Flash Back: …और जब इंदिरा गांधी ने बच्चों को खिलाईं टॉफी, मुस्कुराकर कही ये बात, पढ़ें- यह रोचक वाकया

Flash Back:                                    …और जब इंदिरा गांधी ने बच्चों को खिलाईं टॉफी, मुस्कुराकर कही ये बात, पढ़ें- यह रोचक वाकया
Flash Back: An old story about former prime minister Indira Gandhi.

इंदिरा
गांधी।


फोटो
:
सोशल
मीडिया

विस्तार



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बात
1978
की
है।
पूर्व
प्रधानमंत्री
स्व.
इंदिरा
गांधी
अपने
काफिले
के
साथ
रणंजय
सिंह
से
मिलने
जा
रही
थीं।
वह
उन्हें
अंकल
मानती
थीं।
उनके
साथ
जीएन
मिश्र
सहित
कई
अन्य
नेता
भी
थे।
मुंशीगंज
नरपति
स्कूल
के
पास
स्थित
नाले
पर
सभी
को
रुकना
पड़ा।
बारिश
का
मौसम
था,
जिसकी
वजह
से
नाला
कटा
हुआ
था।
वाहन
निकलना
मुश्किल
था।
वाहनों
के
ठहराव
पर
उनमें
सवार
लोग
निकल
कर
बाहर

गए।
इंदिरा
गांधी
भी
स्थानीय
लोगों
से
नाला
कटने

समस्याओं
की
जानकारी
लेने
लगीं।

प्रत्यक्षदर्शी
रहे
तब
के
युवा
कांग्रेसी
नेता

पूर्व
ब्लॉक
प्रमुख
त्रिभुवन
दत्त
उपाध्याय
कहते
हैं
कि
उधर
से
हम
कई
साथी
गुजर
रहे
थे।
तभी
स्कूल
से
छूटे
बच्चे

कुछ
स्थानीय
युवा
भी
वहां
पहुंच
गए।
इंदिरा
गांधी
को
पहली
बार
सामने
देखकर
सभी
रोमांचित
हो
गए।

इंदिरा
गांधी
ने
भी
बच्चों

युवाओं
को
देखकर
खुद
को
उनसे
मुखातिब
होने
से
नहीं
रोक
सकीं
और
मुस्कुराते
हुए
सभी
को
अपने
करीब
बुलाया।
कुशलक्षेम
पूछा।
इस
दौरान
युवाओं

बच्चों
ने
इंदिरा
गांधी
जिंदाबाद
के
नारे
लगाने
शुरू
किए
तो
वह
खुश
हो
गईं।
सभी
से
बातचीत
कीं।
गाड़ी
से
टॉफी
मंगाकर
बच्चों

युवाओं
को
बांटीं।
सभी
को
टॉफी
खिलाकर
बोंली…अब
मत
मांगना…
मेरे
पास
और
टॉफी
नहीं
हैं।
यह
सुनकर
सभी
लोग
हंस
पड़े।


मुश्किल
दूर
करने
पर
भी
की
थी
मंत्रणा

नाले
के
पास
रास्ता
बंद
होने
पर
आसपास
के
लोगों
से
चर्चा
की।
साथ
आए
नेताओं
को
भी
चेताया
कि
इस
समस्या
का
जल्द
से
जल्द
हल
निकाला
जाए।
कुछ
देर
ठहरने
के
बाद
जब
उन्हें
महसूस
हुआ
और
स्थानीय
लोगों
ने
बताया
कि
गाड़ी
नहीं
निकल
पाएगी
तो
वह
गंतव्य
के
लिए
वापस
लौट
गईं।