गुना
जिले
में
एक
बेहद
मार्मिक
हादसे
ने
पूरे
क्षेत्र
को
गमगीन
कर
दिया
है।
नेवरी
गांव
के
रहने
वाले
दो
सगे
भाई
करन
और
सागर
राजस्थान
के
छबड़ा
से
लहसुन
बेचकर
घर
लौटते
वक्त
कोहन
नदी
के
तेज
बहाव
में
बह
गए।
36
घंटे
की
तलाश
के
बाद
रविवार
सुबह
एनडीआरएफ
की
टीम
ने
दोनों
भाइयों
के
शव
नदी
की
पुलिया
के
नीचे
से
बरामद
किए।
भावुक
कर
देने
वाली
बात
यह
रही
कि
दोनों
भाई
एक-दूसरे
का
हाथ
थामे
मिले।
घटना
शनिवार
की
है
जब
लगातार
बारिश
के
चलते
कोहन
नदी
उफान
पर
थी।
करन
(कक्षा
11वीं)
और
सागर
(कक्षा
12वीं)
अपने
गांव
लौट
रहे
थे,
लेकिन
नदी
के
तेज
बहाव
को
नजरअंदाज
कर
ट्रैक्टर-ट्रॉली
समेत
उसमें
उतर
गए।
ट्रॉली
को
तो
जेसीबी
की
मदद
से
बाहर
निकाल
लिया
गया,
लेकिन
दोनों
भाई
पानी
में
बह
गए।
घटनास्थल
पर
मौजूद
स्थानीय
लोगों
के
अनुसार,
दोनों
भाइयों
के
हाथ
एक-दूसरे
से
जुड़े
हुए
थे,
जिससे
अंदाजा
लगाया
जा
रहा
है
कि
उन्होंने
आखिरी
वक्त
तक
एक-दूसरे
को
थामे
रखा।
गांव
वालों
और
परिवार
की
आंखों
में
अब
केवल
आंसू
हैं।
माता-पिता
और
तीन
बहनों
का
रो-रोकर
बुरा
हाल
है।
घर
में
लहसुन
बेचकर
लौटने
की
खुशी
होनी
थी,
लेकिन
मातम
छा
गया।
जिला
प्रशासन
और
पुलिस
के
वरिष्ठ
अधिकारी
विधायक
ऋषि
अग्रवाल,
कलेक्टर
किशोर
कुमार
कन्याल
और
एसपी
अंकित
सोनी
मौके
पर
पहुंचे
और
राहत
कार्य
का
जायज़ा
लिया।
पुल
की
हालत
पर
उठे
सवाल
स्थानीय
लोगों
ने
इस
दर्दनाक
हादसे
के
बाद
प्रशासन
से
सवाल
उठाए
हैं
कि
आखिर
कोहन
नदी
का
जर्जर
पुल,
जो
वर्षों
से
मरम्मत
की
मांग
कर
रहा
है,
उस
पर
ध्यान
क्यों
नहीं
दिया
गया।
महज
5-6
फीट
ऊंचा
यह
पुल
न
केवल
बरसात
में
बल्कि
सूखे
मौसम
में
भी
डराने
वाला
रहता
है।
ग्रामीणों
की
अपील
ग्रामीणों
ने
मांग
की
है
कि
अब
सरकार
को
सिर्फ
पुलों
और
सड़कों
की
मरम्मत
नहीं,
बल्कि
गांवों
में
मूलभूत
सुरक्षा
ढांचे
पर
ध्यान
देना
चाहिए।
ऐसी
घटनाएं
यह
याद
दिलाती
हैं
कि
एक
अदृश्य
खतरा
हमारे
ग्रामीण
युवाओं
को
निगल
रहा
है।