Bandhavgarh Tiger Reserve: पर्यटकों की बाघ जैसी छलांग, 2024-25 में बना रिकॉर्ड; पांच साल में कमाए इतने करोड़


मध्य
प्रदेश
का
प्रसिद्ध
बांधवगढ़
टाइगर
रिजर्व
इन
दिनों
पर्यटन
के
क्षेत्र
में
नई
ऊंचाइयों
को
छू
रहा
है।
बीते
पांच
साल
में
यहां
बाघों
की
दहाड़
के
साथ-साथ
पर्यटकों
की
संख्या
में
भी
जबरदस्त
उछाल
आया
है।
वर्ष
2020-21
से
लेकर
2024-25
(मई
तक)
के
आंकड़ों
के
अनुसार
यहां
8,24,379
पर्यटक
घूमने
आए।
जिनसे
करीब
61.21
करोड़
रुपये
का
राजस्व
प्राप्त
हुआ।
इन
वर्षों
में
खास
बात
यह
भी
रही
कि
भारतीय
पर्यटकों
के
साथ-साथ
विदेशी
पर्यटकों
की
भी
संख्या
बढ़ी
है।
वर्ष
2020-21
में
जहां
केवल
109
विदेशी
पर्यटक
बांधवगढ़
टाइगर
रिजर्व
पहुंचे
थे,
वहीं
2024-25
(मई
तक)
यह
संख्या
बढ़कर
32,528
तक
पहुंच
गई।
 

क्या
बता
रहे
आंकड़े

बांधवगढ़
टाइगर
रिजर्व
से
हर
साल
आय
में
भी
वृद्धि
दर्ज
की
गई।
2020-21
में
जहां
यह
आय
4.65
करोड़
रुपये
थी।
वहीं,
2024-25
(मई
तक)
यह
बढ़कर
16.67
करोड़
रुपये
तक
पहुंच
गई।
ताजा
आंकड़ों
के
अनुसार,
2024-25
(मई
तक)
में
1,93,036
पर्यटक
टाइगर
रिजर्व
पहुंचे।
यह
अब
तक
के
सभी
वर्षों
का
सर्वाधिक
आंकड़ा
है।
इस
कारण
इस
वर्ष
को
अब
तक
का
सबसे
सफल
पर्यटन
वर्ष
माना
जा
रहा
है।

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साल
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कम
उम्र
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नहीं
ले
पाएंगे
9वीं
में
प्रवेश


क्यों
खास
है
बांधवगढ़
टाइगर
रिजर्व?

बांधवगढ़
टाइगर
रिजर्व
देश
के
सबसे
घनी
बाघ
जनसंख्या
वाले
क्षेत्रों
में
से
एक
माना
जाता
है।
यहां
बाघों
को
उनके
प्राकृतिक
परिवेश
में
देखने
का
रोमांच
पर्यटकों
को
बार-बार
आकर्षित
करता
है।
इसके
अतिरिक्त,
यहां
की
हरियाली,
पक्षियों
की
विविधता,
तेंदुआ,
हिरण,
भालू
जैसे
वन्यजीवों
की
उपस्थिति
और
ऐतिहासिक
बांधवगढ़
किले
के
अवशेष
भी
पर्यटन
को
नई
ऊंचाइयां
दे
रहे
हैं।

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गिरफ्तारी


क्यों
बढ़े
पर्यटक?

वन
विभाग
के
अधिकारियों
के
अनुसार,
पर्यटकों
की
बढ़ती
संख्या
का
श्रेय
सुनियोजित
प्रबंधन,
ऑनलाइन
बुकिंग
सुविधा,
प्रशिक्षित
गाइड्स,
सुरक्षा
उपायों
और
पर्यावरण-संवेदनशील
पर्यटन
व्यवस्थाओं
को
जाता
है।
इसके
अलावा,
स्थानीय
समुदाय
को
पर्यटन
से
जोड़ने
और
रोजगार
के
अवसर
बढ़ाने
की
दिशा
में
भी
उल्लेखनीय
कार्य
किए
गए
हैं।
बांधवगढ़
टाइगर
रिजर्व
अब
केवल
मध्य
प्रदेश
ही
नहीं,
बल्कि
पूरे
देश
में
अपनी
पहचान
बना
चुका
है।
 

उमरिया
से
तपस
गुप्ता
की
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