इंदौर
में
करीब
दो
साल
पहले
हुए
चर्चित
हनीट्रैप
कांड
के
फरियादी
और
इंदौर
नगर
निगम
के
पूर्व
चीफ
इंजीनियर
हरभजन
सिंह
उर्फ
पोल्ले
का
बीते
शुक्रवार
को
निधन
हो
गया।
दोपहर
में
उनके
पैतृक
निवास
में
तबीयत
अचानक
बिगड़
गई,
जिसके
बाद
वह
बेहोश
हो
गए।
पड़ोसी
और
घर
के
कर्मचारियों
ने
उन्हें
अस्पताल
पहुंचाया,
जहां
जांच
के
बाद
डॉक्टरों
ने
उन्हें
मृत
घोषित
कर
दिया।
हरभजन
सिंह
की
मौत
का
कारण
हार्ट
अटैक
माना
जा
रहा
है।
हरभजन
सिंह
की
शिकायत
के
बाद
ही
वर्ष
2019
में
इंदौर
में
हुए
हनीट्रैप
कांड
का
खुलासा
हुआ
था।
उन्होंने
शिकायत
में
बताया
था
कि
कुछ
महिलाएं
उन्हें
वीडियो
रिकॉर्डिंग
के
नाम
पर
ब्लैकमेल
कर
रही
थीं।
इसके
बाद
पुलिस
ने
इंदौर
और
भोपाल
की
कुछ
महिलाओं
को
गिरफ्तार
किया
था।
हालांकि,
इस
मामले
में
एक
युवती
ने
हरभजन
सिंह
पर
बलात्कार
का
आरोप
भी
लगाया
था
और
उसकी
शिकायत
पर
पुलिस
ने
मामला
दर्ज
किया
था।
इसके
चलते
हरभजन
सिंह
को
निलंबित
कर
दिया
गया
था
और
उनका
मुख्यालय
रीवा
स्थानांतरित
कर
दिया
गया
था।
निलंबन
के
बाद
हरभजन
कुछ
समय
तक
इंदौर
के
ग्रेटर
कैलाश
मार्ग
पर
रहे,
फिर
अपने
पैतृक
निवास
रीवा
चले
गए।
उनकी
पत्नी
चंडीगढ़
में
थीं,
बेटा
इंदौर
में
और
बेटी
मुंबई
में
रहती
हैं।
परिवार
के
सदस्यों
को
घटना
की
सूचना
मिली,
जिसके
बाद
वे
रीवा
पहुंचे।
हरभजन
सिंह
ने
हनीट्रैप
मामले
में
एफआईआर
दर्ज
कराई
थी,
जिसमें
उन्होंने
बताया
था
कि
भोपाल
की
आरती
नामक
महिला
ने
उनकी
दोस्ती
18
वर्षीय
बीएससी
छात्रा
मोनिका
से
करवाई
थी।
आरती
ने
इंदौर
के
एक
होटल
में
उनका
वीडियो
बनाया
और
उन्हें
ब्लैकमेल
करना
शुरू
कर
दिया।
इस
दौरान
उनसे
तीन
करोड़
रुपये
की
मांग
की
गई
और
उन्हें
कई
बार
पैसे
देने
पड़े।
इस
मामले
में
करीब
आठ
लोगों
को
आरोपी
बनाया
गया
था,
इसमें
कई
हाई-प्रोफाइल
लोगों
के
नाम
भी
सामने
आए
थे।
हरभजन
सिंह
के
दामाद
विशाल
क्वात्रा
ने
बताया
कि
वे
पिछले
छह
महीने
से
हृदय
रोग
से
पीड़ित
थे।
कुछ
महीने
पहले
उनका
हार्ट
का
ऑपरेशन
भी
हुआ
था।
उनकी
उम्र
करीब
65
वर्ष
थी।
उनका
अंतिम
संस्कार
शनिवार
को
रीवा
में
किया
जाएगा।
कांग्रेस
नेता
और
उनके
सहपाठी
इंजीनियर
राजेंद्र
शर्मा
ने
बताया
कि
हरभजन
सिंह
उनके
बड़े
भाई
समान
थे।
वे
फुटबॉल
के
राष्ट्रीय
स्तर
के
खिलाड़ी
थे,
अच्छे
संगीतकार
थे
और
नगर
निगम
में
चीफ
इंजीनियर
के
पद
पर
रह
चुके
थे।
उन्होंने
हमेशा
जरूरतमंदों
की
मदद
की।
उनके
निधन
से
सभी
लोग
शोकाकुल
हैं।