‘माहौल खराब हो जाएगा…’, गैंगरेप पीड़ित छात्रा को 12वीं की परीक्षा में नहीं मिली एंट्री, 10वीं में हासिल किए थे 79% अंक

‘माहौल खराब हो जाएगा…’, गैंगरेप पीड़ित छात्रा को 12वीं की परीक्षा में नहीं मिली एंट्री, 10वीं में हासिल किए थे 79% अंक
‘माहौल खराब हो जाएगा…’, गैंगरेप पीड़ित छात्रा को 12वीं की परीक्षा में नहीं मिली एंट्री, 10वीं में हासिल किए थे 79% अंक


प्रतीकात्मक
तस्वीर.

राजस्थान
के
अजमेर
से
इंसानियत
को
शर्मसार
कर
देने
वाला
मामला
सामने
आया
है.
यहां
स्कूल
प्रशासन
ने
सामूहिक
दुष्कर्म
पीड़ित
छात्रा
को
स्कूल
में
एंट्री
नहीं
दी.
उसका
स्कूल
से
नाम
तक
काट
डाला
गया.
यहां
तक
कि
उसे
बोर्ड
एग्जाम
देने
से
भी
वंचित
किया
गया.
पीड़िता
की
शिकायत
के
बाद
अब
इस
मामले
में
बाल
कल्याण
समिति
एक्शन
मोड
में
नजर

रही
है.

गैंगरेप
पीड़िता
12वीं
कक्षा
की
छात्रा
है.
छात्रा
का
आरोप
है
कि
उसके
स्कूल
ने
उसे
बोर्ड
परीक्षा
में
नहीं
बैठने
दिया,
क्योंकि
पिछले
साल
उसके
साथ
सामूहिक
बलात्कार
हुआ
था.
स्कूल
के
अधिकारियों
ने
उससे
कहा
कि
अगर
वह
परीक्षा
में
शामिल
हुई
तो
“माहौल
खराब
हो
जाएगा”.
हालांकि
स्कूल
की
ओर
से
दावा
किया
गया
है
कि
उन्होंने
छात्रा
को
एडमिट
कार्ड
नहीं
दिया
क्योंकि
वह
4
महीने
से
क्लास
में
नहीं
आई
थी.

मामला
तब
सामने
आया
जब
छात्रा
ने
दूसरे
स्कूल
के
एक
शिक्षक
से
संपर्क
किया,
जिसने
उसे
चाइल्ड
हेल्पलाइन
नंबर
पर
कॉल
करने
की
सलाह
दी.
अजमेर
के
बाल
कल्याण
आयोग
(सीडब्ल्यूसी)
ने
मामला
दर्ज
कर
लिया
है.
सीडब्ल्यूसी
की
अध्यक्ष
अंजलि
शर्मा
ने
बताया
कि
उन्होंने
छात्रा
से
पूरी
घटना
के
बारे
में
बात
की
है.
जांच
जारी
है,
उनकी
प्राथमिकता
यह
सुनिश्चित
करना
है
कि
लड़की
मार्च
में
छूटी
हुई
परीक्षा
दे
सके.

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‘माहौल
खराब
हो
जाएगा’

छात्रा
के
साथ
पिछले
साल
अक्टूबर
में
उसके
रिश्तेदार
और
दो
अन्य
लोगों
ने
बलात्कार
किया
था.
पीड़ित
छात्रा
के
मुताबिक,
स्कूल
ने
तब
सुझाव
दिया
था
कि
वह
घर
से
पढ़ाई
करे.
क्योंकि
उसके
स्कूल
आने
से
“माहौल
खराब
हो
जाएगा”.
वह
सहमत
हो
गई
और
घर
पर
अपनी
बोर्ड
परीक्षा
की
तैयारी
करने
लगी.
लेकिन
जब
वह
परीक्षा
के
लिए
अपना
एडमिट
कार्ड
लेने
गई
तो
उसे
बताया
गया
कि
वह
अब
स्कूल
की
छात्रा
नहीं
है.
पता
चला
कि
उसके
साथ
हुई
गैंगरेप
की
घटना
के
बाद
स्कूल
में
पढ़ने
वाले
अन्य
छात्रों
के
परिजनों
ने
उसके
स्कूल
आने
पर
आपत्ति
जताई
थी.
इसी
कारण
स्कूल
वालों
ने
उसे
क्लास
में
आने
से
मना
कर
दिया
था.

बताया
जा
रहा
है
कि
छात्रा
काफी
मेधावी
है.
उसके
10वीं
क्लास
के
बोर्ड
एग्जाम
में
79%
नंबर
आए
थे.
मामले
में
बाल
कल्याण
समिति
की
अध्यक्ष
अंजलि
शर्मा
ने
कहा,
”इस
मामले
को
लेकर
जिला
शिक्षा
अधिकारी
को
पत्र
लिखा
है.
बच्ची
का
साल
खराब
नहीं
होने
दिया
जाएगा,
इसके
प्रयास
किए
जा
रहे
हैं.
पीड़िता
को
बोर्ड
की
पूरक
परीक्षा
में
बैठाने
के
लिए
प्रयास
किए
जाएंगे.”