भारत मालदीव को जरूरी सामान एक्सपोर्ट करता रहेगा: दूसरे देशों के लिए चावल-चीनी के निर्यात पर रोक, मालदीव में सप्लाई 43 सालों में सबसे ज्यादा

भारत मालदीव को जरूरी सामान एक्सपोर्ट करता रहेगा: दूसरे देशों के लिए चावल-चीनी के निर्यात पर रोक, मालदीव में सप्लाई 43 सालों में सबसे ज्यादा


2
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पहले

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भारत मालदीव को जरूरी सामान एक्सपोर्ट करता रहेगा: दूसरे देशों के लिए चावल-चीनी के निर्यात पर रोक, मालदीव में सप्लाई 43 सालों में सबसे ज्यादा


प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
और
राष्ट्रपति
मुइज्जू
आखिरी
बार
पिछले
साल
दिसंबर
में
दुबई
में
हुए
क्लाइमेट
समिट
में
मिले
थे।

मालदीव
के
साथ
विवाद
के
बीच
भारत
सरकार
ने
शुक्रवार
को
घोषणा
की
कि
वो
मालदीव
में
जरूरी
सामानों
का
एक्सपोर्ट
जारी
रखेगी।
मालदीव
में
मौजूद
भारतीय
हाई
कमीशन
ने
बताया-
मालदीव
की
सरकार
की
अपील
पर
भारत
2024-25
के
लिए
देश
में
जरूरी
सामानों
का
एक्सपोर्ट
जारी
रखेगा।
सामानों
की
जो
मात्रा
तय
की
गई
है
वो
1981
के
बाद
सबसे
ज्यादा
होगी।
हालांकि
यह
अभी
साफ
नहीं
किया
गया
ये
सामान
कितनी
मात्रा
में
भेजे
जाएंगे।

भारत
सरकार
ने
देश
में
चावल,
चीनी
और
प्याज
जैसे
मूलभूत
उत्पादकों
के
दाम
पर
काबू
करने
के
लिए
इनके
एक्सपोर्ट
पर
फिलहाल
रोक
लगा
रखी
है।
लेकिन
अब
सरकार
ने
घोषणा
की
है
कि
प्रतिबंधों
के
बावजूद
मालदीव
में
इन
सामानों
की
सप्लाई
जारी
रहेगी।

हाई
कमीशन
के
मुताबिक,
कंस्ट्रक्शन
सेक्टर
में
इस्तेमाल
होने
वाली
नदी
की
रेत
और
पत्थरों
का
10-10
लाख
मीट्रिक
टन
एक्सपोर्ट
किया
जाएगा।
इसमें
25%
की
बढ़ोतरी
हुई
है।
इसके
अलावा
अंडे,
आलू,
आटा
और
दाल
के
कोटे
में
भी
5%
बढ़ाया
गया
है।


‘नेबर्स
फर्स्ट’
पॉलिसी
के
तहत
सरकार
ने
किया
फैसला

भारतीय
हाई
कमीशन
ने
कहा
कि
यह
कदम
भारत
के
पड़ोसी
देशों
को
प्राथमिकता
देने
वाली
नीति
‘नेबर्स
फर्स्ट’
के
तहत
उठाए
गए
हैं।
भारत
हमेशा
से
मालदीव
में
लोगों
से
जुड़े
विकास
को
बढ़ावा
देता
है।
पिछले
साल
भी
भारत
ने
चावल,
चीनी
और
प्याज
के
एक्सपोर्ट
पर
लगाए
गए
बैन
के
बावजूद
मालदीव
को
इनकी
सप्लाई
जारी
रखी
थी।

भारत
सरकार
ने
यह
घोषणा
ऐसे
समय
की
है,
जब
पिछले
कुछ
महीनों
में
मालदीव
के
साथ
रिश्ते
चुनौतीपूर्ण
रहे
हैं।
पड़ोसी
देश
में
मोहम्मद
मुइज्जू
ने
राष्ट्रपति
बनने
के
बाद
से
इंडिया
आउट
की
पॉलिसी
अपनाई
है।
इसके
तहत
वहां
मौजूद
88
भारतीय
सैनिकों
को
हटाने
का
फैसला
किया
गया
था।


भारतीय
सैनिकों
को
देश
से
निकाल
रहा
मालदीव

सैनिकों
का
पहला
बैच
पिछले
महीने
ही
लौट
चुका
है।
वहीं
सभी
सैनिकों
के
मालदीव
से
जाने
के
लिए
10
मई
की
तारीख
तय
की
गई
है।
दूसरी
तरफ,
मालदीव
ने
भारत
के
साथ
हाइड्रोग्राफिक
सर्वे
समझौता
भी
रद्द
कर
दिया
था।
राष्ट्रपति
मुइज्जू
ने
कहा
था
कि
देश
इस
सर्वे
में
इस्तेमाल
होने
वाली
मशीनों
और
तकनीक
को
खुद
जुटाएगा।

