Indore News: चोरी के शक में मजदूर की बेरहमी से पिटाई, सड़क पर तड़प-तड़प कर दी जान


मूसाखेड़ी
क्षेत्र
में
निर्माणाधीन
पुल
पर
चोरी
के
शक
में
एक
मजदूर
की
बेरहमी
से
पिटाई
कर
दी
गई,
जिसके
बाद
घायल
अवस्था
में
उसे
वहीं
छोड़
दिया
गया।
कुछ
ही
देर
में
मजदूर
ने
दम
तोड़
दिया।
मृतक
की
पहचान
शिवदर्शन
नगर
निवासी
उमेंद्र
सिंह
ठाकुर
(पुत्र
महाराज
सिंह
ठाकुर)
के
रूप
में
हुई
है।
वारदात
मंगलवार
सुबह
की
है।
पुलिस
ने
घटना
के
कुछ
ही
घंटों
में
पांच
आरोपियों
को
गिरफ्तार
कर
लिया
है।
एडिशनल
डीसीपी
आलोक
शर्मा
के
अनुसार,
उमेंद्र
पर
चौकीदार
और
अन्य
कर्मचारियों
ने
लाठी-डंडों
से
हमला
किया
था।
आरोपियों
में
रामअवतार
लोधी,
बहादुर
लोधी,
साहिल
राजपूत,
राहुल
पटेल
और
सुजीत
शामिल
हैं।
पुलिस
ने
इन
सभी
को
हिरासत
में
ले
लिया
है।


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नहीं


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चोरी
के
आरोप
में
पकड़कर
ले
गए
थे
कंपाउंड
में

पुलिस
जांच
में
सामने
आया
है
कि
सोमवार
रात
उमेंद्र
ने
निर्माण
स्थल
से
लोहे
की
गार्डर
और
सरिए
चुराए
थे,
जिसे
चौकीदार
रामअवतार
ने
देख
लिया
था।
मंगलवार
सुबह
जब
उमेंद्र
यह
सरिए
बेचने
कबाड़ी
के
पास
पहुंचा,
तो
रामअवतार
ने
अपने
साथियों
के
साथ
मिलकर
उसे
पकड़
लिया
और
पास
बने
एक
कंपाउंड
में
ले
जाकर
जमकर
पिटाई
कर
दी।


घायल
मजदूर
की
दो
घंटे
बाद
मौत

पिटाई
के
बाद
आरोपी
उसे
अधमरी
हालत
में
बाहर
फेंक
कर
चले
गए।
घायल
उमेंद्र
घिसटते
हुए
कुछ
दूरी
तक
गया
और
रिंग
रोड
किनारे
बैठ
गया।
करीब
दो
घंटे
तक
वहीं
पड़े
रहने
के
बाद
उसकी
मौत
हो
गई।
राहगीरों
की
सूचना
पर
पुलिस
मौके
पर
पहुंची
और
शव
को
एमवाय
अस्पताल
भेजा
गया।

शरीर
में
थे
मल्टीपल
फ्रैक्चर

बुधवार
को
शॉर्ट
पीएम
रिपोर्ट
में
पुष्टि
हुई
कि
उमेंद्र
के
शरीर
में
कई
जगह
फ्रैक्चर
थे।
सिर,
हाथ
और
नाक
की
हड्डियां
टूटी
हुई
थीं।
पोस्टमार्टम
मंगलवार
शाम
को
नहीं
हो
सका
था,
इसलिए
अंतिम
संस्कार
गुरुवार
को
किया
गया।


परिजनों
का
प्रदर्शन,
ठेकेदार
को
आरोपी
बनाने
की
मांग

बुधवार
को
पोस्टमार्टम
के
बाद
परिजन
थाने
पहुंचे
और
ठेकेदार
को
भी
हत्या
में
आरोपी
बनाए
जाने
की
मांग
करने
लगे।
उन्होंने
चार
घंटे
तक
शव
को
थाने
परिसर
में
रखकर
प्रदर्शन
किया।
पुलिस
की
समझाइश
के
बाद
वे
शव
लेकर
चले
गए।


चायवाले
की
गवाही
से
खुला
मामला,
आधे
घंटे
में
पकड़ाए
आरोपी

जहां
उमेंद्र
का
शव
मिला
था,
उसके
पास
ही
एक
चायवाले
ने
पुलिस
को
बताया
कि
उसने
एक
चौकीदार
को
मजदूर
को
धक्का
देते
हुए
देखा
था।
इसी
आधार
पर
पुलिस
रामअवतार
तक
पहुंची।
पूछताछ
में
रामअवतार
ने
चोरी
और
मारपीट
की
बात
कबूल
की।
बाद
में
चार
अन्य
साथियों
के
नाम
भी
बताए।
हालांकि,
अब
तक
फुल
पीएम
रिपोर्ट
नहीं
आई
है,
जिससे
मौत
का
सटीक
कारण
स्पष्ट
नहीं
हो
सका
है।