खेत
पर
सोये
दिव्यांग
वृद्ध
का
बुधवार-गुरुवार
रात
गला
रेंतकर
हत्या
कर
दी
गई
थी।
पुलिस
ने
हत्या
में
मृतक
के
पोते
और
उसके
दो
साथियों
को
गिरफ्तार
कर
मामले
का
खुलासा
कर
दिया
था।
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झारड़ा
थाना
क्षेत्र
के
ग्राम
लोटिया
जुनार्दा
में
27
मार्च
की
सुबह
अर्जुनसिंह
पिता
फतेहसिंह
(62)
की
लाश
खेत
पर
बनी
झोपड़ी
से
लाश
पुलिस
ने
बरामद
की
थी।
मृतक
का
गला
रेंता
गया
था।
जांच
के
लिए
एफएसएल
टीम
पहुंची
थी,
लेकिन
कोई
सुराग
हाथ
नहीं
लग पाया
था।
गांव
वालों
ने
किसी
से
कोई
विवाद
नहीं
होना
बताया।
मामला
अंधा
कत्ल
प्रतीत
होने
लगा।
पुलिस
ने
हत्या
का
प्रकरण
दर्ज
किया
और
पोस्टमार्टम
के
बाद
शव
परिजनों
को
अंतिम
संस्कार
के
लिए
सौंपा।
दूसरे
दिन
गांव
पहुंची
पुलिस
ने
परिजनों
के
बयान
दर्ज
किए।
इस
दौरान
पारिवारिक
विवाद
को
खंगाला
गया।
तभी
पता
चला
कि
कुछ
समय
पहले
अर्जुनसिंह
का
अपने
पोते
भारतसिंह
पिता
गोवर्धनसिंह
से
विवाद
हुआ
था।
रात
को
पुलिस
पोते
को
हिरासत
में
लिया।
उसने
कुछ
देर
में
ही
अपने
दादा
की
हत्या
दो
साथी
प्रभुसिंह
पिता
रतनसिंह
रामनगर
बडौद
और
दिलीप
पिता
रामलाल
मालवीय
ग्राम
टोकड़ा
थाना
बडौद
के
साथ
मिलकर
करना
कबूल
कर
लिया।
पुलिस
ने
शनिवार
रात
ही
उसके
दोनों
साथियों
की
तलाश
की
और
गिरफ्तार
किया।
मामले
का
खुलासा
किया
गया
और
हत्या
में
प्रयुक्त
धारदार
गुप्ती
के
साथ
बाइक
बरामद
कर
ली।
तीनों
को
कोर्ट
में
पेश
किया
गया,
जहां
से
पूछताछ
के
लिए
एक
दिन
की
रिमांड
पर
लिया
गया
है।
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के
सामने
से
हटेंगे
शराब
काउंटर,
कालभैरव
के
भोग
के
लिए
अब
इस
तरह
रहेगी
व्यवस्था
जमीन
विवाद
में
की
गई
थी
हत्या
झारड़ा
थाना
एसआई
प्रेम
मालवीय
ने
बताया
कि
अर्जुनसिंह
के
पुत्र
गोवर्धनसिंह
की
दो
पत्नियां
हैं।
एक
रामनगर
बडौद
में
रहती
है।
दूसरी
मानसिक
विक्षिप्त
है।
गोवर्धनसिंह
का
कुछ
समय
पहले
निधन
हो
गया
था।
इसके
बाद
अर्जुनसिंह
का
पोता
अपनी
सौतेली
मां
के
पास
रहने
रामनगर
चला
गया
था।
अर्जुनसिंह
ग्राम
लोटिया
जुनार्दा
में
अपनी
पत्नी
के
साथ
अकेला
रहता
था
और
रात
में
खेत
पर
बनी
झोपड़ी
में
सोने
जाता
था।
उसने
पुत्र
गोवर्धन
का
निधन
होने
पर
पोते
भारतसिंह
के
नाम
कुछ
जमीन
की
थी।
वहीं
भानेज
को
भी
जमीन
का
हिस्सा
दिया
था।
भारतसिंह
को
यह
बात
नागवार
गुजरी
थी।
उसने
कुछ
महिने
पहले
दादा
से
विवाद
किया
था।
रात
में
बाइक
से
आया
था
लोटिया
जुनार्दा
थाना
प्रभारी
आनंद
भामोर
ने
बताया
कि
हत्या
में
शामिल
रहे
अर्जुनसिंह
को
हिरासत
में
लेने
के
बाद
पूछताछ
की
गई
तो
उसने
बताया
कि
दादा
उसे
हिस्सा
नहीं
दे
रहे
थे।
घटना
वाले
दिन
अपने
बचपन
के
दोस्त
प्रभुसिंह
के
साथ
शराब
पी
और
दादा
को
मारने
का
विचार
किया।
शराब
पीने
के
दौरान
प्रभुसिंह
का
दोस्त
दिलीप
भी
आ
गया
था।
नशा
करने
के
बाद
रात
में
तीनों
बाइक
पर
सवार
होकर
रामनगर
से
लोटिया
जुनार्दा
आए।
उसे
पता
था
कि
दादा
रात
में
अकेले
खेत
पर
सोते
हैं।
जहां
पहुंचकर
दादा
का
गला
रेंत
दिया
और
अंधेरे
में
ही
वापस
रामनगर
बडौद
चले
गए।
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आचार्य
बालकृष्ण
अंतिम
यात्रा
में
शामिल
होने
आया
पुलिस
के
अनुसार
अर्जुनसिंह
की
हत्या
होने
की
खबर
गांववालों
ने
पोते
भारतसिंह
को
दी
थी।
वह
सुबह
अंतिम
संस्कार
में
शामिल
होने
भी
आया
था,
उस
वक्त
वह
काफी
शांत
रहा,
उसने
दादा
की
मौत
पर
कोई
प्रतिक्रिया
भी
व्यक्त
नहीं
की,
ना
ही
यह
जानने
का
प्रयास
किया
कि
दादा
को
किसने
मारा
होगा।
वह
अंतिम
संस्कार
के
बाद
वापस
अपनी
सौतेली
मां
के
पास
रामनगर
बडौद
लौट
गया
था।