उज्जैन
के
भैरवगढ़
सेंट्रल
जेल
में
इस
साल
दिवाली
का
पर्व
अनूठे
तरीके
से
मनाया
गया।
इसमें
महिला
कैदियों
ने
कलियुग
में
व्याप्त
बुराइयों
को
त्यागने
और
जीवन
में
सकारात्मकता
लाने
का
संकल्प
लिया।
कार्यक्रम
में
विशेष
आमंत्रित
इंदौर
के
कृष्णा
गुरुजी
ने
महिला
कैदियों
के
साथ
मिलकर
रूप
चौदस
और
दीपावली
का
पूजन
किया।
साथ
ही
उन्हें
त्योहार
की
महत्ता
और
इसके
पीछे
छिपे
संदेश
को
साझा
किया।
इस
अवसर
पर
मध्यप्रदेश
के
राज्य
मंत्री
बालयोगी
उमेश
नाथ
भी
शामिल
हुए,
जिनका
स्वागत
कृष्ण
गुरुजी
ने
तिरंगे
दुपट्टे
से
किया।
उन्होंने
कहा
कि
हम
बड़े
भाग्यशाली
हैं
कि
आज
इस
दिवाली
त्यौहार
में
आध्यात्मिक
और
राजनीति
में
अपने
सरल
सहज
स्वभाव
से
एक
अलग
स्थान
बनाने
वाले
उमेश
नाथ
जी
का
सानिध्य
भी
हमको
मिला।
के
भैरवगढ़
सेंट्रल
जेल
में
इस
साल
दिवाली
का
पर्व
अनूठे
तरीके
से
मनाया
गया।
इसमें
महिला
कैदियों
ने
कलियुग
में
व्याप्त
बुराइयों
को
त्यागने
और
जीवन
में
सकारात्मकता
लाने
का
संकल्प
लिया।
कार्यक्रम
में
विशेष
आमंत्रित
इंदौर
के
कृष्णा
गुरुजी
ने
महिला
कैदियों
के
साथ
मिलकर
रूप
चौदस
और
दीपावली
का
पूजन
किया।
साथ
ही
उन्हें
त्योहार
की
महत्ता
और
इसके
पीछे
छिपे
संदेश
को
साझा
किया।
इस
अवसर
पर
मध्यप्रदेश
के
राज्य
मंत्री
बालयोगी
उमेश
नाथ
भी
शामिल
हुए,
जिनका
स्वागत
कृष्ण
गुरुजी
ने
तिरंगे
दुपट्टे
से
किया।
उन्होंने
कहा
कि
हम
बड़े
भाग्यशाली
हैं
कि
आज
इस
दिवाली
त्यौहार
में
आध्यात्मिक
और
राजनीति
में
अपने
सरल
सहज
स्वभाव
से
एक
अलग
स्थान
बनाने
वाले
उमेश
नाथ
जी
का
सानिध्य
भी
हमको
मिला।
काम,
क्रोध,
लोभ,
मोह
और
अहंकार
का
त्याग
करने
का
संकल्प
कृष्णा
गुरुजी
ने
महिलाओं
से
संवाद
करते
हुए
कहा
कि
वर्तमान
युग
में
काम,
क्रोध,
लोभ,
मोह
और
अहंकार
हमारे
अंदर
छिपे
हुए
राक्षस
हैं।
ये
हमारे
जीवन
में
अज्ञानता
और
असंतोष
का
अंधकार
लाते
हैं।
उन्होंने
नरक
चतुर्दशी
को
बुराइयों
का
प्रतीकात्मक
अंत
मानते
हुए
कैदियों
को
इन
राक्षसों
को
समाप्त
करने
का
आह्वान
किया।
उन्होंने
बताया
कि
दीपावली
का
त्योहार
इसी
अंधकार
को
दूर
कर
ज्ञान
और
अच्छाई
का
प्रकाश
लाने
का
अवसर
है।
कृष्णा
गुरुजी
ने
दीपावली
के
पांच
दिवसीय
पर्व
की
विशेषताओं
पर
प्रकाश
डालते
हुए
कैदियों
से
संकल्प
कराया
कि
वे
इन
बुराइयों
से
दूर
रहेंगे
और
अच्छे
आचरण
व
अनुशासन
के
साथ
जीवन
में
आगे
बढ़ेंगे।
इस
दौरान
महिला
कैदियों
में
विशेष
रूप
से
सौंदर्य
सामग्री
और
मिठाई
का
वितरण
किया
गया।
साथ
ही
उन्हें
इस
पर्व
को
संकल्पपूर्वक
मनाने
का
अवसर
प्रदान
किया
गया।
‘अपराध-मुक्त
समाज
की
कल्पना
साकार
हो
सकती
है’
राज्य
मंत्री
बालयोगी
उमेश
नाथ
ने
इस
अवसर
पर
अपने
उद्बोधन
में
कहा
कि
त्योहारों
की
पौराणिक
कथाओं
को
आज
के
समाज
में
सकारात्मक
संदेश
और
संकल्प
के
रूप
में
अपनाना
महत्वपूर्ण
है।
उन्होंने
कहा
कि
अगर
समाज
में
सभी
त्योहारों
को
इस
तरह
से
मनाया
जाए
कि
यह
अपराधियों
को
सुधारने
और
उन्हें
समाज
में
सकारात्मक
योगदान
देने
की
प्रेरणा
दे,
तो
एक
अपराध-मुक्त
समाज
की
कल्पना
साकार
हो
सकती
है।
उन्होंने
इस
आयोजन
के
लिए
कृष्णा
गुरुजी
और
उनकी
टीम
का
आभार
व्यक्त
किया,
जिन्होंने
अपनी
सार्थक
पहल
के
माध्यम
से
जेल
के
अंदर
दिवाली
जैसे
पावन
पर्व
को
खास
बना
दिया।
जेल
प्रशासन
की
सराहना
और
सहयोग
जेल
अधीक्षक
मनोज
साहू
ने
कार्यक्रम
की
सराहना
करते
हुए
कहा
कि
जेल
प्रशासन
हमेशा
ऐसी
सकारात्मक
और
सार्थक
पहल
का
स्वागत
करता
है।
उन्होंने
कहा
कि
त्योहार
के
समय
पर
कैदियों
के
बीच
इस
तरह
की
पहल
से
उन्हें
एक
नई
दिशा
मिलती
है
और
वे
समाज
में
बेहतर
इंसान
बनने
की
प्रेरणा
पाते
हैं।
उन्होंने
कृष्णा
गुरुजी
और
उनकी
संस्था
का
धन्यवाद
दिया,
जिन्होंने
महिला
बंदियों
को
जीवन
में
सकारात्मक
दृष्टिकोण
और
आत्म-सुधार
की
राह
दिखाई।
इस
आयोजन
में
कृष्णा
गुरुजी
सोशल
वेलफेयर
सोसायटी
की
टीम
के
सदस्य
अनिल
कुमार,
विजय
केलकर,
अंजना
प्रणय
मिश्रा
भी
मौजूद
रहे,
जिन्होंने
इस
आयोजन
को
सफल
बनाने
में
अहम
भूमिका
निभाई।