
पिता
नुतेश
गुप्ता,
मां
भाई
और
भाभी
के
साथ
ओजस्वी
गुप्ता।
–
फोटो
:
अमर
उजाला,
इंदौर
विस्तार
इंदौर
की
ओजस्वी
का
सपना
था
तमिलनाडु
के
एनआईटी
में
एडमिशन
लेना।
कॉलेज
में
एडमिशन
के
लिए
उसने
बहुत
मेहनत
की
लेकिन
वहां
पर
जाकर
उसके
सारे
सपने
बिखर
गए।
ओजस्वी
को
वहां
पर
इतना
मेंटली
मेंटली
किया
गया
कि
वह
15
सितंबर
को
अचानक
कॉलेज
छोड़कर
चली
गई।
उसने
एक
लेटर
छोड़ा
है
जिसमें
लिखा
है
कि
पुरुष
प्रधान
समाज
में
काम
करना
बहुत
मुश्किल
है।
उसे
क्लास
में
सीआर
बनाया
गया
था
जिसकी
वजह
से
उसे
परेशान
किया
जा
रहा
था।
उसकी
क्लास
में
54
लड़के
और
15
लड़कियां
हैं।
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बेटी
का
सपना
था
एनआईटी
में
एडमिशन
लेना
इंदौर
के
सूर्यदेव
में
रहने
वाले
नुतेश
गुप्ता
की
बेटी
ओजस्वी
गुप्ता
(21)
पिछले
15
दिन
से
नेशनल
इंस्टीट्यूट
ऑफ
टेक्नोलॉजी
(
एनआइटी
त्रिची)
NIT
Trichy
से
लापता
है।
तमिलनाडु
पुलिस
मामले
की
जांच
कर
रही
है।
नुतेश
गुप्ता
ने
बताया
कि
15
सितंबर
से
मेरी
बेटी
लापता
है।
सिर्फ
रविवार
को
कॉलेज
के
बाहर
जाने
की
अनुमति
मिलती
है।
शनिवार
को
रात
10
बजे
बेटी
से
फोन
पर
आखिरी
बार
बात
हुई
थी।
तब
कहा
था
कि
मुझे
सीआर
बना
दिया
है।
दिन
में
बहुत
ज्यादा
काम
होता
है
पढ़ाई
के
लिए
वक्त
नहीं
मिलता।
फिर
फोन
रख
दिया।
उसकी
सहेलियों
ने
बताया
कि
उस
दिन
देर
रात
3
बजे
तक
पढ़ाई
की
और
अगले
दिन
सुबह
7
बजे
हॉस्टल
से
निकल
गई।
उसके
बाद
से
बेटी
की
कई
सूचना
नहीं
है।
हम
मदद
के
लिए
जगह
जगह
भटक
रहे
हैं।
हमने
पीएम
और
सीएम
से
भी
मदद
की
गुहार
लगाई
है।
ये
कहते
हुए
पिता
नुतेश
गुप्ता
की
आंखें
भर
आती
हैं।
पिता
ने
कहा
वह
हॉस्टल
रूम
में
4
पन्नों
का
एक
लेटर
छोड़
कर
गई
है
लेकिन
उसने
ये
लेटर
क्यों
लिखा
इसकी
वजह
अब
तक
साफ
नहीं
हुई
है,
लेटर
में
उसने
पुरुष
प्रधान
समाज
का
जिक्र
किया
है।
क्लास
में
उसे
सीआर
बना
दिया
था।
उसका
सपना
एनआइटी
में
जाना
था।
सपना
पूरा
हुआ
लेकिन
वहां
पर
उसे
परेशान
किया
गया।
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विज्ञापन
सिर्फ
मोबाइल
लेकर
गई,
वह
भी
बंद
पिता
ने
बताया
कि
बेटी
की
मां
और
भाई
इंदौर
से
त्रिची
पहुंचे
हैं
और
तब
से
वो
कॉलेज
कैंपस
में
ही
हैं
लेकिन
बेटी
के
बारे
में
कुछ
भी
पता
नहीं
चला
है।
उसका
फोन
भी
बंद
है।
वहां
की
पुलिस
भी
यही
कह
रही
है
कि
इंवेस्टीगेशन
चल
रहा
है,
लेकिन
कोई
क्लू
नहीं
मिल
रहा।
बेटी
अपने
साथ
कोई
सामान
लेकर
नहीं
गई।
हॉस्टल
रूम
में
ही
सारा
