Bhopal News: टेक होम राशन घोटाले में लोकायुक्त की जांच शुरू, पूर्व सीएस इकबाल सिंह और एलएम बेलवाल पर आरोप

मध्यप्रदेश
के
पूर्व
मुख्य
सचिव
इकबाल
सिंह
बैंस
और
रिटायर्ड
आईएफएस
अधिकारी
और
बैंस
के
करीबी,
आजीविका
मिशन
के
पूर्व
सीईओ
ललित
मोहन
बेलवाल
के
खिलाफ
लोकायुक्त
पुलिस
ने
जांच
शुरू
कर
दी
है।
हालांकि
यह
प्राथमिक
जांच
होने
के
बाद
अगर
प्रथम
दृष्टया
भ्रष्टाचार
का
मामला
सामने
आएगा,
तब
आपराधिक
प्रकरण
की
जांच
शुरू
होगी।
अभी
प्राथमिकी
दर्ज
करने
से
पहले
की
जांच
शुरू
हुई
है। पूर्व
विधायक
पारस
सखलेचा
ने
नयंत्रक
एवं
महालेखा
परीक्षक
(सीएजी)
की
रिपोर्ट
में
मध्य
प्रदेश
में
वर्ष
2018-19
से
2021-22
के
बीच
टेक
होम
राशन
(टीएचआर)
घोटाला
उजागर
होने
के
बाद
लोकायुक्त
संगठन
में
बैंस
और
ललित
मोहन
बेलवाल
के
खिलाफ
शिकायत
की
थी।


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वर्ष
2023
में
पारस
सखलेचा
ने
बैंस
और
बेलवाल
के
खिलाफ
पोषण
आहार
योजना
और
ग्रामीण
आजीविका
मिशन
में
कथित
तौर
पर
500
करोड़
का
भ्रष्टाचार
किए
जाने
की
शिकायत
की
थी।
जब
टेक
होम
राशन
घोटाला
हुआ,
तब
बैंस
पंचायत
एवं
ग्रामीण
विकास
विभाग
के
अपर
मुख्य
सचिव
थे
और
टेक
होम
राशन
उनके
विभाग
के
अधीन
ही
आता
है। 


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सखलेचा
का
तर्क-
जांच
हुई
तो
बहुत
बड़ा
घोटाला
निकलेगा

पूर्व
विधायक
सखलेचा
ने
अपनी
शिकायत
में
कहा
है
कि
सीएजी
ने
लगभग
500
करोड़
का
घोटाला
मात्र
चार
वर्षों
में
पाया
है।
यदि
सभी
जिलों
जांच
की
गई
तो
यह
घोटाला
इससे
कई
गुना
बड़ा
निकलेगा।
उन्होंने
आरोप
लगाया
कि
इकबाल
सिंह
बैंस
ने
पंचायत
विभाग
के
अपने
कार्यकाल
में
2017
में
अपने
चहेते
बेलवाल
को
वन
विभाग
से
प्रतिनियुक्ति
पर
लाकर
आजीविका
मिशन
का
सीईओ
बनाया
था।
इसके
बाद
पोषण
आहार
बनाने
वाली
सातों
फैक्ट्री
का
कार्य
एग्रो
इंडस्ट्री
कारपोरेशन
से
लेकर
आजीविका
मिशन
को
दे
दिया।
दिसंबर
2018
में
कांग्रेस
की
कमलनाथ
सरकार
बनने
पर
सातों
फैक्ट्री
का
कार्य
पुन:
एग्रो
इंडस्ट्रीज
कारर्पोशन
को
सौंपा
गया।
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बोले-
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गणना
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में
पुनः
स्थापित
होगा
उज्जैन,
अत्याधुनिक
तारामंडल
का
लोकार्पण


रिटायर
होने
के
बाद
संविदा
पर

गए
बेलवाल

इतना
ही
नहीं
बैंस
ने
मुख्य
सचिव
बनने
के
बाद
बेलवाल
को
सेवानिवृत्ति
होने
पर
संविदा
आधार
पर
फिर
से
आजीविका
मिशन
का
सीईओ
बना
दिया
था।
उन्होंने
शिकायत
में
कहा
है
कि
बेलवाल
को
लेकर
बैंस
का
प्रेम
देखकर
लगता
है
कि
बैंस
भी
इस
पूरे
घोटाले
में
शामिल
हैं।
इसलिए
उनके
खिलाफ
भी
जांच
की
जाए।
हालांकि
अभी
तक
बैंस
के
खिलाफ
कोई
भ्रष्टाचार
नहीं
पाया
गया
है,
जबकि
बेलवाल
पर
आजीविका
मिशन
में
भर्ती
को
लेकर
पहले
से
प्रकरण
दर्ज
हैं।
लोकायुक्त
संगठन
ने
महिला
एवं
बाल
विकास
विभाग,
आजीविका
मिशन
और
अन्य
संबंधित
विभागों
एवं
कार्यालयों
में
जानकारी
मांगने
के
बाद
जांच
पंजीबद्ध
की
है। 

उल्लेखनीय
है
कि
महिला
एवं
बाल
विकास
विभाग
छह
माह
से
तीन
वर्ष
तक
के
बच्चों,
गर्भवती
और
11
से
14
साल
तक
की
स्कूल
नहीं
जाने
वाली
किशोरियों
में
टेक
होम
राशन
देता
है।
सीएजी
ने
भ्रष्टाचार
उजागर
करते
हुए
मुख्य
सचिव
को
कथित
घोटाले
की
जांच
एक
स्वतंत्र
एजेंसी
से
कराने
और
अधिकारियों
की
जिम्मेदारी
तय
करने
के
लिए
कहा
था।