मध्य
प्रदेश
भारतीय
जनता
पार्टी
ने
अपने
प्रदेश
अध्यक्ष
के
चुनाव
के
लिए
औपचारिक
चुनाव
कार्यक्रम
जारी
कर
दिया
है।
पार्टी
के
संविधान
और
केंद्रीय
चुनाव
प्राधिकरण
के
निर्देशों
के
अनुसार
यह
प्रक्रिया
आयोजित
की
जाएगी।
राज्य
निर्वाचन
अधिकारी
विवेक
शेजवलकर
द्वारा
सोमवार
को
यह
अधिसूचना
जारी
की
गई। जारी
कार्यक्रम
के
अनुसार,
1
जुलाई
2025
को
शाम
4:30
बजे
से
6:30
बजे
तक
नामांकन
पत्र
जमा
किए
जाएंगे।
इसके
तुरंत
बाद,
6:30
बजे
से
7:30
बजे
तक
नामांकन
पत्रों
की
जांच
और
7:30
बजे
से
8:00
बजे
तक
नामांकन
वापसी
की
प्रक्रिया
होगी।
उसी
दिन
8:30
बजे
रात
को
नामांकन
पत्रों
की
अंतिम
सूची
घोषित
की
जाएगी।
यदि
आवश्यक
हुआ
तो
2
जुलाई
2025
को
सुबह
11:00
बजे
से
दोपहर
2:00
बजे
तक
मतदान
कराया
जाएगा
और
मतदान
की
समाप्ति
के
तुरंत
बाद
दोपहर
2:00
बजे
मतगणना
एवं
परिणामों
की
घोषणा
की
जाएगी।
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345
सदस्य
करेंगे
प्रदेश
अध्यक्ष
का
चयन
भाजपा
ने
प्रदेश
अध्यक्ष
के
चुनाव
के
लिए
पहले
ही
345
सदस्यीय
प्रदेश
परिषद
का
गठन
कर
लिया
है।
दो
विधानसभा
क्षेत्रों
को
मिलाकर
एक
क्लस्टर
बनाया
गया
है,
जिसके
आधार
पर
ये
सदस्य
चुने
गए
हैं।
आरक्षित
वर्गों
के
लिए
सीटों
के
अनुरूप
उन्हीं
वर्गों
से
परिषद
सदस्य
बनाए
गए
हैं।
इसके
अलावा
महिलाओं
और
ओबीसी
वर्ग
को
भी
उचित
प्रतिनिधित्व
दिया
गया
है।
प्रदेश
भाजपा
में
अधिकांश
बार
अध्यक्ष
का
चुनाव
सर्वसम्मति
से
हुआ
है।
अब
तक
केवल
दो
बार
ही
मतदान
की
नौबत
आई
—
एक
बार
1990
के
दशक
में
लखीराम
अग्रवाल
और
कैलाश
जोशी
के
बीच,
और
दूसरी
बार
2000
में
शिवराज
सिंह
चौहान
और
विक्रम
वर्मा
के
बीच,
जिसमें
वर्मा
ने
जीत
हासिल
की
थी।
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अध्यक्ष
पद
के
लिए
आधा
दर्जन
से
ज्यादा
दावेदार
प्रदेश
अध्यक्ष
की
रेस
में
कई
वरिष्ठ
नेता
और
सांसद
सक्रिय
हैं।
मौजूदा
अध्यक्ष
वीडी
शर्मा
भी
फिर
से
दावेदारी
में
हैं।
इनके
अलावा
पूर्व
मंत्री
डॉ.
नरोत्तम
मिश्रा,
डिप्टी
सीएम
राजेन्द्र
शुक्ला,
बैतूल
विधायक
हेमंत
खंडेलवाल,
सांसद
सुधीर
गुप्ता
और
अरविंद
भदौरिया
के
नाम
चर्चा
में
हैं।
वर्गीय
संतुलन
और
संभावनाएं
अगर
महिला
अध्यक्ष
की
संभावना
बनती
है
तो
अर्चना
चिटनीस,
कविता
पाटीदार,
लता
वानखेड़े
और
सावित्री
ठाकुर
जैसे
नाम
चर्चा
में
हैं।
अनुसूचित
जाति
वर्ग
से
अध्यक्ष
बनाए
जाने
की
स्थिति
में
लाल
सिंह
आर्य
और
विधायक
प्रदीप
लारिया
को
प्रमुख
दावेदार
माना
जा
रहा
है।
आदिवासी
चेहरा
भी
प्रमुख
विकल्प
भाजपा
आदिवासी
समाज
को
साधने
के
लिए
ट्राइबल
नेता
को
अध्यक्ष
बना
सकती
है।
इस
विकल्प
में
केंद्रीय
मंत्री
दुर्गादास
उइके,
खरगोन
सांसद
गजेन्द्र
पटेल,
फग्गन
सिंह
कुलस्ते
और
राज्यसभा
सांसद
सुमेर
सिंह
सोलंकी
के
नाम
प्रमुखता
से
सामने
आ
रहे
हैं।