इंदौर
से
भाजपा
प्रवक्ता
बने
नरेंद्र
सलूजा
का
आज
हार्टअटैक
से
निधन
हो
गया।
इससे
पहले
सितंबर
2022
में
उमेश
शर्मा
का
हार्ट
अटैक
से
निधन
हो
गया
था।
उनके
बाद
गोविंद
मालू
प्रदेश
भाजपा
प्रवक्ता
बने।
मई
2024
में
उन्हें
भी
हार्ट
अटैक
आया
था।
गोविंद
मालू
के
बाद
नरेंद्र
सलूजा
को
प्रवक्ता
के
रूप
में
नियुक्त
किया
गया
था,
आज
हार्ट
अटैक
से
उनका
भी
निधन
हो
गया।
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कार्डियोलाजिस्ट
डॉ.
सगीर
अहमद
ने
बताया
कि
हार्टअटैक
का
सबसे
प्रमुख
कारण
है
तनाव
और
अनियमित
जीवनशैली।
यदि
आप
किसी
भी
तरह
के
तनाव
में
हैं
या
फिर
शारीरिक
रूप
से
अस्वस्थ
हैं
तो
हार्टअटैक
का
खतरा
बहुत
बढ़
जाता
है।
आजकल
पर्यावरण
प्रदूषण
बढ़ता
जा
रहा
है,
खानपान
बेहद
स्तरहीन
हो
गया
है
और
तनाव
तेजी
से
बढ़
रहा
है।
यह
सभी
बातें
मिलकर
हार्ट
अटैक
का
खतरा
बढ़ा
देती
हैं।
विज्ञापन
कम
उम्र
के
लोग
भी
हो
रहे
शिकार
डॉ.
सगीर
अहमद
ने
बताया
कि
आजकल
कम
उम्र
में
भी
लोग
हार्ट
अटैक
का
शिकार
हो
रहे
हैं।
संतुलित
भोजन,
पर्याप्त
आराम,
तनावरहित
जीवनशैली
अपनाना
ही
इससे
बचने
का
एकमात्र
उपाय
है।
इसके
साथ
ही
समय
समय
पर
जांचें
भी
करवाते
रहें
और
किसी
भी
प्रकार
की
कमी
निकलने
पर
तुरंत
डॉक्टर
से
सलाह
लें।
लोगों
ने
खुद
के
लिए
समय
निकालना
भी
बंद
कर
दिया
डॉ.
संजय
लोंढे
बताते
हैं
कि
लोगों
के
जीवन
से
व्यायाम,
योग
और
आराम
खत्म
ही
होता
जा
रहा
है।
दिनभर
भाग
रहे
हैं
और
खुद
के
लिए
समय
निकालने
पर
भी
ध्यान
नहीं
है।
एक
घंटा
यदि
योग,
व्यायाम
और
मेडिटेशन
के
लिए
निकालेंगे
तो
खुद
समझने
लगेंगे
कि
आप
क्या
गलत
कर
रहे
हैं।
खुद
के
लिए
समय
निकालें
क्योंकि
आप
हैं
तो
पूरी
दुनिया
है।
गर्मी
में
तेजी
से
बढ़
रहे
हार्ट
अटैक
के
मामले
हाल
ही
में
अमेरिकन
हार्ट
एसोसिएशन
जर्नल
में
एक
रिपोर्ट
आई
है।
इसके
मुताबिक
चीन
के
जिआंग्सू
प्रांत
में
महज
5
साल
में
2
लाख
से
ज्यादा
हार्ट
अटैक
के
मामले
दर्ज
किए
गए।
इनमें
से
ज्यादातर
मौतें
हीट
वेव
और
एयर
पॉल्यूशन
के
कारण
हुई
थीं।
यह
स्टडी
भले
सिर्फ
चीन
की
है,
बढ़ती
गर्मी
से
हार्ट
अटैक
का
जोखिम
भारत
में
भी
बढ़
रहा
है।
भारत
के
कई
शहरों
में
टेम्परेचर
45
डिग्री
तक
पहुंच
रहा
है।
भारतीय
मौसम
विभाग
ने
कई
शहरों
में
हीटवेव
का
अलर्ट
जारी
किया
है।
ज्यादा
गर्मी
में
हार्ट
अटैक
का
जोखिम
भी
बढ़
जाता
है।
गर्मी
में
इसलिए
बढ़
जाते
हैं
हार्ट
अटैक
के
मामले
डॉ.
सगीर
अहमद
के
मुताबिक
गर्मियों
में
अत्यधिक
तापमान
के
कारण
शरीर
खुद
को
ठंडा
रखने
के
लिए
पसीना
बहाता
है।
इस
प्रक्रिया
में
त्वचा
को
अधिक
मात्रा
में
रक्त
की
जरूरत
होती
है,
जिससे
ब्लड
फ्लो
में
तेजी
लानी
पड़ती
है।
यह
स्थिति
दिल
पर
अतिरिक्त
दबाव
डालती
है।
हीटवेव
की
स्थिति
में
शरीर
पर
तनाव
(स्ट्रेस)
बढ़ता
है,
जिससे
हृदय
को
सामान्य
से
अधिक
मेहनत
करनी
पड़ती
है।
इससे
हार्ट
अटैक
का
जोखिम
काफी
हद
तक
बढ़
जाता
है,
विशेषकर
उन
लोगों
के
लिए
जो
पहले
से
ही
हृदय
संबंधी
बीमारियों
से
ग्रसित
हैं।