दमोह
जिले
के
देहात
थाना
क्षेत्र
के
करैया
राख
गांव
में
शुक्रवार
सुबह
एक
आशा
कार्यकर्ता
मिथिलेश
खरे
को
जबरन
जहर
पिलाने
का
मामला
सामने
आया
है।
पीड़िता
को
नायब
तहसीलदार
रघुनंदन
चतुर्वेदी
और
पुलिस
ने
जिला
अस्पताल
में
भर्ती
कराया
है
जहां
डॉक्टर
द्वारा
उसका
इलाज
किया
जा
रहा
है।
आशा
कार्यकर्ता
मिथिलेश
खरे
के
अनुसार,
उनके
पड़ोसी
ताराचंद
दहायत,
सीताराम,
नीतू,
सोरा
और
आरती
दहायत
ने
10
एकड़
सरकारी
जमीन
पर
अवैध
कब्जा
कर
रखा
है।
जबकि
वह
उसकी
जगह
है
जिसका
उनका
सरकारी
पट्टा
है
और
मकान
भी
बना
है।
शुक्रवार
सुबह
10
बजे,
जब
वह
अपने
घर
में
खाना
बना
रही
थीं,
नीतू
दहायत
ने
उसके
घर
के
सामने
कचरा
फेंक
दिया
और
जब
उन्होंने
मना
किया
तो
पांचों
लोग
आ
उनके
घर
में
घुस
आए
और
मारपीट
कर
जबरन
खेतों
में
डालने
वाली
जहरीली
दवा
पिला
दी।
पीड़िता
का
कहना
है
कि
उनके
बीमार
पति
को
जान
बचाकर
भागना
पड़ा।
वह
थाने
पहुंचे,
लेकिन
उनकी
रिपोर्ट
नहीं
लिखी
है
तब
उसने
कलेक्टर
को
फोन
लगाया
उसके
बाद
उसे
जिला
अस्पताल
लाया
गया।
देहात
थाना
प्रभारी
मनीष
कुमार
ने
बताया
कि
दोनों
पक्षों
के
बीच
पहले
से
जमीन
विवाद
चल
रहा
है।
सुबह
दोनों
पक्ष
थाने
पहुंचे
थे
और
विवाद
कर
रहे
थे।
हालांकि,
मामले
में
एक
नया
मोड़
तब
आया
जब
आशा
कार्यकर्ता
के
पति
मोहन
खरे
ने
जहर
खिलाने
की
बात
से
इनकार
किया
और
केवल
विवाद
की
पुष्टि
की।
जिला
अस्पताल
के
ड्यूटी
डॉक्टर
मनीष
सराफ
ने
बताया
आशा
कार्यकर्ता
की
हालत
स्थिर
है
और
उनका
इलाज
जारी
है।
पुलिस
ने
मामले
की
जांच
के
लिए
एक
टीम
गांव
भेजी
है
और
जांच
के
बाद
आगे
की
कार्रवाई
की
जाएगी।