मध्य
प्रदेश
के
खंडवा
जिले
में
बीते
दो
दिनों
से
लगातार
वन
अतिक्रमणकारियों
द्वारा
वन
विभाग
की
टीम
पर
हमला
किए
जाने
की
घटनाएं
सामने
आई
हैं।
इन
हमलों
में
वन
विभाग
के
कुछ
कर्मचारी
घायल
हुए
हैं।
मामले
की
गंभीरता
को
देखते
हुए
पिपलोद
थाना
पुलिस
ने
आरोपियों
के
खिलाफ
प्रकरण
दर्ज
किया
है।
साथ
ही
जिला
कलेक्टर
और
वन
विभाग
के
वरिष्ठ
अधिकारियों
की
टीम
ने
घटनास्थल
का
निरीक्षण
किया
और
दोषियों
के
विरुद्ध
सख्त
कार्रवाई
की
तैयारी
शुरू
कर
दी
गई
है।
खंडवा
डीएफओ
राकेश
डामोर
के
अनुसार,
यह
घटना
वन
परिक्षेत्र
गुड़ी
के
कक्ष
क्रमांक
741,
बीट
टाकलखेड़ा
की
है।
शनिवार
को
डेहरिया
समुदाय
के
8-10
लोग
आरक्षित
वन
भूमि
में
अवैध
रूप
से
हाथ
से
बोवनी
कर
रहे
थे।
जब
वन
अमले
ने
उन्हें
रोकने
का
प्रयास
किया
तो
इन
लोगों
ने
एकजुट
होकर
पत्थर
और
गोफन
से
हमला
कर
दिया,
जिससे
शासकीय
कार्य
में
गंभीर
बाधा
उत्पन्न
हुई।
इस
घटना
के
वीडियो
भी
सामने
आए
हैं,
जिनमें
अतिक्रमणकारी
साफ
तौर
पर
वन
अमले
पर
हमला
करते
नजर
आ
रहे
हैं।
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से
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किया
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गहने
हो
सकते
हैं
गुड़ी
रेंजर
नरेंद्र
पटेल
ने
बताया
कि
वन
क्षेत्र
में
डेहरिया
समुदाय
के
कुछ
लोग—जिनमें
भारत
उर्फ
भायटा
पिता
नरसिंग
बारेला,
सुभाष
उर्फ
सुबला
पिता
रूपसिंग
बारेला,
खना
पिता
नानसिंग
बारेला
और
अन्य
8–10
लोग
शामिल
थे,
बिना
अनुमति
बोवनी
कर
रहे
थे।
जब
इन्हें
रोका
गया
तो
इन
सभी
ने
एकजुट
होकर
वन
टीम
पर
हमला
कर
दिया।
हमले
में
वन
चौकीदार
राज
पिता
जगदीश
गवली
के
दाहिने
हाथ
की
कोहनी
पर
गोफन
से
पत्थर
लगा,
जिससे
वह
घायल
हो
गए
और
खून
बहने
लगा।
वनकर्मियों
ने
पेड़ों
की
आड़
लेकर
किसी
तरह
खुद
को
बचाया
और
जान
बचाकर
जंगल
से
बाहर
निकले।
इसके
बाद
पीपलोद
थाने
में
आरोपियों
के
विरुद्ध
मामला
दर्ज
करवाया
गया।
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की
जान
पुलिस
ने
केस
किया
दर्ज
हमले
की
जानकारी
मिलते
ही
जिला
कलेक्टर
ऋषव
गुप्ता,
डीएफओ
राकेश
डामोर
सहित
वन
विभाग
के
वरिष्ठ
अधिकारी
मौके
पर
पहुंचे।
उन्होंने
पूरे
घटनाक्रम
की
जानकारी
ली
और
संबंधित
अतिक्रमणकारियों
के
खिलाफ
सख्त
कार्रवाई
के
निर्देश
दिए।
पिपलोद
पुलिस
ने
भारत
उर्फ
भायटा,
सुभाष
उर्फ
सुबला,
खना
बारेला
सहित
अन्य
10
अज्ञात
लोगों
के
खिलाफ
शासकीय
कार्य
में
बाधा,
मारपीट
और
अन्य
धाराओं
में
प्रकरण
दर्ज
कर
लिया
है।
मामले
की
जांच
की
जा
रही
है। ं