Burhanpur: पर्यटन के लिहाज से उपलब्धियों भरा रहा साल 2024, पहली बार मना था बनाना फेस्टिवल

Burhanpur year 2024 was full of achievements in terms of tourism Banana Festival celebrated for first time

पर्यटन
के
लिहाज
से
महत्वपूर्ण
रहा
साल
2024


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

मंगलवार
को
समाप्त
हो
रहा
साल
2024
पर्यटन
की
दृष्टि
से
मध्यप्रदेश
के
बुरहानपुर
जिले
के
लिए
उपलब्धियों
से
भरा
रहा।
इस
साल
जिले
की
प्रसिद्ध
ऐतिहासिक
पर्यटन
स्थली
और
अपने
आप
में
अनोखी
जल
संग्रहण वितरण
प्रणाली
कुंडी
भंडारा
को
यूनेस्को
की
अस्थाई
सूची
में
शामिल
किया
गया
है।
इस
लिहाज
से
उम्मीद
जताई
जा
रही
है
कि जल्द
ही
इसे
यूनेस्को
की
स्थाई
सूची
में
भी
शामिल
कर
लिया
जाएगा।


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बता
दें
कि कुंडी
भंडारे
को
विश्व
धरोहर
स्थल
बनाने
की
दिशा
में
प्रयास
तो
सतत
रूप
से
किये
जा
रहे
थे।
लेकिन
यह
स्वप्न
साल
2024
में
पूरा
हो
पाया
है, जिसके
बाद
अब
बुरहानपुर
में,
देशी-विदेशी
पर्यटकों
के
आगमन
से
पर्यटन
उद्योग
के
विकसित
होने
का
मार्ग
भी
प्रशस्त
होगा।
हालांकि,
इस
उपलब्धि
के
लिए
पर्यटन
एवं
संस्कृति
विभाग
ने
भी
सतत
प्रयास
किये
हैं।


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बता
दें
कि
बुराहनपुर
जिले
में
यूं
तो
कई
ऐतिहासिक
स्थल
मौजूद
हैं
जिनमें
असीरगढ़
का
किला,
कुंडी
भंडारा,
काला
ताजमहल,
शाही
किला,
खरबूजा
महल,
अकबरी
सराय,
राजा
राव
रतन
का
महल,
महल
गुलारा,
सहित
शाही
जामा
मस्जिद
शामिल
हैं
तो
वहीं
यहां
धार्मिक
महत्व
के
भी
कई
स्थल
मौजूद
हैं।
जिनमें
गुरुद्वारा,
दरगाह-ए-हकीमी,
रोकड़िया
हनुमान
मंदिर,
ईच्छादेवी
मंदिर,
रेणुका
माता
मंदिर,
आशा
देवी
माता
मंदिर
सहित
सीता
नहानी
शामिल
हैं।
इनके
साथ
ही
यहां
प्राकृतिक
स्थल
जिसमें
बसाली
का
झरना,
बादल
खोरा
भी
पर्यटकों
को
खूब
लुभाते
हैं।
बुरहानपुर
जिले
में
इस
साल
नवंबर
माह
में
पर्यटकों
की
संख्या
में
काफी
इजाफा
हुआ
है।
इधर
जिले
में
पर्यटन
स्थलों
के
रख-रखाव
के
लिए,
जिला
पुरातत्व
पर्यटन
एवं
संस्कृति
परिषद
भी
लगातार
नित
नए
नवाचार
कर
रहा
है।


केले
की
फसल
से
मिली
जिले
को
देश
विदेश
में
पहचान

बुरहानपुर
जिले
में
एक
जिला-एक
उत्पाद
योजनान्तर्गत
चयनित
हुई
केला
फसल
के
उत्पादन

उत्पादों
के
लिए
जिले
को
इसी
वर्ष
दिल्ली
में
प्रथम
राष्ट्रीय
ओडीओपी
पुरस्कारों
में
स्पेशल
मेंशन
अवार्ड
से
नवाजा
गया।
इसके
साथ
ही
जिले
में
पहली
बार
बनाना
फेस्टिवल
का
आयोजन
भी
इसी
साल
माह
फरवरी
2024
में
सफलता
पूर्वक
संपन्न
हुआ
था,
जिसकी
प्रशंसा
प्रदेश
सहित
अन्य
राज्यों
में
भी
की
गई।
इसके
साथ
ही
जिले
में
स्व
सहायता
समूह
की
महिलाओं
को
प्रशिक्षण
दिया
गया
है,
जिसके
बाद
उनके
द्वारा
बनाना
फाइबर
से
कई
तरह
के
उत्पाद
बनाए
जा
रहे
हैं।
वहीं
इन
उत्पादों
की
देश
सहित
विदेशों
में
भी
बड़ी
सराहना
हो
रही
है।