

हिमंत
बिस्वा
सरमा.
असम
के
मुख्यमंत्री
हिमंत
बिस्वा
सरमा
ने
लोकसभा
चुनाव
के
बाद
राज्य
में
बहुविवाह
पर
प्रतिबंध
लगाने
और
समान
नागरिक
संहिता
(यूसीसी)
लागू
करने
का
ऐलान
किया
है.
मुख्यमंत्री
ने
शुक्रवार
को
कहा
कि
राज्य
सरकार
लोकसभा
चुनाव
के
बाद
बहुविवाह
पर
पूर्ण
प्रतिबंध
लगाएगी.
चुनाव
के
बाद
पूर्वोत्तर
राज्य
में
यूसीसी
लागू
की
जाएगी.
ऑल
इंडिया
यूनाइटेड
डेमोक्रेटिक
फ्रंट
(एआईयूडीएफ)
के
प्रमुख
बदरुद्दीन
अजमल
की
एक
टिप्पणी
पर
प्रतिक्रिया
देते
हुए
सरमा
ने
कहा
कि
अगर
अजमल
दोबारा
शादी
करना
चाहते
हैं
तो
उन्हें
चुनाव
से
पहले
ऐसा
करना
चाहिए
अन्यथा
उन्हें
गिरफ्तार
कर
लिया
जाएगा.
उन्होंने
ट्वीट
भी
किया
कि
वह
मौलाना
बदरूद्दीन
अजमल
को
एक
सलाह
दे
रहे
हैं
कि
अगर
उनको
एक
और
शादी
करनी
है
तो
चुनाव
के
पहले
कर
लें,
क्योंकि
चुनाव
के
बाद
असम
में
समान
आचार
संहिता
लागू
होगा.
उस
समय
तब
जो
भी
कानून
का
उल्लंघन
करेगा.
उसके
खिलाफ
कार्रवाई
होगी.
ये
भी
पढ़ें
उन्होंने
कहा
कि
वह
जानते
हैं
कि
अजमल
की
वर्तमान
में
एक
पत्नी
है
और
कानून
के
अनुसार,
वह
तीन
और
पत्नी
रख
सकते
हैं.
अगर
वह
शादी
करना
चाहते
हैं
तो
वह
उन्हें
चुनाव
से
पहले
शादी
करने
का
सुझाव
देते
हैं.
यदि
वह
मुझे
आमंत्रित
करेंगे
तो
वह
कार्यक्रम
में
शामिल
होंगे,
लेकिन
चुनाव
के
बाद
इसे
अवैध
माना
जाएगा.
बदरुद्दीन
अजमल
पर
असम
के
सीएम
का
तंज
मौलाना
बदरूद्दीन
अजमल
को
मैं
एक
सलाह
दे
रहा
हूँ।
अगर
उनको
एक
और
शादी
करनी
है
तो
चुनाव
के
पहले
कर
लें
क्योंकि
चुनाव
के
बाद
UCC
लागू
होगा।
तब
जो
क़ानून
का
उल्लंघन
करेगा
उसके
ऊपर
कार्रवाही
होगी।
pic.twitter.com/SberenDXI7—
Himanta
Biswa
Sarma
(Modi
Ka
Parivar)
(@himantabiswa)
March
30,
2024
उन्होंने
कहा
कि
उनकी
सरकार
असम
में
यूसीसी
को
लागू
करने
के
लिए
प्रतिबद्ध
है.
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
वे
असम
में
यूसीसी
के
कार्यान्वयन
का
मार्ग
प्रशस्त
कर
रहे
हैं,
लेकिन
बहुविवाह
और
बाल
विवाह
पर
प्रतिबंध
लगाने
पर
ध्यान
केंद्रित
करना
चाहते
हैं.
उत्तराखंड
और
गुजरात
में
यूसीसी
लागू
हो
गया
है.
यदि
असम
कानून
बनता
है,
तो
यूसीसी
लागू
करने
वाला
यह
तीसरा
राज्य
होगा.
इससे
पहले,
सरमा
ने
कहा
था
कि
राज्य
यूसीसी
को
लागू
करेगा,
लेकिन
उन्होंने
कहा
कि
इसका
मॉडल
अन्य
भाजपा
शासित
राज्यों
से
अलग
होगा.
उन्होंने
कहा
था
कि
बाल
विवाह
और
बहुविवाह
के
संबंध
में
कुछ
नए
नियम
बनेंगे
और
आदिवासी
समुदाय
को
यूसीसी
के
दायरे
से
छूट
दी
जाएगी.
जनवरी
में
सरमा
ने
कहा
था
कि
यूसीसी
बिल
पर
सार्वजनिक
परामर्श
दो
से
तीन
महीने
में
हो
सकता
है,
जिसके
बाद
इसे
विधानसभा
में
पेश
किया
जाएगा.
समान
नागरिक
संहिता
का
अर्थ
है
कि
समाज
के
सभी
वर्गों,
चाहे
उनका
धर्म
कुछ
भी
हो,
के
साथ
राष्ट्रीय
नागरिक
संहिता
के
अनुसार
समान
व्यवहार
किया
जाएगा,
जो
सभी
पर
समान
रूप
से
लागू
होगा.
असम
के
लोकसभा
चुनाव
में
बीजेपी
ने
लगाई
ताकत
अजमल
असम
के
धुबरी
निर्वाचन
क्षेत्र
से
तीन
बार
सांसद
हैं
और
इस
साल
फिर
से
उसी
सीट
से
चुनाव
लड़
रहे
हैं।
कांग्रेस
ने
पूर्व
मंत्री
रकीबुल
हुसैन
को
धुबरी
से
अपना
उम्मीदवार
बनाया
है.
असम
में
11
उम्मीदवारों
में
से
भाजपा
ने
पूर्व
मुख्यमंत्री
और
केंद्रीय
मंत्री
सर्बानंद
सोनोवाल
को
डिब्रूगढ़
से
और
असम
के
पूर्व
भाजपा
अध्यक्ष
रंजीत
दत्ता
को
तेजपुर
से
मैदान
में
उतारा
है.
असम
की
कुल
14
सीटों
में
से
शेष
तीन
सीटें
भाजपा
के
गठबंधन
सहयोगियों,
असम
गण
परिषद
(एजीपी)
और
यूनाइटेड
पीपुल्स
पार्टी
लिबरल
(यूपीपीएल)
को
दी
गईं.
मुख्यमंत्री
1
अप्रैल
से
15
अप्रैल
तक
पूर्वोत्तर
राज्य
में
मैराथन
अभियान
के
लिए
तैयारी
कर
रहे
हैं.
19
अप्रैल,
26
अप्रैल
एवं
7
मई
असम
में
मतदान
है.