
UP
Lok
Sabha
Election
2024
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
आजादी
के
बाद
का
दौर
परिवारवाद
की
राजनीति
के
लिए
जाना
जाता
है।
जवाहर
लाल
नेहरू,
मुलायम
सिंह
यादव,
बाल
ठाकरे,
फारुख
अब्दुल्ला,
प्रकाश
सिंह
बादल,
ओमप्रकाश
चौटाला,
प्रेम
कुमार
धूमल,
लालू
प्रसाद
यादव,
बीजू
पटनायक,
एचडी
देवगौड़ा
जैसे
तमाम
बड़े
नेता
अपने
वारिसों
को
राजनीति
में
जमाने
में
सफल
रहे।
हालांकि,
अब
बदले
दौर
में
परिवारवाद
को
लेकर
हर
दल
में
विरोध
के
स्वर
उठने
लगे
हैं।
हर
राज्य
के
बड़े
नेता
अपने
वारिसों
को
टिकट
दिलाने
की
जुगत
में
नजर
आते
हैं।
वहीं,
विरासत
में
सियासत
अगर
मिल
भी
जाए
तो
आगे
की
राह
पहले
की
तरह
आसान
नहीं
रही।
राजनाथ
और
कलराज
के
बेटों
का
भी
इंतजार
जारी
प्रदेश
की
राजनीति
में
ऐसे
तमाम
चेहरे
हैं,
जो
अपने
वारिसों
का
सियासी
ठौर
तलाश
रहे
हैं।
हालिया
लोकसभा
चुनाव
में
भी
ऐसे
चेहरों
पर
सबकी
नजरें
हैं।
केंद्रीय
रक्षामंत्री
राजनाथ
सिंह
के
छोटे
बेटे
नीरज
सिंह
बीते
कई
साल
से
राजनीति
में
हाथ
तो
आजमा
रहे
हैं,
लेकिन
उन्हें
कोई
बड़ा
ओहदा
या
चुनाव
में
पार्टी
का
टिकट
नसीब
नहीं
हुआ
है।
हालांकि,
बड़े
बेटे
पंकज
भाजपा
विधायक
हैं।
राजस्थान
के
राज्यपाल
एवं
वरिष्ठ
भाजपा
नेता
कलराज
मिश्र
भी
अपने
बेट
अमित
को
राजनीति
में
स्थापित
करने
का
प्रयास
कर
रहे
हैं।
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