MP News: पीएम मोदी बोले- ‘जन-भागीदारी से जल गंगा संवर्धन अभियान बना जन-आंदोलन’, नदियां साफ होंगी; और क्या कहा?

प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
कहा
है
कि
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
और
उनकी
टीम
के
जल
संवर्धन
और
संचयन
के
कार्यों
से
जल
गंगा
संवर्धन
अभियान
को
जन-आंदोलन
बनते
देखना
सुखद
अनुभूति
है।
पीएम
मोदी
ने
प्रदेश
के
लाखों
लोगों
के
परिश्रम,
समर्पण
और
आस्था
से
संचालित
जल
गंगा
संवर्धन
अभियान
के
समापन
अवसर
पर
प्रेषित
अपने
संदेश
में
प्रदेशवासियों,
विशेषत:
जलदूतों,
स्व-सहायता
समूह
की
महिलाओं
और
किसानों
को
शुभकामनाएं
दीं।
उन्होंने
पानी
की
एक-एक
बूंद
बचाने
के
लिए
90
दिन
तक
चले
जल
गंगा
संवर्धन
अभियान
में
जन-भागीदारी
से
हुए
कार्यों
को
ऐतिहासिक
बताया।
उन्होंने
मुख्यमंत्री
यादव
समेत
प्रदेशवासियों
को
इस
सफलता
के
लिए
बधाई
भी
दी।


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उल्लेखनीय
है
कि
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
मार्गदर्शन
में
गुड़ीपड़वा
से
शुरू
हुए
जल
गंगा
संवर्धन
अभियान
का
सोमवार
को
खंडवा
समारोहपूर्वक
समापन
हुआ।
इस
दौरान
वाटर
शेड
सम्मेलन
भी
आयोजित
किया
गया।
मुख्यमंत्री
डॉ.
यादव
ने
समारोह
में
1568
करोड़
रुपये
के
विकास
कार्यों
का
लोकार्पण
और
भूमि-पूजन
किया।
समारोह
में
प्रधानमंत्री
मोदी
द्वारा
भेजे
गए
संदेश
का
वाचन
पंचायत
और
ग्रामीण
विकास
मंत्री
प्रह्लाद
सिंह
पटेल
ने
किया।


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अभियान एक
प्रेरणादायी
प्रयास

प्रधानमंत्री
मोदी
ने
कहा
कि
भारत
में
आदिकाल
से
जल
की
वंदना
होती
आई
है।
हमारी
संस्कृति
में
नदियों,
कुओं,
तालाबों
और
बावडियों
को
पूजनीय
मानकर
उनके
संरक्षण
की
परंपरा
रही
है।
इस
विरासत
को
समृद्ध
करते
हुए
‘जल
गंगा
संवर्धन
अभियान’
नदियों
को
निर्मल,
अविरल
और
सदानीरा
बनाने
के
लिए
जन-जागरूकता
की
दिशा
में
एक
प्रेरणादायी
प्रयास
रहा
है।
जन
भागीदारी
की
शक्ति
से
ऊर्जित
यह
एक
उत्कृष्ट
अभियान
बना
जिसमें
प्रदेश
के
सामर्थ्यवान
और
प्रकृति
प्रेमी
साथियों
का
योगदान
प्रशंसनीय
रहा।
जल
संग्रहण
संरचनाओं
के
निर्माण
में
खंडवा
की
उपलब्धि
लोगों
को
प्रेरित
करेगी।

ये
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देने
के
बहाने
घर
के
बाहर
बुलाया,
फिर
सहेली
पर
फेंका
एसिड,
चेहरा,
सीना
और
पैर
जले;
हालत
गंभीर


एक
स्वस्थ
और
सुंदर
धरा
हमारा
संकल्प

प्रधानमंत्री
मोदी
ने
कहा
कि
पर्यावरण
के
साथ
जुड़ाव
और
भावी
पीढ़ियों
के
लिए
एक
स्वस्थ
और
सुंदर
धरा
सुनिश्चित
करने
का
हमारा
संकल्प
जन-जन
के
भागीरथ
प्रयासों
से
ही
संभव
हो
पाएगा।
इस
कड़ी
में
‘वाटरशेड
सम्मेलन’
का
आयोजन
जल
संरक्षण
के
क्षेत्र
में
विभिन्न
हितधारकों
के
अनुभव
साझा
करने
और
हर
स्तर
पर
जल
प्रबंधन
की
रणनीतियों
को
सशक्त
करने
का
माध्यम
बनेगा।
‘एक
बगिया
मां
के
नाम’
कार्यक्रम
के
अंतर्गत
प्रदेश
में
तीस
हजार
एकड़
से
अधिक
भूमि
पर
फलोद्यान
विकसित
करने
की
योजना,
मातृभक्ति-पर्यावरण
संरक्षण
और
आर्थिक
सशक्तिकरण
को
एक
साथ
जोड़ने
की
सराहनीय
पहल
है।
यह
कार्यक्रम
नदियों
के
किनारे
हरियाली
बढ़ाने
और
भू-जल
स्तर
सुधारने
में
सहायक
सिद्ध
होगा।

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पढ़ें: MP
में
15
दिन
में
10%
बारिश
को
कोटा
पूरा,
समान्य
से
2
इंच
ज्यादा
हुई
बारिश,
भोपाल
में
अभी
कम
वर्षा


जल
संरक्षण
को
प्राथमिकता
दी

प्रधानमंत्री
मोदी
ने
कहा
कि
पिछले
एक
दशक
में
विभिन्न
योजनाओं
और
निर्णयों
में
जल
संरक्षण
से
जुड़े
पहलुओं
को
अभूतपूर्व
प्राथमिकता
दी
गई
है।
नमामि
गंगे
मिशन
हो,
केन-बेतवा
लिंक
परियोजना
हो
या
नर्मदा-क्षिप्रा
पुनर्जीवन
की
पहल,
हम
जल
संरक्षण
और
पर्यावरण
को
सुरक्षित
करने
के
लिए
कृतसंकल्पित
हैं।
जल
संरक्षण
आज
हमारी
सामाजिक
और
आर्थिक
जरूरत
भी
है,
क्योंकि
जल
संरक्षित
रहेगा
तो
हमारे
किसान
खुशहाल
रहेंगे,
उद्योग
चलेंगे
और
सभी
प्राणियों
का
जीवन
सुरक्षित
रहेगा।
अमृतकाल
में
एक
भव्य
और
विकसित
भारत
के
निर्माण
की
ओर
अग्रसर
हमारे
प्रयासों
को
देश
की
सामूहिकता
की
शक्ति
एक
नई
ऊंचाई
देगी।
पीएम
मोदी
ने
उम्मीद
जताई
है
कि
वर्षा
ऋतु
में
जल
संरक्षण
और
पौधरोपण
के
लिए
देशवासियों
के
प्रयास
देश
की
उन्नति
में
सहायक
होंगे।