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एक
ओर
जहां
सागर
जिले
के
कलेक्टर
क्षतिग्रस्त
भवनों
को
गिराने
के
लिए
लगातार
नए
आदेश
जारी
कर
रहे
हैं,
वहीं
शिक्षा
विभाग
जिले
के
पुराने
स्कूल
भवनों
की
जर्जर
स्थिति
को
लेकर
आंख
मूंदे
बैठा
है।
जिले
में
कई
सरकारी
विद्यालयों
की
बिल्डिंग्स
खस्ताहाल
हैं,
जिनमें
बच्चे
पढ़ाई
करने
को
मजबूर
हैं।
बारिश
के
मौसम
में
इन
भवनों
में
हादसों
की
आशंका
बनी
रहती
है।
इसी
कड़ी
में
रहली
विकासखंड
के
ग्राम
मदनपुरा
में
प्राथमिक
विद्यालय
की
छत
का
प्लास्टर
गिरने
से
दो
छात्राएं
घायल
हो
गईं।
घायल
छात्राओं
को
प्राथमिक
उपचार
के
लिए
रहली
स्वास्थ्य
केंद्र
ले
जाया
गया,
जहां
उनका
इलाज
जारी
है।
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अधिकारी
पहुंचे
मौके
पर
हादसे
की
सूचना
मिलते
ही
रहली
एसडीएम
और
तहसीलदार
मौके
पर
पहुंचे।
जानकारी
के
अनुसार
स्कूल
भवन
करीब
28
साल
पुराना
है,
जिसकी
मरम्मत
की
आवश्यकता
थी।
लेकिन
शिक्षा
विभाग
की
अनदेखी
और
लापरवाही
के
चलते
यह
हादसा
हुआ।
विदित
हो
कि
बारिश
से
पहले
शासकीय
भवनों
की
मरम्मत
करवा
ली
जानी
चाहिए,
परंतु
जिम्मेदारों
की
उदासीनता
के
कारण
इस
तरह
की
घटनाएं
सामने
आती
रहती
हैं।
पहले
भी
गिर
चुका
था
प्लास्टर
अधिकारियों
द्वारा
किए
गए
निरीक्षण
में
पाया
गया
कि
जिस
कक्ष
में
हादसा
हुआ,
वहां
पहले
भी
प्लास्टर
गिर
चुका
था।
इसके
बावजूद
संस्था
प्रमुख
ने
उसी
कमरे
में
बच्चों
की
पढ़ाई
जारी
रखी,
जिससे
यह
घटना
हुई।
उपयंत्री
की
लापरवाही
भी
उजागर
निरीक्षण
में
यह
भी
सामने
आया
कि
बीआरसी
रहली
में
पदस्थ
उपयंत्री
राजेन्द्र
वैध
ने
समय
रहते
स्कूल
भवन
का
निरीक्षण
नहीं
किया
और
न
ही
भवन
को
खतरनाक
घोषित
कर
बच्चों
की
पढ़ाई
किसी
सुरक्षित
स्थान
पर
स्थानांतरित
करवाई।
बीते
कुछ
दिनों
से
लगातार
बारिश
हो
रही
है,
जिससे
स्कूल
भवन
और
भी
ज्यादा
जर्जर
हो
गया
है।
उचित
होता
कि
संबंधित
उपयंत्री
अपने
कर्तव्य
का
निर्वहन
करते
हुए
भवन
की
स्थिति
को
भांपते
और
उसे
उपयोग
के
लिए
प्रतिबंधित
घोषित
करते।
परंतु
ऐसा
नहीं
हुआ,
जिससे
यह
दुर्घटना
घटी।
दिए
गए
निर्देश
निरीक्षण
के
बाद
अधिकारियों
ने
स्कूल
स्टाफ
को
निर्देशित
किया
कि
जब
तक
भवन
की
मरम्मत
नहीं
होती,
तब
तक
पास
के
आंगनबाड़ी
भवन
में
कक्षाएं
संचालित
की
जाएं।
साथ
ही
घायल
छात्राओं
का
समुचित
इलाज
सुनिश्चित
करते
हुए
उनके
परिवारों
के
साथ
लगातार
संपर्क
में
रहने
के
भी
निर्देश
दिए
गए
हैं।