देहात
थाना
क्षेत्र
में
एक
युवती
की
गुमशुदगी
और
उसके
बाद
सामूहिक
दुष्कर्म
की
शिकायत
ने
पुलिस
को
भी
उलझन
में
डाल
दिया
था।
जांच
जैसे-जैसे
आगे
बढ़ी,
परत-दर-परत
साजिश
का
पर्दाफाश
होता
गया।
पूरा
मामला
फर्जी
निकला
और
कड़ाई
से
पूछताछ
हुई
तो
पता
चला
कि
सामूहिक
दुष्कर्म
की
फर्जी
शिकायत
कराने
के
लिए
युवती
को
उसकी
मां,
आदिवासी
संगठन
का
नेता
और
गुलाबी
गैंग
की
लीडर
ने
प्रेरित
किया
था।
अब
पुलिस
इनके
खिलाफ
कार्रवाई
की
तैयारी
में
है।
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जानकारी
में
देहात
टीआई
गोविंद
सिंह
राजपूत
ने
बताया
कि
गत
एक
जून
को
थाना
क्षेत्र
में
रहने
वाली
18
साल
की
युवती
के
परिजनों
ने
शिकायत
की
थी
कि
उनकी
बेटी
बाजार
जाने
की
बात
कहकर
निकली
थी
और
लापता
हो
गई।
दो
जून
को
पुलिस
ने
शिकायत
पर
गुमशुदगी
का
मामला
दर्ज
किया।
पुलिस
ने
पतासाजी
शुरू
की
तो
पता
चला
कि
13
जून
को
युवती
लौट
आई
और
बयान
दिए
कि
माता-पिता
ने
डांटा
तो
वो
पैदल
तामिया
चली
गई,
वहां
से
सौंसर
के
जामसांवली
मंदिर
गई
और
यहां
से
इमलीखेड़ा
आई,
जहां
कुछ
लोगों
ने
उसे
देखा
और
फिर
थाने
छोड़
दिया।
इसके
बाद
अचानक
इस
मामले
में
दुष्कर्म
की
शिकायत
सामने
आई,
जिसके
बाद
पुलिस
ने
पतासाजी
की
तो
सच
सामने
आया
कि
युवती
ने
घर
से
भागने
के
बाद
मर्जी
से
विवाह
रचा
लिया
था,
लेकिन
उसकी
मां,
गुलाबी
गैंग
और
आदिवासी
संगठन
गोंडवाना
के
देवरावेन
भलावी
ने
उसे
बहकाया
और
फर्जी
सामूहिक
दुष्कर्म
की
शिकायत
कराई
थी।
पुलिस
ने
साजिश
से
पर्दा
उठाकर
सच
सामने
ला
दिया
है,
जबकि
दूसरे
तरफ
इनके
खिलाफ
एफआईआर
दर्ज
करने
की
तैयारी
की
जा
रही
है।
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मचा
हड़कंप
ये
है
पूरा
मामला
देहात
थाना
क्षेत्र
की
एक
युवती
एक
जून
को
बाजार
जाने
की
बात
कहकर
गायब
हो
जाती
है,
दो
जून
को
परिजन
उसकी
गुमशुदगी
दर्ज
कराते
हैं
तो
युवती
13
दिनों
बाद
लौट
आती
है
और
बयान
देती
है
कि
माता-पिता
की
फटकार
की
वजह
से
वो
चली
गई
थी।
इसके
बाद
अचानक
बीते
दिन
युवती
को
लेकर
परिजन
थाने
पहुंचे
और
सामूहिक
दुष्कर्म
की
शिकायत
करने
लगे।
इसके
बाद
पुलिस
ने
गांव
पहुंचकर
छानबीन
की।
सीसीटीवी
फुटैज
खंगाले,
युवती
को
इमलीखेड़ा
में
लावारिश
देखने
के
बाद
थाना
छोड़ने
वालों
के
बयान
लिए
तो
पूरी
साजिश
से
पर्दा
उठ
गया
और
पुलिस
ने
सच
सामने
ला
दिया।
विवाह
रचा
लिया
था,
तो
डर
गई
पूरी
कहानी
युवती
के
प्रेम
विवाह
के
कारण
बनी।
दरअसल
युवती
घर
से
भागी
और
कुछ
दिनों
से
अपने
साथ
मजदूरी
करने
वाले
युवक
इमलीखेड़ा
निवासी
अनिल
कंटक
के
साथ
छह
जून
को
परासिया
रोड
षष्टी
माता
मंदिर
पहुंचकर
प्रेम
विवाह
रचा
लिया।
इस
दौरान
पंडित
ने
दोनों
के
बालिग
होने
की
बात
भी
पूछी
थी,
युवती
ने
खुशी-खुशी
विवाह
रचाया
और
फिर
घर
चली
गई।
यहां
उसे
विवाह
को
लेकर
डर
था
तो
उसने
परिजनों
को
सच
नहीं
बताया,
इसके
बाद
युवती
की
मां
ने
पूरी
कहानी
रची
और
शुरुआत
से
मुआवजे
की
मांग
को
जोर
देने
लगी,
लेकिन
उसका
सच
सामने
आ
गया।