
गणपति
घाट
पर
नया
बाइपास
शुरू।
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
मध्य
प्रदेश
में
सबसे
ज्यादा
हादसों
वाले
गणपति
घाट
का
8
किलोमीटर
लंबा
बाइपास
मंगलवार
से
शुरू
हो
गया।
केंद्रीय
मंत्री
सावित्री
ठाकुर
और
सांसद
शंकर
लालवानी
ने
हरी
झंडी
दिखाकर
बाइपास
से
ट्रैफिक
रवाना
किए।
इस
मौके
पर
ठाकुर
ने
कहा
कि
अब
प्रदेश
का
यह
राष्ट्रीय
राजमार्ग
हादसों
की
वजह
नहीं
बनेगा।
बाइपास
से
अब
हादसे
भी
रुकेंगे
और
ट्रैफिक
भी
आसान
होगा।
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बीते
दस
सालों
में
यह
घाट
300
मौतों
की
वजह
बना
हुआ था।
ढलान
ज्यादा
होने
के
कारण
यहां
अक्सर
भारी
वाहनों
के
ब्रेक
फेल
हो
जाते
थे
और
फिर
अनियंत्रित
वाहन
दूसरे
वाहनों
को
अपनी
चपेट
में
ले
लेते
थे।
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चार
साल
लगे
बाइपास
बनने
में
हादसे
रोकने
के
लिए
राष्ट्रीय
राजमार्ग
प्राधिकरण
के
अफसरों
ने
चार
साल
पहले
योजना
बनाई
थी,
लेकिन
जमीन
अधिगृहण
में
काफी
समय
लगा।
कुछ
हिस्सा
वन
भूमि
था।
उसकी
अनुमति
भी
देरी
से
आई।
दो
साल
पहले
निर्माण
शुरू हुआ।
सड़क
बनाने
के
लिए
12
लाख
घन
मीटर
मिट्टी
व
चट्टान
के
मलबे
को
हटाया
गया।
फिर
ढलान
ठीक
करने
के
लिए
11
लाख
घन
मिट्टी
मुरम
का
भराव
किया
गया।
इसके
बाद
8
किलोमीटर
लंबी
सड़क
का
निर्माण किया
गया।
तीन
लेन
का
यह
मार्ग
10.30
मीटर
चौड़ा
है।
106
करोड़
खर्च
हुए
बाइपास
में
बाइपास
को
बनाने
में
106
करोड़
रुपये
खर्च
हुए।
अब
इंदौर
से
मुबंई
की
तरफ
जाने
वाले
वाहन
बाइपास
से
होकर
जाएंगे,जबकि
मुबंई
से
इंदौर
की
तरफ
आने
वाले
वाहन
पुराने
मार्ग
को
अपनाएंगे।
पुराने
मार्ग
पर
हुए
हादसों
में
1500
से
ज्यादा
लोग
घायल
हो
चुके
है।
अक्सर
ब्रेक
फेल
होने
के
बाद
वाहनों
की
टक्कर
हो
जाती
थी।
घर्षण
के
कारण
वाहनों
में
आग
लग
जाती
थी।