खंडवा
जिले
के
कल्लनगंज
क्षेत्र
में
नगर
निगम
द्वारा
की
जा
रही
अतिक्रमण
हटाने
की
कार्रवाई
उस
समय
विवाद
का
कारण
बन
गई,
जब
नेता
प्रतिपक्ष
मुल्लू
राठौर
और
एसडीएम
बजरंग
बहादुर
के
बीच
तीखी
बहस
हो
गई।
मामला
इतना
बढ़
गया
कि
एसडीएम
ने
सीएसपी
और
पुलिस
बल
को
मौके
पर
बुलाकर
नेता
प्रतिपक्ष
को
गिरफ्तार
करने
के
आदेश
दे
दिए।
हालांकि,
उच्च
अधिकारियों
के
हस्तक्षेप
के
बाद
मामला
शांत
हो
गया।
नेता
प्रतिपक्ष
मुल्लू
राठौर
के
अनुसार,
जिस
दुकान
को
तोड़ा
जा
रहा
था,
उसके
मालिक
के
पास
हाईकोर्ट
से
स्टे
ऑर्डर
था।
उन्होंने
आरोप
लगाया
कि
दुकान
का
मालिक
अल्पसंख्यक
समुदाय
से
है।
भूमाफियाओं
के
साथ
मिलकर
निगम
प्रशासन
ने
हठधर्मिता
पूर्वक
दुकान
को
तोड़ा
है।
इस
दौरान
उन्होंने
एसडीएम
कार्यालय
में
भ्रष्टाचार
होने
के
गंभीर
आरोप
भी
लगाए।
जाति
और
धर्म
का
मुद्दा
उठने
और
एसडीएम
कार्यालय
में
भ्रष्टाचार
के
आरोप
लगने
पर
एसडीएम
बजरंग
बहादुर
नाराज
हो
गए।
उन्होंने
इसे
शासकीय
कार्य
में
बाधा
मानते
हुए
तत्काल
नेता
प्रतिपक्ष
की
गिरफ्तारी
के
निर्देश
दे
दिए।
पुलिस
बल
उन्हें
हिरासत
में
लेने
की
प्रक्रिया
शुरू
की,
लेकिन
वरिष्ठ
अधिकारियों
के
दखल
से
विवाद
टल
गया।
ये
भी
पढ़ें: अमर
उजाला
संवाद
इस
बार
मध्य
प्रदेश
में,
कार्यक्रम
में
शामिल
होने
के
लिए
रजिस्टर
करें
नेता
प्रतिपक्ष
ने
इस
दौरान
कलेक्टर
और
एसपी
को
फोन
किया,
लेकिन
मीटिंग
में
होने
के
कारण
दोनों
अधिकारियों
से
बात
नहीं
हो
पाई।
अंततः
सीएसपी
ने
संयम
बरतते
हुए
माहौल
को
संभाला
और
एसपी
से
फोन
पर
बातचीत
कराकर
मामला
शांत
कराया।
एसपी
ने
नेता
प्रतिपक्ष
को
समझाइश
दी
कि
यदि
कोई
शिकायत
है
तो
उसे
लिखित
में
प्रस्तुत
करें।
सार्वजनिक
मंच
पर
इस
तरह
की
टिप्पणी
न
करें।
पहले
भी
विवादों
में
रह
चुके
हैं
एसडीएम
बजरंग
बहादुर
खंडवा
एसडीएम
बजरंग
बहादुर
पूर्व
में
भी
कई
विवादों
में
रहे
हैं।
कोरोना
काल
के
दौरान
उन्होंने
इंदौर
में
बारातियों
से
सड़क
पर
उठक-बैठक
करवाई
थी।
वहीं,
हाल
ही
में
खंडवा
में
जल
संकट
को
लेकर
हुए
प्रदर्शन
में
उन्होंने
महिलाओं
के
खिलाफ
एफआईआर
दर्ज
करवाई
थी।
उनके
इस
फैसलों
की
जमकर
आलोचना
हुई
थी।
ये
भी
पढ़ें: अमर
उजाला
संवाद
पहली
बार
मध्य
प्रदेश
में,
26
जून
को
भोपाल
में
जुटेंगी
हस्तियां
तो
दर्ज
कराएंगे
एफआईआर
एसडीएम
बजरंग
बहादुर
ने
स्पष्ट
किया
कि
निगम
द्वारा
अवैध
अतिक्रमण
पर
कार्रवाई
की
जा
रही
थी।
मौके
पर
भीड़
जमा
होने
और
कार्य
में
बाधा
उत्पन्न
होने
की
सूचना
मिलने
पर
वे
स्वयं
सीएसपी
और
पुलिस
बल
के
साथ
पहुंचे
थे।
उन्होंने
कहा
कि
नेता
प्रतिपक्ष
द्वारा
लगाए
गए
आरोप
निराधार
हैं।
यदि
भविष्य
में
फिर
से
ऐसा
व्यवहार
किया
गया
तो
उनके
खिलाफ
एफआईआर
दर्ज
करवाई
जाएगी।