सामान
छोड़
गई।
एटीएम,
आधार
कार्ड,
कुछ
रुपए
सब
छोड़
दिए।
एक
छोटा
पर्स
साथ
ले
गई
जिसमें
मोबाइल
था।
15
सितंबर
की
सुबह
7
बजे
से
मोबाइल
बंद
है।
मुख्यमंत्री
मोहन
यादव
से
मिले
परिजन
पिता
ने
बताया
ओजस्वी
पढ़ने
में
शुरू
से
ही
अच्छी
रही
है।
नर्सरी
से
12वीं
तक
90
से
अधिक
ही
परसेंट
रहे।
बीसीए
में
उसने
कॉलेज
टॉप
किया
था।
एनआईटी
के
लिए
होने
वाली
प्रवेश
परीक्षा
में
आल
इंडिया
78वीं
रैंक
बनी
थी।
मुख्यमंत्री
मोहन
यादव
से
भी
हम
शनिवार
को
मिले
थे।
उन्होंने
कहा
कि
मामला
मेरे
संज्ञान
में
है।
मैं
दिखवाता
हूं।
इंदौर
के
द्वारकापुरी
थाने
में
मिसिंग
की
रिपोर्ट
भी
दर्ज
करवाई
है।
यह
लेटर
छोड़
गई
ओजस्वी
लोगों
के
लिए
इतना
मत
करो
कि
खुद
को
ही
खो
दो।
क्योंकि
ये
वही
लोग
होते
है
जो
आप
पर
उंगली
उठातें
हैं।
तुम
जितनी
सुंदर
होती
हो
उतनी
ही
डेंजर
जोन
में
रहती
हो।
लेकिन
इसका
दूसरा
पहलु
ये
है
कि
अगर
तुम
सुंदर
नहीं
हो
तो
तुम्हारी
सुनने
वाला
भी
कोई
न
होगा।
ना
कॉलेज
में,
ना
आगे
कॉर्पोरेट
वर्ल्ड
में।
अगलीनेस
के
साथ
लीड
करना
बहुत
मुश्किल
है।
खासकर
पुरुषों
को
लीड
करना।
सीआर
बनने
पर
मैं
खुश
थी।
लेकिन
बदकिस्मती
से
मेरी
जिंदगी
में
मेंटली
टॉर्चर
की
शुरुआत
एनआईटी
में
हुई।
एनआईटी
मेरा
ड्रीम
कॉलेज
था।
इसके
लिए
मैंने
बहुत
मेहनत
की
थी।
मेरा
मेंटल
प्रेशर
था
नहीं
टोलरेट
कर
पाई।
मेरे
फॉल्ट
के
लिए
किसी
और
को
ब्लेम
मत
करना।
तुम
सब
अच्छे
से
पढ़ाई
करना।
अच्छा
पैकेज
लेकर
जाना
और
जिसको
सीआर
बनना
है
बना
दो
यार…
Love
you
NIT…BYE
BYE
भाभी
श्वेता
ने
कहा
पांच
कजिन
भाइयों
की
बहन
थी,
फूलों
की
तरह
पाला
भाभी
श्वेता
ने
कहा
कि
जब
वो
सीआर
बनी
तो
उसने
बताया
था
कि
मेरे
ऊपर
बर्डन
बहुत
आ
गया
है।
पढ़ाई
नहीं
हो
रही
है
तो
फोन
पर
कम
बात
कर
पाऊंगी
लेकिन
कभी
उसने
नहीं
बताया
कि
कोई
उसे
परेशान
कर
रहा
है।
लेटर
में
लिखा
है
कि
पुरुष
आपको
कुछ
करने
नहीं
देंगे।
सुंदर
हो
तो
अलग
तरह
से
परेशान
करेंगे।
इन्हीं
सब
चीजों
में
से
किसी
बात
से
वो
परेशान
हुई
है।
वो
हमें
बता
देती
तो
अच्छा
होता।
घर
में
सबसे
छोटी
है।
5
कजिन
भाइयों
में
इकलौती
बहन
है,
उसे
बहुत
लाड़
प्यार
से
पाला।
सहेलियों
ने
बताया
अकेले
में
रोने
लगती
थी
भाभी
ने
बताया
उसकी
सहेलियों
से
हमें
जानकारी
मिली
की
पिछले
करीब
10
दिनों
से
वह
बहुत
इंट्रोवर्ड
हो
गई
थी।
बहुत
कम
बात
करती
थी।
बिना
वजह
अकेली
में
रोती
थी।
पूछने
पर
कुछ
नहीं
बताती
थी।
हमें
इस
बात
का
अहसास
नहीं
हुआ
वरना
हम
खुद
उसे
यहां
पर
ले
आते।