Bhopal: बीमारियों की वजह तलाशने जीएमसी भोपाल में जुटे विशेषज्ञ, तीन दिवसीय रिसर्च मेथडोलॉजी वर्कशॉप शुरू


राजधानी
भोपाल
स्थित
गांधी
मेडिकल
कॉलेज
(जीएमसी)
में
अब
इलाज
के
बाद
रिसर्च
पर
भी
फोकस
किया
जा
रहा
है।
बीमारियो
की
वजह
तलाशने
तीन
दिवसीय
रिसर्च
मेथडोलॉजी
वर्कशॉप
का
आयोजन
बुधवार
से
किया
गया
 है।
इसका
उद्देश्य
डॉक्टरों
और
फैकल्टी
को
अच्छा
शोधकर्ता
बनाना,
ताकि
वे
सिर्फ
मरीजों
का
इलाज

करें,
बल्कि
भारत
की
स्वास्थ्य
नीति
और
भविष्य
को
भी
आकार
दें।
यह
वर्कशॉप
गांधी
मेडिकल
कॉलेज
की
मल्टीडिस्पिलनरी
रिसर्च
यूनिट
(MRU)
द्वारा
आयोजित
की
जा
रही
है।


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कार्यशाला
में
देशभर
के
जाने-माने
विशेषज्ञ,
शोधकर्ता
शामिल

जीएमसी
की
डीन
डॉ.
कविता
एन
सिंह
ने
कहा
है
कि
रिसर्च
ही
किसी
भी
संस्थान
को
उत्कृष्ट
बनता
है।
उन्होंने
बताया
कि
जब
से
वह
गांधी
मेडिकल
कॉलेज
की
जिम्मेदारी
संभाली
है
रिसर्च
पर
विशेष
फोकस
कर
रही
हैं।
उन्होने
कहा
कि
क्या
एक
डॉक्टर
सिर्फ
इलाज
करता
है,
ऐसा
नहीं
है।
वह
बीमारियों
के
पीछे
की
वजह
भी
खोज
सकता
है,
नई
दवाएं
विकसित
कर
सकता
है
और
इलाज
के
बेहतर
तरीके
भी
खोज
सकता
है।
इसी
तरह
की
इसी
तरह
के
प्रयास
के
लिए
इस
कार्यशाला
का
आयोजन
किया
जा
रहा
है। 
उन्होने
बताया
कि
इस
कार्यशाला
में
देशभर
के
जाने-माने
विशेषज्ञ,
शोधकर्ता
और
संस्थान
हिस्सा
ले
रहे
हैं,
जिनमें
ICMR
(भारतीय
आयुर्विज्ञान
अनुसंधान
परिषद),
IRSHA
पुणे
और
केंद्रीय
स्वास्थ्य
मंत्रालय
तक
शामिल
है।


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पढ़ें-मध्य
प्रदेश
के
भोपाल,
इंदौर
समेत 16
जिलों
में
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बारिश
का
अलर्ट,
अगले
चार
दिन
बदला
रहेगा
मौसम


डॉक्टर
सिर्फ
इलाज
ही
नहीं,समस्या
का
हल
खोजें

 डॉ.
कविता
एन.
सिंह
ने
कहा
कि
मेडिकल
कॉलेजों
को
अब
केवल
डिग्री
देने
से
आगे
बढ़कर
रिसर्च
में
भी
उदाहरण
बनना
होगा।
यह
वर्कशॉप
डॉक्टरों
को
नए
विचारों
पर
सोचने,
समाज
के
लिए
उपयोगी
रिसर्च
करने
और
नीति
निर्माण
में
योगदान
देने
के
लिए
प्रेरित
करेगी।
डॉ.
सिंह
ने
आगे
कहा
कि
आज
के
समय
में
जब
नई
बीमारियां,
महामारी,
और
स्वास्थ्य
चुनौतियां
हमारे
सामने
खड़ी
हैं,
तब
यह
जरूरी
है
कि
डॉक्टर
सिर्फ
इलाज
ही
नहीं,
बल्कि
समस्या
की
जड़
तक
जाकर
हल
खोजें।
मेडिकल
रिसर्च
वही
माध्यम
है,
जिससे
डॉक्टर
समाज
को
नई
राह
दिखा
सकते
हैं।
यह
वर्कशॉप

सिर्फ
ज्ञानवर्धक
है,
बल्कि
यह
प्रदेश
और
देश
के
स्वास्थ्य
ढांचे
को
मजबूत
करने
की
दिशा
में
एक
ठोस
पहल
भी
है।


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में
होगी
‘रानी
दुर्गावती
जू

रेस्क्यू
सेंटर’
की
स्थापना,
बलिदान
गाथा
किताबों
में
होगी
शामिल


 मन
में
उठने
वाला
सवाल
ही
रिसर्च
की
शुरुआत 

कार्यक्रम
के
मुख्य
संयोजक
और
एमआरयू
के
नोडल
अधिकारी
डॉ.
अतुल
श्रीवास्तव
ने
बताया
कि
हमारे
डॉक्टरों
के
पास
बहुत
अनुभव
होता
है।
अगर
उसे
रिसर्च
रूप
दिया
जाए
तो
वह
समाज
के
लिए
बहुत
बड़ा
योगदान
बन
सकता
है।
हर
डॉक्टर
को
यह
समझना
होगा
कि
मन
में
उठने
वाला
सवाल
ही
रिसर्च
की
शुरुआत
हो
सकता
है।
 वर्कशॉप
में
ICMR,
GMC
भोपाल,
AIIMS,
MGM
इंदौर,
और
Jhalawar
जैसी
संस्थाओं
के
विशेषज्ञ
हिस्सा
ले
रहे
हैं।
शामिल
होंगे
देश
के
प्रमुख
विशेष
शब्दों
में
से
डॉ.
साधना
जोशी
(IRSHA
पुणे)
 मातृ-शिशु
स्वास्थ्य
में
प्रसिद्ध
शोधकर्ता,
डॉ.
योगेश
सबदे
(ICMR–NIREH
भोपाल)
पर्यावरणीय
स्वास्थ्य
विशेषज्ञ,
डॉ.
तनु
आनंद
(स्वास्थ्य
मंत्रालय)
 रिसर्च
नीति
विशेषज्ञ,
डॉ.
दीपाली
सुंद्रानी,
डॉ.
हर्षद
पाटिल,
डॉ.
पद्मा
भाटिया
शामिल
हैं।