Sehore News: महिलाओं ने मंत्री करण सिंह का काफिला रोका, गाड़ी के सामने बैठी, सड़क नहीं बनने पर जताया विरोध


मध्यप्रदेश
की
मोहन
यादव
सरकार
में
राजस्व
मंत्री
करण
सिंह
वर्मा
को
उनकी
ही
इछावर
विधानसभा
क्षेत्र
में
ग्रामीण
महिलाओं
के
विरोध
का
सामना
करना
पड़ा।
आक्रोशित
महिलाओं
ने
राजस्व
मंत्री
के
काफिले
को
रोक
लिया
और
उनकी
गाड़ी
के
सामने
बैठकर
सड़क
निर्माण
की
मांग
करने
लगीं।

जानकारी
के
अनुसार,
राजस्व
मंत्री
करण
सिंह
वर्मा
जिला
प्रशासन
द्वारा
आयोजित
जल
संवर्धन
कार्यक्रम
में
शामिल
होने
के
लिए
खेरी
गांव
जा
रहे
थे।
जैसे
ही
यह
बात
ग्रामीणों
को
पता
चली,
आक्रोशित
महिलाएं
मौके
पर
पहुंच
गईं
और
खेरी
से
जमली
तक
की
सड़क
नहीं
बनने
को
लेकर
नाराजगी
जताई।
उन्होंने
मंत्री
की
गाड़ी
को
घेर
लिया
और
उसने
सामने
बैठकर
सड़क
बनवाने
की
मांग
करने
लगीं।
इस
दौरान
महिलाओं
को
समझाने
में
प्रशासनिक
अधिकारियों
को
काफी
मशक्कत
करनी
पड़ी। 


चुनाव
के
समय
किया
गया
वादा
नहीं
निभाया

ग्रामीणों
और
महिलाओं
का
आरोप
था
कि
विधानसभा
चुनाव
के
समय
करण
सिंह
वर्मा
ने
सड़क
निर्माण
का
वादा
किया
था,
लेकिन
अब
तक
काम
शुरू
नहीं
हुआ।
सड़क
की
हालत
इतनी
खराब
है
कि
कीचड़
और
गड्ढों
के
कारण
आवाजाही
मुश्किल
हो
गई
है।
विरोध
प्रदर्शन
के
दौरान
महिलाएं
सड़क
बनवाने
की
मांग
करती
रहीं,
लेकिन
मंत्री
गाड़ी
से
नहीं
उतरे।
एसडीएम
की
समझाइश
के
बाद
महिलाएं
सड़क
से
हटीं।

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पर
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NHAI
ने
कहा-लोग
बिना
काम
से
इतनी
जल्दी
निकलते
ही
क्यों
हैं?


पूर्व
विधायक
ने
भी
जताई
नाराजगी

इछावर
के
पूर्व
विधायक
शैलेंद्र
पटेल
ने
कहा
कि
खेरी-जामली
मार्ग
से
बड़ी
संख्या
में
स्कूली
बच्चे
और
ग्रामीण
रोजाना
आवाजाही
करते
हैं,
लेकिन
करीब
3
किलोमीटर
लंबी
इस
सड़क
का
निर्माण
अब
तक
नहीं
हुआ
है।
सरकार
की
अनदेखी
के
कारण
जनता
में
रोष
है।

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आरोपी
तहसीलदार
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सरेंडर,
पांच
हजार
का
इनाम
था;
खुद
का
चौथी
पत्नी
बताने
महिला
ने
लगाया
है
आरोप


आष्टा
में
विधायक
से
कहा-
गोद
से
नीचे
उतार
दें
गांव

उधर,
आष्टा
के
भाजपा
विधायक
गोपाल
सिंह
द्वारा
एक
साल
पहले
गोद
लिए
गए
भूपोड़
गांव
में
भी
विकास
नहीं
होने
को
लेकर
ग्रामीणों
ने
नाराजगी
जताई।
जनसुनवाई
में
पहुंचे
ग्रामीणों
ने
विधायक
से
कहा
कि
यदि
वे
विकास
नहीं
करा
सकते
तो
गांव
को
‘गोद
से
नीचे
उतार
दें’।
भूपोड़
से
हर्राजखेड़ी
तक
3
किलोमीटर
सड़क
की
हालत
खराब
है
और
हमें
20
साल
से
केवल
आश्वासन
ही
मिल
रहे
हैं।
बारिश
में
कीचड़
से
रास्ता
बेहद
दुर्गम
हो
जाता
है।
ग्रामीणों
ने
यह
भी
कहा
कि
अगर
पक्की
सड़क
नहीं
बन
सकती,
तो
कम
से
कम
मुरम
डाल
दी
जाए,
लेकिन
इस
पर
भी
कोई
सुनवाई
नहीं
हो
रही।
मांगों
की
अनदेखी
से
नाराज
ग्रामीणों
ने
कहा
 कि
जब
तक
सड़क
की
मांग
पूरी
नहीं
होती,
वे
विधायक
कार्यालय
में
ही
डेरा
जमाए
रहेंगे।
जनसुनवाई
का
यह
वीडियो
सोशल
मीडिया
पर
भी
खूब
वायरल
हो
रहा
है।