बारामती में इस बार आसान नहीं होगी सुप्रिया सुले की राह, अब परिवार से ही मिल रही चुनौती

बारामती में इस बार आसान नहीं होगी सुप्रिया सुले की राह, अब परिवार से ही मिल रही चुनौती
बारामती में इस बार आसान नहीं होगी सुप्रिया सुले की राह, अब परिवार से ही मिल रही चुनौती


सुप्रिया
सुले
चौथी
बार
बारामती
से
लड़ेंगी
चुनाव

राजनीति
में
कई
बार
अपनों
के
बीच
ही
मुकाबला
होता
है.
सत्ता
हासिल
करने
के
लिए
परिवार
के
लोग
ही
अपनों
के
खिलाफ
हो
जाते
हैं.
कभी
बाप
बेटे
तो
कभी
पति
पत्नी
एक
दूसरे
के
खिलाफ
चुनावी
मैदान
में
नजर
आते
हैं.
महाराष्ट्र
की
सियासत
में
भी
कुछ
ऐसा
ही
देखने
को
मिलने
वाला
है.
यहां
चुनावी
मुकाबला
ननद
और
भाभी
के
साथ
ही
दो
ऐसे
परिवारों
के
बीच
होने
जा
रहा
है
जो
कुछ
समय
पहले
एक
ही
थे.

महाराष्ट्र
की
बारामती
सीट
पिछले
कुछ
समय
से
काफी
सुर्खियों
में
छाई
रही
है.
शरद
पवार
की
बेटी
सुप्रिया
सुले
यहां
से
सांसद
हैं.
वहीं
इस
बार
होने
वाले
लोकसभा
चुनाव
में
सुप्रिया
का
मुकाबला
अपनी
भाभी
सुनेत्रा
पवार
से
होने
जा
रहा
है.
अजित
पवार
के
नेतृत्व
वाली
राष्ट्रवादी
कांग्रेस
पार्टी
(एनसीपी)
ने
बारामती
सीट
से
सुनेत्रा
पवार
को
उम्मीदवार
बनाया
है.
सुनेत्रा
अजित
पवार
की
पत्नी
हैं
तो
वहीं
अजित
पवार
मौजूदा
सांसद
सुप्रिया
सुले
के
चचेरे
भाई
हैं.
ऐसे
में
अब
सुनेत्रा
चचेरी
बहन
और
शरद
पवार
की
बेटी
सुप्रिया
के
खिलाफ
चुनाव
लड़ेंगी.

55
सालों
से
पवार
परिवार
का
गढ़

बात
करें
बारामती
लोकसभा
क्षेत्र
की
तो
यह
क्षेत्र
पिछले
55
सालों
से
पवार
परिवार
का
गढ़
रहा
है.
1967
में
पहली
बार
शरद
पवार
ने
बारामती
से
महाराष्ट्र
का
विधानसभा
चुनाव
जीता
था.
इसके
बाद
जीत
का
सिलसिला
आगे
भी
जारी
रहा.
शरद
पवार
ने
साल
1972,
1978,
1980,
1985
और
1990
के
विधानसभा
चुनावों
में
यहां
से
शानदार
सीट
रही.
यही
वजह
है
कि
इस
क्षेत्र
से
पवार
परिवार
का
खास
रिश्ता
बन
गया
है.

ये
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पढ़ें

2009
से
सुप्रिया
कर
रहीं
नेतृत्व

पिता
के
इस
रिश्ते
को
बेटी
सुप्रिया
सुले
ने
आगे
बढ़ाया.
सुप्रिया
ने
2009
से
इस
सीट
का
प्रतिनिधित्व
कर
रही
हैं.
जिसके
बाद
वो
लगातार
यहां
से
जीत
दर्ज
कर
रही
हैं.
साल
2014
के
लोकसभा
चुनाव
में
सुप्रिया
ने
आरएसपी
के
उम्मीदवार
महादेव
जगन्नाथ
जानकर
को
शिकस्त
दी
थी.
इस
चुनाव
में
सुप्रिया
ने
5
लाख
21
हजार
562
वोट
हासिल
किए
थे.
वहीं
साल
2019
के
लोकसभा
चुनाव
में
सुप्रिया
ने
बीजेपी
उम्मीदवार
कंचन
राहुल
कूल
को
हराया
था.
सुप्रिया
ने
कंचन
को
1
लाख
55
हजार
774
वोटों
से
मात
दी
थी.

चौथी
बार
चुनावी
मैदान
में
सुप्रिया

इस
बार
सुप्रिया
सुले
चौथी
बार
बारामती
से
चुनावी
मैदान
में
उतरी
हैं.
लेकिन
इस
बार
उन्हें
किसी
और
से
नहीं
बल्कि
अपने
ही
परिवार
से
चुनौती
मिली
है.
ऐसे
में
इस
बार
का
चुनाव
सुप्रिया
के
लिए
आसान
नहीं
होगा.
हालांकि
शरद
पवार
क्षेत्र
की
जनता
से
सालों
पुराने
रिश्तों
की
दुहाई
देकर
बेटी
को
जिताने
की
अपील
कर
रहे
हैं.
तो
वहीं
अजित
पवार
पीएम
मोदी
के
सहारे
मैदान
में
जीत
दर्ज
कर
क्षेत्र
में
अपना
कब्जा
जमाने
की
फिराक
में
हैं.

बारामती
की
जनता
के
लिए
भी
ये
चुनाव
सुप्रिया
और
सुनेत्रा
की
तरह
किसी
अग्नि
परीक्षा
से
कम
नहीं
है.
बारामती
पवार
परिवार
का
गढ़
रहा
है.
जो
इस
बार
परिवार
के
बीच
होने
वाले
चुनावी
मुकाबले
का
गवाह
बनने
जा
रहा
है.
ऐसे
में
यहां
के
लोगों
के
लिए
परिवार
के
दो
सदस्यों
में
से
किसी
एक
को
चुनना
एक
बड़ी
चुनौती
है.