

इंदौर
में
निकली
गेर
–
फोटो
:
अमर
उजाला
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इंदौर
मेें
रंगपंचमी
पर
इंदौर
के
मध्य
और
पश्चिमी
क्षेत्र
रंग,
उत्साह
और मस्ती
का
आलम
रहा।
पांच
घंटे
तक
सड़कों
पर
गेर
चली
और
रंगों
का
राज
रहा।
आसमान
सतरंगी
था
और गेर
की
मिसाइलों
से
रंग
बरस
रहे
थे।
चार
किलोमीटर
के
गेर
मार्ग
पर
पैर
रखने
की
जगह
नहीं
थी।
गलियों-चौबारों
पर
भीड़
ही
भीड़
नजर
आ रही
थी।
राजवाड़ा
सबसे
ज्यादा
भीड़
थी।
वैसे
रंगपंचमी
पर
छह
गेर
निकलती
है,
लेकिन
एक
गेर
निरस्त
होने
के
कारण
पांच
गेर
निकली।
हर
साल
ढाई
बजे
तक
गेर
राजवाड़ा
का
चक्कर
लगा
लेती
है,
लेकिन
इस
साल
मुख्यमंत्री
मोहन
यादव
के
शामिल
होने
के
कारण
राधा-कृष्ण
फाग
यात्रा
और संस्था
सृजन
की
गेर
देर
से
निकली।
लोगों
को
भी
गेर
के
आने
का
इंतजार
करना
पड़ा।
काफिले
के
चक्कर
में
आधी
सड़क
कर
दी
बंद
राजवाड़ा
से
कृष्णपुरा
ब्रिज
तक
पुलिस
विभाग
ने
बेरिकेड
लगाकर
सड़क
के
एक
हिस्से
में
आवाजाही
प्रतिबंधित
कर
दी
थी।
यहां
सीएम
के
काफिले
के
वाहन
खड़े
हो
गए
थे।
सड़क
से
जुड़ी गलियों
में
भी
बेरिकेड
लगाकर
रखे
गए
थे।
इस
कारण
लोगों
को
राजवाड़ा
तक
आने
में
परेशानी
होती
रही।
मुख्यमंत्री
के
गेर
से
जाने
के
बाद
अचानक
सड़क
पर
भीड़
बढ़
गई
तो
पुलिस
जवानों
को
भीड़
को
नियंत्रित
करने
के
लिए
बेरिकेड
हटाना
पड़े।
हुड़दंगियों
को
पुलिस
ने
खदेेड़ा
गेर
मेें
तमाम
कोशिशों
के
बावजूद
हुड़दंगियों
ने
भी
मजा
किरकिरा
करने
में
कोई
कसर
बाकी
नहीं
रखी।
गेर
में
चप्पल-जूते
उछाले
जा
रहे
थे।
गेर
देखने
आई
लड़कियों
को
शरारती
तत्व
रंग
फेंक
कर
परेशान
करते
नजर
आए।
संस्था
सृजन
की
गेर
के
एक
टैंकर
पर
खड़े
युवकों
पर
भीड़
मेें
से
कुछ
लोग
चप्पल
उछाल
रहे
थे।
यह
देख
पुलिस
जवान
सक्रिय
हुए
और
हुड़दंगियों
को
लाठियां
फटकार
कर
खदेड़ा।
इसके
अलावा
हिन्द
रक्षक
की
फाग
यात्रा
के
दौरान
कुछ
युवक
गुब्बारे
फेंक
रहे
थे
तो
यात्रा
के
कार्यकर्ता
उन्हें
रोकने
पहुंचे।
इस
दौरान
विवाद
भी
हो
गया
था।
गेर
में
चप्पल
उछालने
वालों
के
लिए
पुलिस
विभाग
ने
राजवाड़ा
चौकी
पर
इंतजाम
कर
रखा
था।
वहां
पकड़
कर
हुड़दंगियों
को
बैठाया
जा
रहा
था
और गेर
समाप्त
होने
के
बाद
ही
उन्हें
छोड़ा
गया।