

गेहूं
की
फसल
में
लगी
आग
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
दमोह
में
नोहटा
उप
तहसील
के
ग्राम
हिनौती
ठेंगापटी
में
खेतों
के
ऊपर
से
निकली
बिजली
लाइन
के
तारों
में
शॉर्ट
सर्किट
होने
की
वजह
से
शनिवार दोपहर
डेढ़
बजे
तीन
किसानों
की
गेहूं
की
फसल
आग
में
जलकर
राख हो
गई।
ग्रामीणों
ने
खुद
ही
आग
पर
काबू
पाया।
खेतों
में
आग
की
लपटें
उठती
देख
पूरा
गांव
आग
बुझाने
जुट
गया।
दर्जनों
लोगों
ने
गीली
झाड़ियां
और
बर्तनों
में
पानी
भरकर
आग
पर डाला।
ग्रामीणों
की
खासी
मशक्कत
के
बाद
आग
पर
काबू
पाया
गया।
इस
बीच
करीब
तीन
किसानों
की
एक
एकड़
में
लगी
गेहूं
की
फसल
जल
गई।
गनीमत
रही
कि
आग
बुझाने
के
लिए
पूरा
गांव
टूट
पड़ा
और
समय
रहते
आग
पर
काबू
पा
लिया
गया।
नहीं
तो
हिनौती
ठेंगापटी
का
पूरा
गांव आग
की
चपेट
में
आने
से
भारी
तबाही
हो
जाती।
किसानों
के
मुताबिक,
खेतों
के
ऊपर
से
गुजर
रहे
बिजली
तार
में
स्पॉर्किंग
से
निकली
चिंगारी
की
वजह
से
किसान
डालचंद
पिता
किशोरी
लाल,
प्रेमलाल
पिता
किशोरी
लाल
और
मुकेश
अहिरवार
पिता
नारायण
अहिरवार
की
फसल
आग
में
जल
गई।
किसानों
ने
बताया
हिनौती
ठेंगापटी
गांव के
बीचो बीच
उनके
खेत
हैं।
इसमें
गेहूं
की
फसल
पककर
तैयार
खड़ी
थी।
दोपहर
में
अचानक
आग
लग
गई
और
जैसे
ही
खेतों
में
आग
लपटों
को
ग्रामीणों
ने
देखा
तो
आग
बुझाने
के
लिए
टूट
पड़े।
स्थानीय
संसाधनों
गीली
झाड़ियां,
बर्तनों
में
पानी
भरकर
आग
बुझाने
पहुंच
गए
थे
और
आग
पर
काबू
पा
लिया
गया।
आग
लगने
की
सूचना
हल्का
पटवारी
हर्षवर्धन
सिंह
को
दी
गई
और
मौके
पर
पटवारी
पहुंचे।
जब
तक
दमकल
वाहन
को
सूचना
देते
तब
तक
ग्रामीणों
ने
आग
पर
काबू
पा
लिया
था।
स्थानीय
किसानों
ने
बिजली
वितरण
कंपनी
से
मांग
की
है।
खेतों
के
ऊपर
से
गुजर
रहे
झूलते
बिजली
तारों
को
अति
शीघ्र
दुरुस्त
करवाया
जाए,
ताकि
आगजनी
की
घटनाओं
से
किसानों
की
फसलों
को
बचाया
जा
सके।
क्योंकि
शाखा
से
बमुनिया
की
ओर
जाने
वाली
11
केवी
बिजली
लाइन
में
स्पॉर्किंग
की
वजह
से
आगजनी
की
घटना
घटित
हुई
है,
जिससे
किसानों
की
गेहूं
की
फसल
जलकर
स्वाहा
हो
गई
है।
नोहटा
बिजली
वितरण
केंद्र
के
जेई
प्रभात
दुबे
का
कहना
है,
11
केवी
बिजली
लाइन
में
शार्ट
सर्किट
से
आग
नहीं
लगी
है।
हम
दिखवाते
हैं
किस
कारण
से
फसलों
में
आग
लगी
है।
दमोह
में
बेमौसम
बारिश
से
किसान
दुखी
