
राहत
की
बात
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
दुनिया
भर
में
मकबूल
शायर
डॉ.
राहत
इंदौरी
की
सालगिरह
का
दिन
है।
उनकी
याद
करने
के
मुफीद
इस
दिन
को
यादगार
बनाने
के
प्रोग्राम
की
एक
श्रृंखला
तैयार
की
गई
है।
इसमें
शामिल
की
गई
कड़ियों
में
वह
सब
कुछ
है,
जो
डॉ.
राहत
इंदौरी
अपने
आसपास
पसंद
किया
करते
थे।
मुशायरा,
सूफियाना
महफिल,
दास्तानगोई,
किताबों
का
विमोचन
जैसे
लम्हों
को
संजोकर
तैयार
किया
गया
प्रोग्राम
नए
साल
की
पहली
शाम
को
राहत
साहब
के
शहर
इंदौर
में
ही
होगा।
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राहत
इंदौरी
फाउंडेशन
ने
इस
कार्यक्रम
की
तैयारी
की
है।
फाउंडेशन
के
फैसल
राहत
और
सतलज
राहत
इंदौरी
ने
बताया
कि
राहत
साहब
की
75वीं
सालगिरह
का
जश्न
उसी
मिजाज
और
वकार
के
साथ
मनाया
जा
रहा
है,
जिस
गरिमा
के
राहत
साहब
तमाम
उम्र
प्रोग्राम
सजाते
रहे
हैं।
उन्होंने
बताया
कि
इस
बहु
आयामी
कार्यक्रम
में
डॉ.
राहत
इंदौरी
की
शख्सियत
और
फन
पर
बात
होगी,
दास्तान
ए
राहत
भी
होगी।
सूफियाना
महफिल
भी
सजेगी
और
मुशायरे
का
रंग
भी
छाएगा।
इस
दौरान
कुल्लियात
ए
राहत
इंदौरी
“मैं
जिंदा
हूं”
का
विमोचन
भी
किया
जाएगा।
फैसल
राहत
और
सतलज
ने
बताया
कि
कार्यक्रम
इंदौर
के
लाभ
मंडपम
में
होगा।
यह
सभी
राहत
प्रेमियों
के
लिए
खुला
रहेगा।
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ऐसा
होगा
प्रोग्राम
शाम
चार बजे-
डॉ.
राहत
इंदौरी
की
शख्सियत
और
फ़न
पर
सतलज
राहत
बात
करेंगे
डॉ.
अज़ीज़
इरफान,
डॉ.
दीपक
रूहानी
और
हिदायतुल्लाह
खान
से…साथ
ही
डॉ.
अज़ीज़
इरफान
की
किताब
“ख्वाब
की
खेतियां”
का
विमोचन।
पांच
बजे-
दास्तानगोई-
दास्तान-ए-राहत
में
डॉ.
राहत
इंदौरी
की
कहानी,
डॉ.
हिमांशु
बाजपई
की
जुबानी।
छह
बजे-
कलाम-ए-राहत
में
आफ़ताब
क़ादरी
और
साथियों
की
तरफ़
से
राहत
साहब
की
ग़ज़लों
को
सूफियाना
अंदाज़
में
पेश
किया
जाएगा।
सात
बजे
से-
कुल्लियात-ए-राहत
इंदौरी
“मैं
ज़िंदा
हूँ”
का
विमोचन
और
उसके
बाद
ऑल
इंडिया
मुशायरा।