Indore News: किसानों का आंदोलन 24 घंटे में स्थगित, जानिए सरकार ने कैसे मनाया


आउटर
रिंग
रोड
के
विरोध
और
भूमि
अधिग्रहण
सहित
अपनी
कई
मांगों
को
लेकर
इंदौर
में
गुरुवार
से
शुरू
हुआ
भारतीय
किसान
संघ
का
किसान
आंदोलन
महज
24
घंटों
में
स्थगित
हो
गया।
धरना
शुरू
होते
ही
प्रशासन
और
किसान
नेताओं
के
बीच
कई
दौर
की
चर्चाएं
हुईं।
देर
रात
किसानों
ने
दाल-बाटी
बनाकर
पार्टी
भी
मनाई,
लेकिन
इसके
बाद
प्रशासन
के
साथ
हुए
समझौते
के
तहत
आंदोलन
को
रोकने
का
फैसला
लिया
गया।
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
के
साथ
बैठक
के
आश्वासन,
ज्वाइंट
सर्वे
को
तत्काल
बंद
करने
सहित
अन्य
शर्तों
पर
किसान
सहमत
हो
गए
और
अनिश्चितकालीन
आंदोलन
को
स्थगित
कर
दिया
गया।
गुरुवार
को
भारतीय
किसान
संघ
के
नेतृत्व
में
किसानों
ने
भूमि
अधिग्रहण
के
खिलाफ
प्रदर्शन
शुरू
किया
था।
 


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किसानों
की
मांगों
को
देखते
हुए
प्रशासन
की
ओर
से
एडीएम
रोशन
राय
ने
भारतीय
किसान
संघ
के
संगठन
मंत्री
अतुल
माहेश्वरी
के
साथ
बातचीत
की।
इस
दौरान
भारतीय
किसान
संघ
के
संभाग
अध्यक्ष
कृष्णपाल
सिंह
राठौर,
जिला
अध्यक्ष
राजेंद्र
पाटीदार,
जिला
मंत्री
महेश
राठौर,
जिला
प्रचार
प्रमुख
राहुल
मालवीया,
महानगर
अध्यक्ष
दिलीप
मुकाती,
और
महानगर
मंत्री
वरदराज
राव
ने
प्रशासन
के
समक्ष
अपनी
मांगें
रखीं।
बातचीत
के
दौरान
कई
तर्क-वितर्क
हुए,
लेकिन
अंततः
सहमति
बन
गई।
 


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इन
शर्तों
पर
माने
किसान


मुख्यमंत्री
और
किसानों
के
बीच
सीधी
बैठक
का
आश्वासन
दिया
गया।
 

ज्वाइंट
सर्वे
को
तत्काल
बंद
करने
की
मांग
को
मान
लिया
गया।
 

रिंग
रोड
के
आसपास
मुरम
का
सर्विस
रोड
और
किसानों
की
जरूरत
के
अनुसार
बोगदे
और
अंडरपास
बनाने
पर
सहमति
बनी।
 

मुआवजा
2
से
4
गुना
करने
के
संबंध
में
मुख्यमंत्री
से
बैठक
के
बाद
फैसला
लिया
जाएगा।
 

प्रशासन
द्वारा
लिखित
में
आश्वासन
दिए
जाने
के
बाद
ही
किसानों
ने
धरना
प्रदर्शन
स्थगित
करने
का
निर्णय
लिया।
 


लंबी
बातचीत
के
बाद
हुआ
निर्णय

इस
आंदोलन
को
स्थगित
करने
से
पहले
किसानों
और
प्रशासन
के
बीच
लंबी
बातचीत
चली।
रात
को
जब
किसानों
ने
भोजन
बनाकर
पार्टी
मनाई,
तब
भी
यह
साफ
नहीं
था
कि
आंदोलन
कब
तक
चलेगा।
हालांकि,
जब
प्रशासन
ने
लिखित
में
सभी
प्रमुख
मांगों
को
मानने
का
भरोसा
दिया,
तो
किसानों
ने
आंदोलन
को
स्थगित
करने
का
फैसला
लिया।
भारतीय
किसान
संघ
के
नेता
इस
मुद्दे
पर
सतर्क
बने
हुए
हैं
और
मुख्यमंत्री
के
साथ
बैठक
के
बाद
मुआवजे
और
अन्य
मुद्दों
पर
अंतिम
निर्णय
लिया
जाएगा।
प्रशासन
और
किसानों
के
बीच
बनी
इस
सहमति
से
इंदौर
में
चल
रहा
यह
बड़ा
किसान
आंदोलन
24
घंटे
के
भीतर
खत्म
हो
गया।