इंडिया
आउट
पॉलिसी
के
बीच
राष्ट्रपति
मुइज्जू
ने
चीन
के
साथ
रिश्तों
पर
फोकस
किया
है।
करीब
1
महीने
पहले
दोनों
देशों
के
बीच
सैन्य
समझौता
हुआ
था।
इसके
ठीक
बाद
मुइज्जू
ने
बयान
दिया
था
कि
10
मई
के
बाद
कोई
भी
भारतीय
सैनिक

यूनिफॉर्म
या
सादे
कपड़ों
में
भी
मालदीव
में
नहीं
रहेगा।


राष्ट्रपति
मुइज्जू
ने
कहा
था-
हमारा
देश
छोटा,
लेकिन
कोई
धमका
नहीं
सकता

मालदीव
में
चुनाव
के
बाद
आम
तौर
पर
नए
राष्ट्रपति
पहले
भारत
का
दौरा
करते
थे।
लेकिन
राष्ट्रपति
मुइज्जू
पद
संभालने
के
बाद
अपने
पहले
विदेश
दौरे
पर
चीन
गए
थे।
जनवरी
में
चीन
की
यात्रा
से
लौटने
के
बाद
मुइज्जू
ने
कहा
था-
हमारा
देश
छोटा
है,
लेकिन
इसका
ये
मतलब
नहीं
कि
आपको
हमें
धमकाने
का
लाइसेंस
मिल
गया
है।
हिंद
महासागर
किसी
एक
देश
का
नहीं
है।
मालदीव
इस
महासागर
का
सबसे
बड़ा
हिस्सा
रखने
वाले
देशों
में
से
एक
है।


मालदीव
में
2
साल
पहले
शुरू
हुआ
‘इंडिया
आउट’
कैम्पेन

2023
के
राष्ट्रपति
चुनाव
में
मोहम्मद
सोलिह
के
खिलाफ
मोहम्मद
मुइज्जू
ने
दावेदारी
पेश
की
थी।
उन्होंने
मालदीव
में
कथित
भारतीय
सेना
की
उपस्थिति
के
खिलाफ
‘इंडिया
आउट’
का
नारा
दिया
था
और
इसे
लेकर
कई
विरोध
प्रदर्शन
भी
आयोजित
किए
थे।
यह
अभियान
इस
बात
पर
आधारित
था
कि
भारतीय
सैनिकों
की
मौजूदगी
मालदीव
की
संप्रभुता
के
लिए
खतरा
है।

अक्टूबर
में
हुए
मालदीव
के
राष्ट्रपति
चुनाव
में
प्रोग्रेसिव
पार्टी
ऑफ
मालदीव
यानी
PPM
के
नेता
मोहम्मद
मुइज्जू
की
जीत
हुई।
PPM
गठबंधन
को
चीन
के
साथ
करीबी
रिश्तों
के
लिए
जाना
जाता
है।
जीत
के
बाद
शपथ
ग्रहण
समारोह
से
पहले
नवंबर
2023
में
मुइज्जू
ने
आश्वासन
दिया
था
कि
मालदीव
में
भारतीय
सैनिकों
की
जगह
चीनी
सेना
तैनात
नहीं
की
जाएगी।



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मालदीव
के
187
में
से
36
द्वीप
चीन
के
पास:
मुइज्जू
ने
चीनी
कंपनियों
को
लीज
पर
सौंपे,
12
हजार
करोड़
रुपए
से
द्वीपों
को
डेवलप
करेंगी

चीन
ने
मालदीव
में
अपनी
ताकत
बढ़ाने
का
अभियान
तेज
कर
दिया
है।
अब
राष्ट्रपति
मुइज्जू
ने
मालदीव
के
187
आबाद
द्वीपों
में
से
36
द्वीपों
के
अधिकांश
हिस्से
को
चीनी
टूरिज्म
कंपनियों
को
लीज
पर
दे
दिया
है।चीनी
कंपनियां
12
हजार
करोड़
रुपए
की
लागत
से
इन
द्वीपों
को
टूरिज्म
के
लिए
डेवलप
करेंगी।



पूरी
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भारत
के
साथ
फिर
हाइड्रोग्राफिक
सर्वे
एग्रीमेंट
नहीं
करेगा
मालदीव:
मुइज्जू
बोले-
समुद्री
सीमा
की
24
घंटे
निगरानी
करेंगे

मालदीव
के
राष्ट्रपति
मोहम्मद
मुइज्जू
ने
घोषणा
की
है
कि
वो
भारत
के
साथ
हाइड्रोग्राफिक
सर्वे
समझौता
फिर
से
शुरू
नहीं
करेंगे।
उन्होंने
कहा-
मालदीव
खुद
यह
सर्वे
शुरू
के
लिए
जरूरी
मशीनें
और
तकनीक
जुटाएगा।



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