दमोह
में
बेमौसम
बारिश
होने
से
किसान
पर
संकट
आ
गया
है।
उनकी
फसल
कटकर
खेत
में
रखी
है,
जो
शुक्रवार
रात
और
शनिवार
को
हुई
बारिश
से
भीग
गई
है।
शनिवार
को
भी
दमोह
सहित
अन्य
ब्लॉक
में
आसमान
में
बादल
छाए
रहे,
जिससे
किसान
खेत
में
कटी
और
खड़ी
फसल
को
बचाने
में
जुट
गया
है।
किसान
का
कहना
है
कि भगवान
अब
पानी
नहीं
फसल
अच्छी
चाहिए।
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मार्च
का
महीना
खत्म
हो
रहा
है
और
इन
दिनों
भी
बारिश
हो
रही
है,
जिससे
किसान
चिंतित
हैं।
क्योंकि
खेतों
की
उनकी
फसल
कटी
रखी
है,
जो
पानी
से
भीग
रही
है।
लगातार
तापमान
42
डिग्री
पहुंचने
के
बाद
अचानक
से
बारिश
होने
से
लोग
हैरान
हैं।
शुक्रवार
शाम
तेंदूखेड़ा
ब्लॉक
में
बारिश
होने
से
मौसम
काफी
ठंडा
हो
गया
और
उसके
बाद
रात
को
भी
पानी
गिरा।
सुबह
जब
लोग
सोकर
उठे
तो
उन्हें
सड़कों
पर
पानी
भरा
दिखाई
दिया।
तेज
बारिश
में
भीग
गई
फसल
इन
दिनों
किसान
खेतों
में
कटाई
के
काम
में
लगा
हुआ
है
तो
वहीं
कुछ
किसानों
के
खेतों
में
फसल
खड़ी
है।
शुक्रवार
को
हुई
बारिश
से
किसानों
की
फसल
भीग
गई,
जिससे
उनका
काफी
नुकसान
हो
गया
है।
किसानों
ने
बताया
कि
फसल
खेतों
में
खड़ी है
और
कुछ
कट
गई
है।
ऐसी
स्तिथि
में
जो
बारिश
हुई
है,
वह
फायदेमंद
नहीं
है,
केवल
नुकसान
है।
किसान
सचिन
जैन
निवासी
समानपुर
ने
बताया
कि
बारिश
होने
से
फसलों
को
नुकसान
हुआ
है।
क्योंकि
खेतों
में
गेहूं
की
फसल
कटी
पड़ी
हुई
है
और
पानी
गिरने
से
फसल
भीग
गई
है।
फसल
भीगने
से
उसका
दाना
काला
पड़
जाता
है
और
अन्य
नुकसान
भी
हैं।
क्योंकि
अब
फसलों
को
पानी
की
कोई
जरूरत
नहीं
है।
किसान
सुरेश
गौड़
ने
बताया
कि
बारिश
के
साथ
आंधी
तेज
रफ्तार
में
चल
रही
है,
जिसके
कारण
गेहूं
की
खड़ी फसल
खेतों
में
गिर
रही
है
और
बाल
से
बीज
जमीन
पर
गिर
रहा
है।
पानी
गिरने
से
वह
खराब
हो
जाएगा।
साथ
ही
जिन
किसानों
के
खेतों
में
कटी
गेहूं
की
फसल
पड़ी
है,
वह
गीली
होने
के
कारण
अब
उसे
सुखाना
पड़ेगा
और
उसका
दाना
काला
पड़ने
का
खतरा
होता
है।
शनिवार
को
तेजगढ़
और
आसपास
के
क्षेत्र
में बारिश
होने
से
गर्मी
से
राहत
मिली। लेकिन
किसानों
ने
बताया
कि
उनका
नुकसान
हुआ
है।
लकलका
में
भी
शनिवार
दोपहर
बाद
वर्षा
हुई।
जबकि
तेंदूखेड़ा
नगर
में
केवल
तेज
आंधी
चलती
रही
और
बादल
गरजते
रहे।
वहीं,
दमोह
में
बादल
छाए
रहे।