
मध्यप्रदेश
हाईकोर्ट,
जबलपुर
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
प्राइवेट
मेडिकल
कॉलेज
के
15
प्रतिशत
एनआरआई
कोटे
की
सीट
सिर्फ
आठ
ब्रांच
को
आवंटित
किये
जाने
को
चुनौती
देते
हुए
हाईकोर्ट
में
याचिका
दायर
की
गयी
है।
हाईकोर्ट
जस्टिस
संजीव
सचदेवा
तथा
जस्टिस
विनय
सराफ
की
युगलपीठ
ने
अनावेदकों
को
नोटिस
जारी
कर
जवाब
मांगा
है।
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भोपाल
निवासी
डॉ.
ओजस
यादव
की
तरफ
से
दायर
की
गयी।
जनहित
याचिका
में
कहा
गया
था,
नीट
ने
एनआरआई
की
मेरिट
लिस्ट
तैयार
की
थी।
प्रदेश
के
प्राइवेट
मेडिकल
कॉलेज
में
एनआरआई
कोटे
के
तहत
15
प्रतिशत
सीट
प्रदान
की
जाती
है।
मेडिकल
कॉलेज
ने
22
ब्रांच
होती
है,
परंतु
प्रदेश
सरकार
के
द्वारा
एनआरआई
कोटे
की
सीट
सिर्फ
आठ
ब्रांच
में
आवंटित
की
गयी
है, जिस
ब्रांच
में
एनआरआई
कोटे
की
सीट
आवंटित
की
गयी
है,
उनकी
मांग
अधिक
है।
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याचिकाकर्ता
की
तरफ
से
पैरवी
करते
हुए
अधिवक्ता
आलोक
बागरेचा
ने
तर्क
दिया
गया
कि
निर्धारित
ब्रांच
में
एनआरआई
कोटे
की
सीट
अधिक
आवंटित
किये
जाने
के
कारण
मेरिटोरियस
छात्रों
का हक
प्रभावित
होगा।
क्योंकि
सीटों
की
संख्या
कम
हो
गयी
है।
आठ
ब्रांच
में
कुल
545
सीट
हैं, जिसमें
से
152
सीट
एनआरआई
कोटे
के
तहत
आवंटित
की
गयी
है।
पीपुल्स
मेडिकल
कॉलेज
में
एमडी
सर्जन
की
आठ
सीट
है,
जिसमें
से
चार
सीट
एनआरआई
कोटे
के
तहत
आवंटित
की
गयी
है।
सामान्य
व
एससी
वर्ग
के
एक
भी
आवेदक
को
सीट
आवंटित
नहीं
की
गयी
है।
एनआरआई
कोर्ट
की
सीट
सभी
ब्रांच
में
आवंटित
की
जानी
चाहिए
थी।
प्रदेश
सरकार
के
द्वारा
अपनाई
जा
रही
प्रक्रिया
पूरी
तरह
से
अवैधानिक
है।
प्राइवेट
कॉलेज
के
सीट
मैट्रिक्स
यानि
प्रत्येक
वर्ग
को
आवंटित
सीट
के
चार्ट
को
चिकित्सा
शिक्षा
प्रवेश
नियम-2018
के
विरुद्ध
तैयार
किया
गया
है।
इसमें
एनआरआई
कोटे
हेतु
नियमानुसार
15
प्रतिशत
के
स्थान
पर
अनेक
ब्रांचों
में
40
से
50
प्रतिशत
आरक्षित
कर
दी
गई
हैं।
प्रवेश
नियमों
के
अनुसार
दावे
आपत्तियों
हेतु
भी
समय
दिए
बिना
च्वाइस
फिलिंग
कराई
जा
रही
है।
युगलपीठ
ने
सुनवाई
के
बाद
अनावेदकों
को
नोटिस
जारी
कर
एक
सप्ताह
में
जवाब
मांगा
है।