दमोह
जिले
में
रविवार
को
मानसून
की
पहली
बारिश
ने
जहां
राहत
दी,
वहीं
प्रशासन
के
विकास
के
दावों
की
हकीकत
भी
उजागर
कर
दी।
दमोह
शहर
से
लेकर
ग्रामीण
अंचलों
तक
जलभराव
और
बदहाल
सड़कों
ने
लोगों
को
परेशानी
में
डाल
दिया।
कई
जगहों
पर
घरों
में
पानी
भर
गया
तो
कहीं
कीचड़
और
दलदल
ने
रास्ता
बंद
कर
दिया।
शहर
में
जलभराव,
मकान
डूबे
दमोह
शहर
के
हटा
नाका
क्षेत्र
की
आसाराम
कॉलोनी
में
तीन
फीट
तक
पानी
भर
गया।
लोगों
को
अपने
ही
घरों
से
पानी
निकालने
के
लिए
संघर्ष
करना
पड़ा।
देर
शाम
तक
जलनिकासी
की
स्थिति
सामान्य
हो
सकी।
शहर
के
अन्य
इलाकों
में
भी
नालियों
की
सफाई
न
होने
के
कारण
जलभराव
की
स्थिति
बनी
रही।
ग्रामीण
इलाकों
में
दलदल
बनी
सड़कें,
ट्रैक्टर
फंसा
हटा
ब्लॉक
की
उपतहसील
मडियादो
में
हालात
और
भी
खराब
नजर
आए।
यहां
कच्चे
रास्तों
पर
बारिश
के
बाद
इतनी
कीचड़
हो
गई
कि
ट्रैक्टर
का
आधा
पहिया
दलदल
में
धंस
गया।
इस
घटना
का
वीडियो
सोशल
मीडिया
पर
वायरल
हो
गया
है,
जिससे
प्रशासन
की
तैयारियों
पर
सवाल
उठने
लगे
हैं।
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महीने
ग्रामीणों
की
यही
होगी
दिनचर्या
मडियादो
क्षेत्र
के
रहवासी
चार
महीने
तक
इसी
कीचड़
में
अस्पताल,
स्कूल
और
बाजार
आने-जाने
को
मजबूर
रहेंगे।
लगभग
300
परिवारों
के
लिए
ये
रास्ते
हमेशा
मुसीबत
का
सबब
बने
रहते
हैं।
पंचायत
द्वारा
समय-समय
पर
मिट्टी
डालकर
मुरमीकरण
तो
किया
जाता
है,
लेकिन
वह
भी
पहली
ही
बारिश
में
धुल
जाता
है।
लोगों
ने
की
पक्की
सड़क
की
मांग
स्थानीय
लोगों
ने
वायरल
वीडियो
के
साथ
प्रशासन
से
पक्की
सड़क
निर्माण
की
मांग
की
है।
उनका
कहना
है
कि
हर
साल
इसी
तरह
कीचड़
और
दलदल
में
फंसकर
जीना
पड़ता
है,
लेकिन
कोई
स्थायी
समाधान
नहीं
किया
जाता।
अब
जबकि
मानसून
की
शुरुआत
ही
हुई
है,
ऐसे
में
आने
वाले
चार
महीनों
में
हालात
और
बिगड़ने
की
आशंका
है।
प्रशासन
की
लापरवाही
और
समय
पर
तैयारी
न
होना,
जनता
के
लिए
भारी
पड़ता
नजर
आ
रहा
है।