

भारत
रत्न
से
लालकृष्ण
आडवाणी
को
राष्ट्रपति
ने
घर
जाकर
सम्मानित
किया,
पीएम
मोदी
भी
रहे
मौजूद
बीजेपी
के
वरिष्ठ
और
दिग्गज
नेता
लाल
कृष्ण
आडवाणी
को
आज
यानि
31
मार्च
को
देश
के
सर्वोच्च
नागरिक
सम्मान
भारत
रत्न
से
नवाजा
गया.
खुद
राष्ट्रपति
द्रौपदी
मुर्मू
उनको
इस
सम्मान
से
सम्मानित
करने
उनके
आवास
पर
पहुंची.
इस
मौके
पर
पीएम
मोदी
समेत
उप
राष्ट्रपति
जगदीप
धनखड़,
पूर्व
उप
राष्ट्रपति
एम.
वेंकैया
नायडू
भी
मौजूद
रहे.
हालांकि
कल
ही
राष्ट्रपति
आवास
पर
30
जनवरी
को
चयन
किए
गए
लोगों
को
भारत
रत्न
से
नवाजा
गया
था.
लेकिन
तबीयत
ठीक
नहीं
होने
की
वजह
से
आडवाणी
राष्ट्रपति
भवन
नहीं
पहुंच
सकें
थे.
कल
राष्ट्रपति
भवन
में
हुए
भारत
रत्न
सम्मान
समारोह
में
कर्पूरी
ठाकुर,
एमएस
स्वामीनाथन,
चौधरी
चरण
सिंह
और
पीवी
नरसिम्हा
राव
को
भारत
रत्न
से
सम्मानित
किया
गया
था.
हालांकि
इससे
पहले
भी
आडवाणी
को
उन
के
योगदान
के
लिए
साल
2015
में
देश
के
दूसरे
सबसे
बड़े
नागरिक
सम्मान
पद्म
विभूषण
से
सम्मानित
किया
गया
था.
उस
समय
आडवाणी
की
उम्र
90
साल
थी
और
वो
अस्वस्थ
थे
जिस
के
चलते
तब
के
राष्ट्रपति
प्रणब
मुखर्जी
खुद
उनके
घर
उनको
सम्मानित
करने
गए
थे.
पीएम
ने
खुद
किया
था
ऐलान
देश
के
पूर्व
उप-प्रधानमंत्री
लाल
कृष्ण
आडवाणी
को
इस
सम्मान
से
सम्मानित
करने
राष्ट्रपति
मुर्मू
के
साथ
पीएम
मोदी
भी
उनके
आवास
पर
पहुंचे.
आडवाणी
को
इस
सम्मान
से
नवाजा
जाएगा
इसका
ऐलान
खुद
पीएम
मोदी
ने
3
फरवरी
को
किया
था.
पीएम
मोदी
ने
ऐलान
करते
समय
कहा
था
कि
लालकृष्ण
आडवाणी
हमारे
समय
के
सबसे
सम्मानित
राजनेताओं
में
से
एक
हैं.
भारत
के
विकास
में
उनका
योगदान
अविस्मरणीय
है.
साथ
ही
पीएम
मोदी
ने
कहा
था
कि
96
साल
के
लालकृष्ण
आडवाणी
की
जिंदगी
प्रेरणादायक
है.
उनका
जीवन
जमीनी
स्तर
पर
काम
करने
से
शुरू
होकर
हमारे
उप-प्रधानमंत्री
के
रूप
में
देश
की
सेवा
करने
तक
का
है.
उन्होंने
हमारे
गृह
मंत्री
और
सूचना
एवं
प्रसारण
मंत्री
के
रूप
में
भी
अपनी
पहचान
बनाई.
#WATCH
|
President
Droupadi
Murmu
confers
Bharat
Ratna
upon
veteran
BJP
leader
LK
Advani
at
the
latter’s
residence
in
Delhi.Prime
Minister
Narendra
Modi,
Vice
President
Jagdeep
Dhankhar,
former
Vice
President
M.
Venkaiah
Naidu
are
also
present
on
this
occasion.
pic.twitter.com/eYSPoTNSPL—
ANI
(@ANI)
March
31,
2024
आडवाणी
का
अहम
योगदान
भाजपा
पार्टी
की
स्थापना
में
अटल
बिहारी
वाजपेयी
के
साथ-साथ
लालकृष्ण
आडवाणी
ने
भी
अहम
भूमिका
निभाई
थी.
आडवाणी
के
नेतृत्व
में
ही
बीजेपी
राम
मंदिर
जन्मभूमि
का
राजनीतिक
चेहरा
बनकर
उभरी
थी.
1977
के
आम
चुनाव
जीतने
के
बाद
आडवाणी
को
सूचना
और
प्रसारण
का
मंत्रालय
सौंपा
गया
था
वहीं
1999
के
आम
चुनाव
में
जीत
हासिल
करने
के
बाद
उनको
गृह
मंत्रालय
की
जिम्मेदारी
दी
गई
थी.
साथ
ही
वो
2002
से
2005
तक
उप-प्रधानमंत्री
भी
रहें.
आडवाणी
1991,
1998,
1999,
2004
और
2009
में
गांधीनगर
से
लोकसभा
सांसद
चुने
गए.
2014
में
उन्होनें
आखिरी
बार
गांधीनगर
से
लोकसभा
चुनाव
लड़ा,
जिसमें
जीत
भी
हासिल
की.