
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
ने
सोमवार
को
झारखंड
के
दुमका
में
भारतीय
जनता
पार्टी
की
निकाली
गई
परिवर्तन
यात्रा
के
समापन
पर
आयोजित
जनसभा
को
संबोधित
करते
हुए
कहा
कि
पूर्व
प्रधानमंत्री
स्वर्गीय
अटल
बिहारी
वाजपेयी
जी
जब
अलग
झारखंड
प्रदेश
बना
रहे
थे,
तब
कांग्रेस
और
सोरेन
परिवार
ने
इसका
पुरजोर
विरोध
किया
था।
कहा
था
कि
हमारी
लाश
पर
झारखंड
प्रदेश
बनेगा।
आज
वही
लोग
वोट
मांग
रहे
हैं,
इन्हें
वोट
मांगने
का
अधिकार
नहीं
है। मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
झारखंड
मुक्ति
मोर्चा
और
सोरेन
परिवार
आदिवासियों
के
नाम
पर
राजनीति
करता
है।
सोरेन
परिवार
झूठ
बोलकर,
भोले-भाले
आदिवासियों
से
वर्षों
से
वोट
लेते
रहे
और
आगे
बढ़ते
चले
गए,
लेकिन
आदिवासियों
की
भलाई
के
लिए
कोई
कार्य
नहीं
किया।
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
ने
जब
आदिवासी
बहन
द्रौपदी
मुर्मु
को
राष्ट्रपति
बना
रहे
थे,
तब
कांग्रेस
पार्टी
के
साथ
मिलकर
झारखंड
मुक्ति
मोर्चा
ने
विरोध
किया।
वे
आदिवासी
बहन
को
राष्ट्रपति
नहीं
बनने
दे
रहे
थे।
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भगवान
बिरसा
मुंडा
को
कांग्रेस
ने
भूला
दिया
मोहन
यादव
ने
कहा
कि
देश
को
अंग्रेजों
से
आजाद
कराने
में
महत्वपूर्ण
भूमिका
निभाने
वाले
जनजातीय
नायक
भगवान
बिरसा
मुंडा
को
आजादी
के
बाद
कांग्रेस
ने
भुला
दिया।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
नेतृत्व
में
केंद्र
में
सरकार
बनने
के
बाद
भगवान
बिरसा
के
योगदान
को
भाजपा
सरकार
ने
देश
के
गांव-गांव
तक
पहुंचाने
का
कार्य
किया।
भगवान
बिरसा
मुंडा
के
सम्मान
में
प्रधानमंत्री
ने
15
नवंबर
को
जनजातीय
गौरव
दिवस
मनाने
का
निर्णय
लिया।
स्वर्गीय
अटल
जी
ने
झारखंड
को
विकसित
राज्य
बनाने
के
लिए
इसका
गठन
किया
था,
लेकिन
राज्य
बनने
के
बाद
झारखंड
मुक्ति
मोर्चा
का
सोरेन
परिवार
और
कांग्रेस
ने
इस
राज्य
को
लूटने
का
कार्य
किया।
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
ने
देवघर
में
बाबा
बैजनाथ
मंदिर
पहुंचकर
पूजन-अर्चन
कर
दर्शन
भी
किया
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हिंदुओं
की
आबादी
घट
गई
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
कांग्रेस
और
झारखंड
मुक्ति
मोर्चा
का
गठबंधन
भ्रष्ट
और
बेइमानों
का
गठबंधन
है।
इस
गठबंधन
के
कई
नेता
जेल
में
हैं,
जो
बाहर
हैं
उनमें
भी
कई
जमानत
पर
हैं।
300
करोड़
का
जमीन
घोटाला
किया,
एक
हजार
करोड़
का
खनन
घोटाला
किया।
यह
तो
बानगी
हैं,
इस
तरह
के
कई
घोटाले
प्रदेश
की
सरकार
में
बैठे
नेताओं
ने
किए
हैं।
इस
गठबंधन
के
एक
सांसद
के
यहां
से
करोड़ों
बरामद
हुए।
झारखंड
के
गठन
के
समय
यहां
40
प्रतिशत
से
अधिक
हिन्दुओं
की
आबादी
थी
अब
घटकर
मात्र
28
प्रतिशत
रह
गई
है।
सोरेन
सरकार
ने
बांग्लादेशी
और
रोहिंग्या
घुसपैठियों
का
साथ
दिया,
उन्हें
बढ़ावा
दे
रहे
हैं।
केवल
धर्म
विशेष
के
लोगों
की
चिंता
झारखंड
की
प्रदेश
सरकार
कर
रही
है।