पीसीसी
चीफ
जीतू
पटवारी
के
खिलाफ
अशोकनगर
जिले
में
दर्ज
की
गई
एफआईआर
को
लेकर
पूर्व
मंत्री जयवर्धन
सिंह
उनके
समर्थन
में
उतर
आए
हैं।
पीसीसी
में
सोमवार
को
जयवर्धन
सिंह
ने
मामले
को
लेकर
प्रेसवार्ता
की।
इस
दौरान
उन्होंने
एफआईआर
को फर्जी
बताया।
साथ
ही
उन्होंने
अशोकनगर
एसपी
और
मुंगावली
थाना
क्षेत्र
के
टीआई
पर
आरोप
लगाते
हुए
एफआईआर
वापस
लेने
की
मांग
की।
उन्होंने
कहा
कि
अगर
7
जुलाई
तक
एफआईआर
वापस
नहीं
ली
जाती
है,
तो
8
जुलाई
को
पूरी
कांग्रेस
अशोकनगर
थाने
जाकर
गिरफ्तारी
देगी।
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न्याय
व्यवस्था
के
खुलेआम
अपमान
जयवर्धन
सिंह
ने सरकार
और
पुलिस
प्रशासन
पर
सवाल
खड़े
करते
हुए
कहा
कि
यह
मामला
न
केवल
राजनैतिक
विद्वेष
का
प्रतीक
है,
बल्कि
न्याय
व्यवस्था
के
खुलेआम
अपमान
का
उदाहरण
भी
है।
उन्होने
ने
बताया
कि
अशोकनगर
जिले
के
निवासी
गजराज
लोधी
ने
भाजपा
के
एक
कार्यकर्ता
पर
मारपीट
करने
और
मल
खिलाने
का
आरोप
लगाया
था।
इसका
विरोध
पूरे
लोधी
समाज
ने
किया।
स्थानीय
निवासियों
ने
इस
मामले
को
लेकर
ज्ञापन
भी
सौंपा,
लेकिन
प्रशासन
ने
कोई
गंभीरता
नहीं
दिखाई।
विज्ञापन
परिवार
बार-बार
जनसुनवाई
में
गए
उन्होने
ने
कहा
कि
पीड़ित
गजराज
लोधी
और
उनका
परिवार
बार-बार
जनसुनवाई
में
गए,
ज्ञापन
सौंपे,
एसपी
ऑफिस
का
घेराव
किया,
लेकिन
जब
कोई
कार्रवाई
नहीं
हुई,
तब
वे
कांग्रेस
नेता
जीतू
पटवारी
से
मिलने
पहुंचे।
उस
समय
जीतू
पटवारी
ग्वालियर
दौरे
पर
थे।
पीड़ित
ने
उनसे
वहीं
पर
मुलाकात
की।
उस
मुलाकात
का
वीडियो
सोशल
मीडिया
पर
काफी
वायरल
हुआ।
जिसमें
पीड़ित
और
उसके
परिवार
ने
अपनी
पीड़ा
साझा
की।
इतना
ही
नहीं,
पीड़ित
के
भाई
का
एक
और
वीडियो
वायरल
हुआ
है,
जिसमें
पुलिस
कार्रवाई
नहीं
होने
पर
पूरे
परिवार
द्वारा
आत्महत्या
की
चेतावनी
दी
गई
है।
यह
भी
पढ़ें-मध्य
प्रदेश
के
20
जिलों
में
आज
भारी
बारिश
का
अलर्ट,
24
घंटे
में
गिर
सकता
है
साढ़े
चार
इंच
तक
पानी
जबरन
फर्जी
एफिडेविट
साइन
करवाया
जयवर्धन
ने
कहा
कि
यह
वीडियो
सामने
आने
के
बाद
पुलिस
और
प्रशासन
हरकत
में
आया,
लेकिन
उन्होंने
दोषियों
पर
कार्रवाई
करने
की
बजाय
पीड़ित
से
जबरन
फर्जी
एफिडेविट
साइन
करवाकर
कांग्रेस
नेता
जीतू
पटवारी
के
खिलाफ
एफआईआर
दर्ज
कर
दी।
उन्होंने
आरोप
लगाया
कि
26
जून
से
पहले
जो
खबरें
स्थानीय
अखबारों
में
छपी
थीं,
उनमें
साफ
तौर
पर
पीड़ित
परिवार
की
पीड़ा
और
उनके
आरोप
प्रकाशित
हुए
थे।
उन
खबरों
की
प्रतियां
भी
कांग्रेस
के
पास
मौजूद
हैं,
जिनमें
जनसुनवाई
की
तस्वीरें
भी
छपी
हैं।