इंदौर
के
देवी
अहिल्याबाई
होलकर
अंतरराष्ट्रीय
एयरपोर्ट
पर
सफाई
व्यवस्था
को
लेकर
एक
बार
फिर
सवाल
उठने
लगे
हैं।
मंगलवार
को
बेंगलुरु
जा
रहे
एक
यात्री
ने
मच्छरों
से
परेशान
होकर
सोशल
मीडिया
प्लेटफॉर्म
‘एक्स’
(पूर्व
में
ट्विटर)
पर
एक
वीडियो
पोस्ट
किया,
जिसमें
एयरपोर्ट
के
ग्राउंड
फ्लोर
पर
भारी
संख्या
में
मच्छर
नजर
आ
रहे
हैं।
यात्री
ने
लिखा
कि
न
सिर्फ
मच्छर
हैं,
बल्कि
एसी
भी
काम
नहीं
कर
रहा
और
चाय-कॉफी
काउंटर
पर
कोई
स्टाफ
मौजूद
नहीं
है।
साथ
ही
खाली
काउंटर
की
तस्वीरें
और
मच्छरों
का
वीडियो
भी
शेयर
करते
हुए
इसे
एयरपोर्ट
अथॉरिटी,
डीजीसीए
और
इंदौर
एयरपोर्ट
को
टैग
किया
गया।
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Trending
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प्रबंधन
ने
मांगी
माफी,
लेकिन
समाधान
अब
भी
अधूरा
शिकायत
के
बाद
एयरपोर्ट
प्रबंधन
ने
सोशल
मीडिया
पर
ही
जवाब
देते
हुए
यात्री
से
माफी
मांगी
और
जल्द
से
जल्द
स्थिति
सुधारने
का
आश्वासन
दिया
लेकिन
यह
पहली
बार
नहीं
है
जब
इस
तरह
की
शिकायतें
सामने
आई
हैं।
पिछले
दो
महीनों
में
यह
तीसरा
मौका
है
जब
यात्रियों
ने
मच्छरों
से
परेशान
होकर
शिकायत
की
है।
इससे
पहले
भी
कई
यात्री
चूहे,
कबूतर,
काकरोच
और
साफ-सफाई
को
लेकर
असंतोष
जता
चुके
हैं।
खराब
पार्किंग
सुविधा
और
टर्मिनल
के
बाहर
घूमते
आवारा
कुत्तों
की
शिकायतें
भी
आम
हो
चुकी
हैं।
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यात्रियों
की
लगातार
शिकायतों
से
इमेज
पर
असर
स्थानीय
यात्रियों
के
अनुसार,
कई
बार
प्रत्यक्ष
रूप
से
एयरपोर्ट
प्रबंधन
को
इन
समस्याओं
की
शिकायत
की
जा
चुकी
है,
लेकिन
स्थायी
समाधान
नहीं
हो
पाया
है।
इन
समस्याओं
के
चलते
न
केवल
इंदौर
एयरपोर्ट
की
छवि
धूमिल
हो
रही
है,
बल्कि
शहर
की
पहचान
को
भी
नुकसान
पहुंच
रहा
है।
यात्रियों
का
कहना
है
कि
जब
एयरपोर्ट
जैसे
सार्वजनिक
स्थान
पर
भी
इस
तरह
की
स्थिति
है,
तो
पर्यटकों
पर
इसका
नकारात्मक
प्रभाव
पड़ता
है।
इससे
इंदौर
की
‘स्वच्छ
शहर’
की
छवि
पर
भी
आंच
आ
रही
है।
एएसक्यू
रिपोर्ट
में
दो
स्थान
नीचे
गिरा
इंदौर
एयरपोर्ट
मई
में
जारी
देश
के
टॉप
एयरपोर्ट
की
पहली
तिमाही
की
एएसक्यू
(ASQ)
सर्वे
रिपोर्ट
में
इंदौर
एयरपोर्ट
को
दो
स्थान
का
नुकसान
उठाना
पड़ा
था।
इसमें
साफ-सफाई
व्यवस्था
को
लेकर
ही
अंक
घटे
और
एयरपोर्ट
दूसरे
स्थान
से
चौथे
स्थान
पर
पहुंच
गया।
कुछ
माह
पहले
एक
यात्री
ने
एयरपोर्ट
पर
घूमते
चूहे
का
वीडियो
शेयर
किया
था,
जिसके
बाद
पेस्ट
कंट्रोल
कराया
गया।
इसी
तरह
कबूतरों
और
बाथरूम
की
सफाई
को
लेकर
भी
शिकायतें
हो
चुकी
हैं।
बावजूद
इसके
व्यवस्थाओं
में
सुधार
नहीं
हो
पा
रहा
है,
जिससे
यात्रियों
की
परेशानी
लगातार
बढ़
रही
है।