिज
रहने
के
लिए
370
सीटें
और
एनडीए
के
लिए
‘400
पार’
सीटें
जीतने
का
टारगेट
सेट
किया
हुआ
है,
जबकि
कांग्रेस
के
नेतृत्व
में
विपक्ष
ने
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
को
हराने
के
लिए
इंडिया
गठबंधन
बनाया
है.
इसके
जरिए
कांग्रेस
फिर
से
दिल्ली
की
कुर्सी
पर
काबिज
होने
के
लिए
रणनीति
बनाने
में
जुटी
हुई
है.
इन
सब
के
इतर,
आज
आपको
1951
से
1952
के
बीच
हुए
पहले
लोकसभा
चुनाव
की
कुछ
दिलचस्प
बातें
बताते
हैं…

आजाद
भारत
में
पहली
बार
25
अक्टूबर
1951
और
21
फरवरी
1952
के
बीच
आम
चुनाव
कराए
गए.
कांग्रेस
पार्टी
को
विशाल
बहुमत
मिला
और
देश
के
पहले
प्रधानमंत्री
जवाहरलाल
नेहरू
पर
लोगों
ने
भरोसा
जताया
और
वह
दूसरी
बार
प्रधानमंत्री
की
कुर्सी
पर
काबिज
हुए
थे.
देश
के
वोटरों
ने
संसद
के
निचले
सदन
यानी
पहली
लोकसभा
के
लिए
489
सदस्यों
को
चुना
था.
इस
आम
चुनाव
के
साथ
ही
अधिकांश
विधानसभाओं
के
चुनाव
भी
हुए,
जहां
अलग-अलग
राज्यों
में
सरकारें
बनीं.

देश
के
पहले
चुनाव
में
क्या-क्या
हुआ?

  1. देश
    के
    पहले
    वोटर
    श्याम
    सरन
    नेगी
    थे,
    जोकि
    हिमाचल
    प्रदेश
    के
    किन्नौर
    जिले
    के
    रहने
    वाले
    थे.
    उनका
    निधन
    साल
    2022
    में
    हुआ.
    उनकी
    उम्र
    106
    साल
    थी.
    उन्होंने
    अपना
    आखिरी
    वोट
    2022
    में
    2
    नवंबर
    को
    डाक
    पत्र
    के
    जरिए
    डाला.
    उन्होंने
    पहला
    वोट
    चिनी
    तहसील
    में
    डाला
    था.
  2. आजादी
    के
    बाद
    1949
    में
    चुनाव
    आयोग
    का
    गठन
    किया
    गया
    था.
    इसके
    पहले
    मुख्य
    चुनाव
    आयुक्त
    सुकुमार
    सेन
    थे,
    जिन्हें
    मार्च
    1950
    में
    नियुक्त
    किया
    गया.

  3. चुनाव
    आयुक्त
    को
    नियुक्त
    करने
    के
    बाद
    संसद
    ने
    जन
    प्रतिनिधित्व
    अधिनियम
    पारित
    किया.
    इस
    अधिनियम
    में
    बताया
    गया
    कि
    संसद
    और
    विधानसभा
    के
    चुनाव
    किस
    तरह
    से
    आयोजित
    करवाए
    जाएंगे.
  4. लोकसभा
    की
    489
    सीटों
    पर
    चुनाव
    करवाए
    गए.
    इन
    सीटों
    पर
    1949
    उम्मीदवारों
    ने
    ताल
    ठोकी.
    पोलिंग
    बूथ
    पर
    हर
    उम्मीदवार
    के
    लिए
    अलग-अलग
    रंग
    के
    बैलेट
    बॉक्स
    रखे
    गए.
    इन
    बॉक्स
    पर
    उम्मीदवार
    का
    नाम
    और
    चुनाव
    चिन्ह
    लिखा
    गया
    था.
  5. 1951
    की
    जनगणना
    के
    अनुसार,
    देश
    की
    आबादी
    36
    करोड़
    10
    लाख
    88
    हजार
    90
    थी.
    इसमें
    जम्मू
    और
    कश्मीर
    की
    आबादी
    को
    शामिल
    नहीं
    किया
    गया
    था.
    कुल
    वोटर्स
    की
    संख्या
    17
    करोड़
    32
    लाख
    12
    हजार
    343
    थी.
  6. पहले
    चुनाव
    में
    21
    साल
    से
    अधिक
    आयु
    के
    भारतीय
    नागरिक
    वोट
    करने
    के
    लिए
    पात्र
    थे.
    चुनाव
    को
    68
    चरणों
    में
    कराया
    गया
    और
    पोलिंग
    बूथ
    1
    लाख
    96
    हाजर
    84
    मतदान
    बनाए
    गए,
    जिनमें
    से
    27,527
    बूथ
    महिलाओं
    के
    लिए
    आरक्षित
    थे.
  7. अधिकांश
    चुनाव
    1952
    में
    हुआ,
    लेकिन
    हिमाचल
    प्रदेश
    में
    1951
    में
    ही
    वोटिंग
    हो
    गई
    थी.
    इसकी
    वजह
    यहां
    का
    मौसम
    था.
    हिमाचल
    में
    फरवरी
    और
    मार्च
    में
    मौसम
    खराब
    रहता
    था
    और
    भारी
    बर्फबारी
    होती
    थी.
  8. इस
    चुनाव
    में
    53
    पार्टियों
    ने
    हिस्सा
    लिया
    और
    533
    निर्दलीय
    उम्मीदवारों
    ने
    अपना
    भाग्य
    आजमाया.
    कुल
    44.87
    फीसदी
    वोटिंग
    हुई.
    सबसे
    ज्यादा
    4
    करोड़
    76
    लाख
    65
    हजार
    951
    वोट
    कांग्रेस
    को
    मिले
    और
    सबसे
    कम
    1,468
    वोट
    हिस्टोरिकल
    रिसर्च
    पार्टी
    को
    मिले.
  9. पहले
    चुनाव
    में
    कांग्रेस
    ने
    45
    फीसदी
    वोट
    हासिल
    किए
    और
    489
    सीटों
    में
    से
    364
    सीटों
    पर
    जीत
    दर्ज
    की.
    दूसरे
    स्थान
    पर
    सोशलिस्ट
    पार्टी
    रही,
    जिसे
    करीब
    11
    फीसदी
    वोट
    मिले.
    उसके
    खाते
    में
    11
    सीटें
    गई.
    वहीं,
    37
    उम्मीदवार
    निर्दलीय
    जीतकर
    संसद
    पहुंचे,
    जिन्हें
    करीब
    16
    फीसदी
    मिले.
  10. इस
    चुनाव
    में
    कई
    मंत्रियों
    ने
    अपने
    पदों
    से
    इस्तीफा
    देकर
    अपनी
    नई
    पार्टियों
    का
    गठन
    किया
    था.
    इसमें
    श्यामा
    प्रसाद
    मुखर्जी
    का
    नाम
    भी
    शामिल
    है.
    उन्होंने
    अक्टूबर
    1951
    में
    जनसंघ
    की
    स्थापना
    की.
    कानून
    मंत्री
    बीआर
    आंबेडकर
    ने
    शेड्यूल्ड
    कास्ट
    फेडरेशन
    को
    दोबारा
    खड़ा
    किया.
    इसे
    बाद
    में
    रिपब्लिकन
    पार्टी
    के
    नाम
    से
    जाना
    गया.